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चुनावी प्रचार में संजोग वाघेरे की आघाडी,श्रीरंग बारणे की पिछाड़ी

पिंपरी- देश में लोकसभा चुनाव का बिगुल बिगुल बजने में अभी 7 दिन बाकी है। लेकिन मावल लोकसभा क्षेत्र के पनवेल में कल शिवसेना उद्धव ठाकरे ने चुनावी शंखनाद कर दी। साथ ही अपनी पार्टी शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे की ओर से अधिकृत उम्मीदवार संजोग वाघेरे के नाम की घोषणा कर दी। उद्धव ने नारा दिया कि ‘अबकी बार भाजपा तडीपार’। वाघेरे डोर टू डोर चुनावी प्रचार में जुट गए हैं। उन्होंने दावा किया है कि मावल में शिवसेना उद्धव बाला साहेब ठाकरे का उम्मीदवार यानि मैं निर्वाचित होगा। वाघेरे ने यह भी दावा किया है कि अगर कोई भी उम्मीदवार कमल के निशान पर खड़ा होता है तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा, उल्टा उनकी जीत और आसान हो जाएगी। क्योंकि भाजपा से लोग महंगाई,बेरोजगारी के मुद्दे पर परेशान है।

संजोग वाघेरे का घाट के नीचे परिसरों पर फोकस,बारणे भूमिपूजन-उद्धघाटन में व्यस्त
आपको बताते चलें कि 3 महिने पूर्व जब संजोग वाघेरे राष्ट्रवादी कांग्रेस का दामन छोड़कर शिवसेना उद्धव ठाकरे का दामन थामा,उसी समय सेे वे मावल लोकसभा क्षेत्र में तूफानी चुनावी प्रचार कर रहे हैं। उनका ज्यादा फोकस खंडाला घाट के नीचे वाले इलाकों में है। उनका मानना है कि पिंपरी चिंचवड शहर,मावल,लोनावला इन परिसरों में उनकी बढ़त है। यह कहना गलत नहीं होगा कि संजोग वाघेरे पाटिल चुनावी प्रचार के मामले में अपने प्रतिद्धंद्धी श्रीरंग बारणे से लीड ले रखी है। संजोग वाघेरे को इस बात का ध्यान रखना होगा कि..कछुआ और खरगोश की कहावत चरितार्थ न होने पाए…क्योंकि अभी चुनावी विगुल बजा नहीं,दिल्ली अभी दूर है। तब तक खुद की एनर्जी,पैसा बचाकर रखना होगा।हलांकि बारणे भी शांत नहीं बैठे हैं वे विभिन्न विकास कामों के लिए भूमिपूजन,उद्घाटन में व्यस्त है। यह बात अलग है कि मतदाता कहते हैं कि 10 साल भूमिपूजन ,उद्घटान क्यों नही किए? यह काम अब कब पूरा होगा? राम जाने।

श्रीरंग बारणे के सामने टिकट संकट
श्रीरंग बारणे का चुनावी प्लेटफॉर्म तैयार है,उनके लिए मावल लोकसभा क्षेत्र नया नहीं है। केवल चिंता टिकट पाने का है। मावल सीट पर जब से भाजपा ने अपना दावा ठोंका,तब से श्रीरंग बारणे विचलित हैं। राजनीतिक गलियारों से यह बात छनकर निकल रही है कि अगर भाजपा कोटे में मावल सीट जाती है तो वो दिल्ली दरबार से भाजपा टिकट का जुगाड़ कर लेंगे। लेकिन भाजपाईयों को यह मंजूर नहीं,जबर्दस्त विरोध देखने को मिल रहा है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि संजोग वाघेरे के सामने कौन प्रतिद्धंद्धी चुनावी मैदान में ताल ठोंकेगा।

10 साल में कोई विकास नहीं!
वाघेरे ने आगे कहा कि पिछले 10 सालों में मावल लोकसभा क्षेत्र में कोई विकास नहीं हुआ है। मावल निर्वाचन क्षेत्र की भौगोलिक संरचना को देखते हुए यह निर्वाचन क्षेत्र पर्यटन के लिए भी अच्छा है और एक औद्योगिक क्षेत्र भी है। इस क्षेत्र में पर्यटन का विकास किया जाना चाहिए था। इसमें कार्यकर्ताओं के कई विषय हैं। साथ ही किसानों की भी कई समस्याएं हैं। ऐसा लगता है कि पिछले 10 वर्षों से इसकी उपेक्षा की जा रही है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि मैं इन मुद्दों पर काम करूंगा।

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