नई दिल्ली-भारत क्रिकेट टीम के कोच रवि शास्त्री का मानना है कि इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में ऑलराउंडर सैम करन ने हार और जीत का अंतर पैदा किया। शास्त्री ने कहा कि टेस्ट सीरीज में वे इंग्लैंड के सामूहिक प्रयास से नहीं हारे बल्कि हरफनमौला सैम करन के शानदार खेल ने उन्हें संकट में डाला। भारत को 5 मैचों की सीरीज में 1-4 से हार झेलनी पड़ी। हालांकि शास्त्री ने कहा कि स्कोर से उनकी टीम के जुझारूपन के बारे में पता नहीं चलता।
शास्त्री नेकहा,’मैं यह नहीं कहूंगा कि हम बुरी तरह नाकाम रहे लेकिन हमने कोशिश की। हमें जहां जरूरी हो, वहां श्रेय देना चाहिए। विराट और मुझे मैन ऑफ द सीरीज (इंग्लैंड के लिए) चुनने को कहा गया और हम दोनों ने सैम करन को चुना। उन्होंने हमें बहुत नुकसान पहुंचाया। इंग्लैंड से ज्यादा करन ने हमें परेशान किया।’ टीम इंडिया के चीफ कोच ने कहा, ‘पहले टेस्ट में इंग्लैंड का स्कोर 7 विकेट पर 87 रन था, लेकिन फिर करन ने रन बनाए। चौथे टेस्ट में उनका स्कोर पहली पारी में 6 विकेट पर 86 रन था, लेकिन बाद में उसने (करन) रन बनाए। एजबस्टन में पहली पारी में हमारा स्कोर बिना किसी नुकसान के 50 रन था, लेकिन उसने विकेट ले लिए। सीरीज में अहम मौकों पर उसने रन बनाए या विकेट लिए।’यह जरूरी नहीं कि एक अच्छा बल्लेबाज एक अच्छा कप्तान भी साबित हो। महान बल्लेबाज सचिन तेंडुलकर इसके सबसे बड़े उदाहरण हैं। ‘गॉड ऑफ क्रिकेट’ के नाम से मशहूर सचिन ने एक बल्लेबाज के रूप में कई रेकॉर्ड बनाए, लेकिन एक कप्तान के तौर पर शायद ही कोई ऐसा रेकॉर्ड बनाया हो, जिसका जिक्र किया जा सके।इंग्लैंड के खिलाफ मंगलवार को संपन्न टेस्ट सीरीज से साबित हुआ कि उनकी कप्तानी में अब भी काफी सुधार की गुंजाइश है। कप्तान के तौर पर विराट ने कई ऐसे फैसले किए, जिसका खामियाजा टीम को सीरीज हार से चुकाना पड़ा। एक नजर विराट के उन फैसलों पर जिनका असर मैच रिजल्ट पर पड़ा।भारत और इंग्लैंड के बीच इस सीरीज से साबित हुआ कि बल्लेबाज विराट सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विश्व क्रिकेट में अपने समकक्षों से कहीं आगे हैं। विराट ने सीरीज के दौरान 2 शतक और 2 अर्धशतकों की मदद से 593 रन बनाए और इंग्लैंड के सबसे सफल गेंदबाज एंडरसन को एक बार भी अपना विकेट नहीं दिया
शास्त्री नेकहा,’मैं यह नहीं कहूंगा कि हम बुरी तरह नाकाम रहे लेकिन हमने कोशिश की। हमें जहां जरूरी हो, वहां श्रेय देना चाहिए। विराट और मुझे मैन ऑफ द सीरीज (इंग्लैंड के लिए) चुनने को कहा गया और हम दोनों ने सैम करन को चुना। उन्होंने हमें बहुत नुकसान पहुंचाया। इंग्लैंड से ज्यादा करन ने हमें परेशान किया।’ टीम इंडिया के चीफ कोच ने कहा, ‘पहले टेस्ट में इंग्लैंड का स्कोर 7 विकेट पर 87 रन था, लेकिन फिर करन ने रन बनाए। चौथे टेस्ट में उनका स्कोर पहली पारी में 6 विकेट पर 86 रन था, लेकिन बाद में उसने (करन) रन बनाए। एजबस्टन में पहली पारी में हमारा स्कोर बिना किसी नुकसान के 50 रन था, लेकिन उसने विकेट ले लिए। सीरीज में अहम मौकों पर उसने रन बनाए या विकेट लिए।’यह जरूरी नहीं कि एक अच्छा बल्लेबाज एक अच्छा कप्तान भी साबित हो। महान बल्लेबाज सचिन तेंडुलकर इसके सबसे बड़े उदाहरण हैं। ‘गॉड ऑफ क्रिकेट’ के नाम से मशहूर सचिन ने एक बल्लेबाज के रूप में कई रेकॉर्ड बनाए, लेकिन एक कप्तान के तौर पर शायद ही कोई ऐसा रेकॉर्ड बनाया हो, जिसका जिक्र किया जा सके।इंग्लैंड के खिलाफ मंगलवार को संपन्न टेस्ट सीरीज से साबित हुआ कि उनकी कप्तानी में अब भी काफी सुधार की गुंजाइश है। कप्तान के तौर पर विराट ने कई ऐसे फैसले किए, जिसका खामियाजा टीम को सीरीज हार से चुकाना पड़ा। एक नजर विराट के उन फैसलों पर जिनका असर मैच रिजल्ट पर पड़ा।भारत और इंग्लैंड के बीच इस सीरीज से साबित हुआ कि बल्लेबाज विराट सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विश्व क्रिकेट में अपने समकक्षों से कहीं आगे हैं। विराट ने सीरीज के दौरान 2 शतक और 2 अर्धशतकों की मदद से 593 रन बनाए और इंग्लैंड के सबसे सफल गेंदबाज एंडरसन को एक बार भी अपना विकेट नहीं दिया