ताज़ा खबरे
Home / ताज़ा खबरे / शिवसेना से लड़े या भाजपा से…श्रीरंग बारणे मंजूर नहीं-सुनिल शेलके

शिवसेना से लड़े या भाजपा से…श्रीरंग बारणे मंजूर नहीं-सुनिल शेलके

विधायक सुनिल शेलके ने मुख्यमंत्री,दोनों उपमुख्यमंत्री को भेजा रिपोर्ट

पिंपरी-मावल लोकसभा क्षेत्र से लगातार दो बार के सांसद श्रीरंग बारणे इस बार बुरे फंसते नजर आ रहे हैं। उनकी उम्मीदवारी को लेकर जबर्दस्त विरोध हो रहा है। वहीं अब मावल लोकसभा सीट को लेकर शिंदे गुट और अजित पवार गुट के बीच विवाद की चिंगारी भड़क उठी है। मावल से अजित पवार की पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस के विधायक सुनिल शेलके ने श्रीरंग बारणे का सार्वजनिक विरोध करते हुए कहा कि शिवसेना(शिंदे) से लडें या भाजपा से,किसी भी परिस्थिति में श्रीरंग बारणे मंजूर नहीं। बारणे को कमल के निशान पर उम्मीदवारी देते हैं तो मेरा विरोध बना रहेगा।

सुनिल शेलके ने एक रिपोर्ट तैयार करके मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे,उपमुख्यमंत्री अजित पवार,देवेंद्र फडणवीस को भेजा है। रिपोर्ट में लाखों राष्ट्रवादी कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की भावना पहुंचाने का काम किया है। साथ ही यह भी मांग की है कि मावल लोकसभा सीट राकांपा को दी जाए। हमारे पास ऐसा उम्मीदवार है जो लगभग डेढ लाख के मार्जिन से चुनाव जीतेगा। पिंपरी चिंचवड़ शहर, मावल, कर्जत या पनवेल में भी एनसीपी की अच्छी ताकत है। भाजपा की ओर से कोई नेता ने यह नहीं कहा कि बारणे भाजपा के टिकट पर चुनाव लडें। भाजपा के पास कई अच्छे उम्मीदवार हैं। भाजपा उम्मीदवार आयात क्यों करेगी?

श्रीरंग बारणे का क्या विजय रथ फंसा गया?
पिछले 2019 के लोकसभा चुनाव में सांसद श्रीरंग बारणे को भाजपा-शिवसेना की गठबंधन ने टिकट दिया,लेकिन स्व.लक्ष्मण जगताप का मूक विरोध था। बारणे उनके सांगवी निवास पर जाकर आर्शीवाद प्राप्त किया। फिर एक संयुक्त प्रेसवार्ता में स्व.लक्ष्मण जगताप ने समर्थन का ऐलान किया। 2019 में अजित पवार के पुत्र पार्थ पवार राकांपा के टिकट पर मैदान में थे। बारणे समर्थकों की ओर से स्थानीय और बाहरी का ट्रम कॉर्ड खेला गया। वाकड में उद्धव ठाकरे की एक विशाल सभा बारणे के समर्थन में हुई। उस सभा में स्व.लक्ष्मण जगताप ने कहा कि उद्धवजी भानुमति-बारामती यहां नहीं चलेगी। माहौल बदला और जगताप के समर्थक मैदान में उतरे और भारी मतों से बारणे चुनाव जीते। लेकिन इस बार का माहौल बारणे के विपरित है। भाजपा,राष्ट्रवादी दोनों बारणे की उम्मीदवारी का विरोध कर रहे हैं। जनता के बीच से जो खबरें छनकर आ रही है वह बारणे के लिए सुकुन भरी नहीं है। अब देखना होगा कि बारणे को टिकट मिलता है या नही? मिलता है तो दोनों पार्टियों के कार्यकर्ता दिल से काम करेंगे या नहीं? बारणे की हैट्रिक होगी या नहीं? समय का इंतजार करते हैं और देखते हैं कि इस चुनावी रण में मावल के मैदान में ऊंट किस ओर करवट बदलता है।

Check Also

महाराष्ट्र भाजपा के 23 प्रत्याशियों का ऐलान,5 सांसदों का पत्ता कटा

मुंबई-महाराष्ट्र में 19 अप्रैल से 20 मई तक पांच चरणों में लोकसभा चुनाव होंगे। बीजेपी …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *