पटना-देवी-देवताओं को खुश करने के लिए भक्त कई तरीके अपनाते हैं। ऐसे ही एक भक्त हैं पटना के नागेश्वर बाबा जो पिछले 22 साल से नवरात्रि के दौरान देवी की पूजा इस अंदाज में करते हैं कि देखने वालों के मुंह खुले के खुले रह जाते हैं। दरअसल, बाबा इस साल अपने सीने पर 21 कलश की स्थापना कर मां दुर्गा की पूजा कर रहे हैं। इस दौरान वह खाना-पीना तो दूर, हिलते तक नहीं हैं।
पटना के नौलखा मंदिर में पिछले 22 साल से नागेश्वर बाबा इस तरह देवी की आराधना करते आ रहे हैं। वह बताते हैं कि उन्हें ऐसा करने की ताकत देवी से मिलती है। बाबा नवरात्रि से 15 दिन पहले से व्रत रहना शुरू कर देते हैं। वह बताते हैं कि इस मंदिर में कई लोग मां दुर्गा का आशीर्वाद लेने आते हैं। जो मां अपने बच्चों का ध्यान रखती हैं, उनके कदमों में लेटने से ज्यादा संतुष्टि कहीं नहीं है।
हर साल नागेश्वर अपने सीने पर पिछले साल से एक कलश ज्यादा रखते हैं। इन कलश में गंगाजल होता है। मूलरूप से दरभंगा निवासी नागेश्वर दावा करते हैं कि उनके सपने में आकर मां दुर्गा ने उनसे ऐसा करने के लिए कहा था।नौ दिनों में वह न कुछ खाते-पीते हैं और न ही करवट लेते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि ऐसे में इंसान में कमजोरी तो आती है लेकिन इच्छाशक्ति के सहारे यह काम किया जा सकता है।
पटना के नौलखा मंदिर में पिछले 22 साल से नागेश्वर बाबा इस तरह देवी की आराधना करते आ रहे हैं। वह बताते हैं कि उन्हें ऐसा करने की ताकत देवी से मिलती है। बाबा नवरात्रि से 15 दिन पहले से व्रत रहना शुरू कर देते हैं। वह बताते हैं कि इस मंदिर में कई लोग मां दुर्गा का आशीर्वाद लेने आते हैं। जो मां अपने बच्चों का ध्यान रखती हैं, उनके कदमों में लेटने से ज्यादा संतुष्टि कहीं नहीं है।
हर साल नागेश्वर अपने सीने पर पिछले साल से एक कलश ज्यादा रखते हैं। इन कलश में गंगाजल होता है। मूलरूप से दरभंगा निवासी नागेश्वर दावा करते हैं कि उनके सपने में आकर मां दुर्गा ने उनसे ऐसा करने के लिए कहा था।नौ दिनों में वह न कुछ खाते-पीते हैं और न ही करवट लेते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि ऐसे में इंसान में कमजोरी तो आती है लेकिन इच्छाशक्ति के सहारे यह काम किया जा सकता है।