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दो गैंगों में खूनी संघर्ष,ससून में भर्ती हम्बीर के 4 गैंगस्टर गिरफ्तार

तलवार,चॉपर,पिस्तौल,कारतुस बरामद: डीसीपी सागर पाटिल के मार्गदर्शन में बंडगार्डन पुलिस की कार्रवाई

 

पुणे-पुणे हडपसर परिसर का एक गैंग सरगना तुषार हम्बीर की हत्या करने आए दूसरे प्रतिस्पर्धी गैंग के चार खूंखार अपराधियों को बंडगार्डन पुलिस ने गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की। पुलिस उपायुक्त(जोन-2) सागर पाटिल के मार्गदर्शन में चारों खूंखार अपराधियों को सिंहगढ रोड से गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आरोपियों के नाम सागर हनुमंत ओव्हाल (22),उनके भाई,बालाजी (23),सूरज शेख (19) और सागर आटोले (21) बताया गया है। इनके पास से घातक हथियार तलवार,चॉपर,देशी पिस्तौल,कारतुस बरामद हुआ है।

 

डीसीपी पाटिल ने बताया कि हडपसर में दो गैंगों के बीच पुरानी खूनी संघर्ष है। तुषार हम्बीर गैंग ने प्रतिस्पर्धी गैंग के सरगना सुजीत वर्मा की हत्या 2017 में कर दी थी। आरोपी ओव्हाल बंधु हडपसर में एक गिरोह का सदस्य है। तभी से दुश्मनी चली आ रही है। तुषार हम्बीर एक अन्य मामले में येरवडा जेल में बंद था। पुलिस इलाज के लिए ससून अस्पताल में भर्ती करायी थी। यह भनक जैसे ही ओव्हाल गिरोह को लगी वह अस्पताल में ही हम्बीर की हत्या करने की योजना बनाई। गिरफ्तार चारों आरोपी वॉर्ड तक पहुंच गए थे लेकिन पुलिस का सुरक्षा घेरा होने के कारण हाथापाई हुई और नाकाम होकर फरार हो गए। आखिरकार पुलिस ने चारों को दबोचने में कामयाब रही। पांचवें साथी की पुलिस तलाश कर रही है।

 

हत्या के आरोप में जेल

सोमवार की रात हमलावरों ने उस वॉर्ड में पहुंचने की कोशिश की जहां हम्बीर भर्ती था। उसे एक पुलिसकर्मी ने रोका, जिसमें वह भी घायल हो गया। 25 अगस्त को हम्बीर को येरवडा सेंट्रल जेल से ससून अस्पताल में शिफ्ट किया गया था। सितंबर 2015 में एक राजनीतिक दल के युवा विंग के नेता हेमंत गायकवाड़ की हत्या में उनकी कथित संलिप्तता के बाद हम्बीर को 2016 में महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत हिरासत में लिया गया था तब से वह जेल में है।

 

विभिन्न अपराध दर्ज

बंडगार्डन पुलिस के वरिष्ठ निरीक्षक प्रताप मानकर ने कहा कि सागर ओव्हाल पर संपत्ति और वेश्यावृत्ति सहित पांच मामलों में मामला दर्ज किया गया है। उसके भाई बालाजी के खिलाफ दो मामले दर्ज हैं। अन्य दो पर भी संपत्ति और वेश्यावृत्ति के अपराधों के लिए मामला दर्ज किया गया है।

 

हमलावरों को हम्बीर के बारे में जानकारी कैसे मिली?

पांचों हमलावरों को हम्बीर ससून के अस्पताल पहुंचने की सूचना कैसे मिली,इस पर डीसीपी पाटिल ने कहा,ओव्हाल बंधु और उनके साथी हम्बीर के गिरोह के एक अन्य सदस्य का पीछा कर रहे थे। तभी उन्होंने देखा कि गिरोह का सदस्य ससून अस्पताल में बार-बार आ रहा था। उसका पीछा करते हुए ससून अस्पताल पहुंचे,जहां उनको हम्बीर के भर्ती होने की जानकारी मिली। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि ओव्हाल के पिता भी किडनी की बीमारी के चलते ससून अस्पताल में भर्ती हैं। उन्होंने महसूस किया कि हम्बीर के आदमी यहाँ बार-बार आ रहे थे। इस तरह उन्हें पता चला कि हम्बीर अस्पताल में है। इस बीच पुलिस ने कहा है कि आरोपियों से गहन पूछताछ की जा रही है और कितने अन्य शामिल हैं इस बारे में जानाकरी खंगाला जा रह है।

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