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नीरज चोपड़ा ने रचा इतिहास,भाला फेंक में जीता गोल्ड मेडल

तोक्यो- फाइनल में नीरज चोपड़ा ने अपनी लय बरकरार रखी है। 86 मीटर के थ्रो से वह जैवलिन थ्रो में क्वालिफाय किए थे लेकिन अपने प्रदर्शन को सुधारते हुए उन्होंने 87.03 मीटर का थ्रो फेंका।

नीरज चोपड़ा को अपनी प्रेरणा मानने वाले पाकिस्तानी खिलाड़ी नदीम ने पहले प्रयास में 82.04 मीटर तक भाला फेंका।दूसरे प्रयास में नीरज चोपड़ा ने 87.53 मीटर तक जैवलीन मारा। यह पहले प्रयास से भी बेहतर था।

अरशद नदीम ने दूसरा थ्रो मारकर एक बेवकूफी करी। संतुलन बनाने के बाद लाइन से आगे चले गए।दूसरे राउंड के बाद भी नीरज चोपड़ा 87.58 मीटर के साथ शीर्ष पर चल रहे हैं। तीसरे थ्रो मे नीरज चोपड़ा का प्रदर्शन गिरा और सिर्फ 76.5 मीटर तक ही जैवलिन थ्रो फेंका।

चौथा थ्रो फेंकने के बाद नीरज चोपड़ा अपने प्रयास से संतुष्ट नहीं थे इस कारण जानबूझ कर लाइन के आगे आ गए। नीरज चोपड़ा ने दो थ्रो फेंकने के बाद 76 और 75 मीटर किए जिसमें से बाद वाला प्रयास काउंट नहीं किया गया।पांचवे प्रयास में नीरज चोपड़ा ने फोलो थ्रू में गड़बड़ की सिर्फ 75 मीटर तक थ्रो कर पाए लेकिन उनका दूसरा प्रयास अब तक का सर्वश्रेष्ठ है इस कारण जानबूझ कर स्टेप आउट कर गए। लेकिन अंतिम थ्रो से पहले ही उनका गोल्ड मेडल पक्का हो गया। यह भारत के लिए ना केवल टोक्यो ओलंपिक में पहला गोल्ड मेडल मिला है बल्कि एथलेटिक्स में पहला मेडल मिला है वह भी गोल्ड।

 

2008 में अभिनव बिंद्रा ने रचा था इतिहास

13 वर्ष पहले अभिनव बिंद्रा ने मीटर एयर रायफल स्पर्धा में भारत को गोल्ड मेडल दिलाकर इतिहास रचा था। वह 11 अगस्त 2008 को बीजिंग ओलिंपिक खेलों की व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतकर व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने थे।

 

क्वॉलिफिकेशन राउंड में भी रहे थे टॉपर

नीरज ने क्वॉलिफिकेशन राउंड के पहले प्रयास में ही 86.65 मीटर के थ्रो के साथ फाइनल के लिए क्वॉलीफाइ कर भारत की पदक की उम्मीदें बढ़ा दी थीं। नीरज ग्रुप-ए में पहले स्थान पर रहे थे, उसके बाद उनसे सोना लाने की संभावना बढ़ गई थी।

 

भारत के लिए तोक्यो में मेडल जीतने वाले ऐथलीट

1. वेटलिफ्टर मीराबाई चानू: मणिपुर की 26 वर्षीय वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने तोक्यो ओलिंपिक में भारत के लिए पहला सिल्वर मेडल जीता। उन्होंने महिलाओं के 49 किग्रा में 202 किग्रा (87 किग्रा + 115 किग्रा) भार उठाकर सिल्वर अपने नाम किया।

2. बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन: भारत की स्टार मुक्केबाज लवलीना बोर्गोहेन को महिला वेल्टरवेट वर्ग (69 किग्रा) के सेमीफाइनल में तुर्की की मौजूदा विश्व चैंपियन बुसेनाज सुरमेनेली के खिलाफ शिकस्त के साथ ब्रॉन्ज मेडल से संतोष करना पड़ा।

3. शटलर पीवी सिंधु: सिंधु ने महिला बैडमिंटन के सिंगल्स का ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। उन्होंने चीन की ही बिंग जियाओ को 2-0 से हराया था। यह उनका ओलिंपिक में रेकॉर्ड दूसरा मेडल रहा।

4. पहलवान रवि दहिया: भारत के पहलवान रवि कुमार दहिया को पुरुष फ्रीस्टाइल 57 किग्रा भार वर्ग के फाइनल मुकाबले में रूस ओलंपिक समिति (आरओसी) के जायूर उगयेव के हाथों 4-7 से हार का सामना कर रजत पदक से संतोष करना पड़ा।

5. पुरुष हॉकी टीम: भारत की पुरुष हॉकी टीम ने जर्मनी को 5-4 से हराकर ऐतिहासिक ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। 1980 के बाद यह पहला मौका था जब भारत ने हॉकी में मेडल जीता है।

6. पहलवान बजरंग पूनिया: पूनिया ने पुरुषों के फ्री स्टाइल 65 किलो वर्ग कुश्ती स्पर्धा का ब्रॉन्ज मेडल जीतते हुए इतिहास रच दिया। उन्होंने कजाखस्तान के डाउलेट नियाजबेकोव को 8-0 से एकतरफा हराया। इसके साथ ही भारत के पदकों की संख्या 6 हो गई है, जो लंदन ओलिंपिक-2012 के कराबर है।

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