पुणे- रेल मंत्रालय स्थानीय उत्पादों को बाजार और कलाकारों की कला को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से देश भर के चुनिंदा 750 रेलवे स्टेशनों पर ’एक स्टेशन एक उत्पाद’ (एक स्टेशन-एक उत्पाद) पहल लागू कर रहा है। इसमें पुणे स्टेशन भी शामिल है। इसमें रेल प्रशासन इस स्टॉल को मामूली दर यानी दो हजार किराए के आधार पर उपलब्ध करा रहा है। ये स्टॉल अक्टूबर से ग्राहकों के लिए उपलब्ध होंगे।
यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ’वोकल फॉर लोकल’ की अवधारणा पर आधारित है और रेल मंत्रालय इसके लिए कड़ी मेहनत कर रहा है। लगभग 300 करोड़ रुपये की लागत से यह पहल देश भर के 750 स्टेशनों पर लागू की जा रही है। इसके लिए अलग तरह का स्टॉल तैयार किया जा रहा है। स्टॉल धारक केवल स्टेशन पर ही अपने उत्पाद बेच सकेंगे। साथ ही स्टॉल के लाइट बिल का भुगतान करना होगा।
स्थानीय उत्पादों के लिए बाजार प्राप्त करने के उद्देश्य से ’एक स्टेशन एक उत्पाद’ की अवधारणा को लागू किया जा रहा है। आंतरिक बिक्री अक्टूबर से पुणे स्टेशनों पर शुरू होगी। इसके लिए काफी कम किराया लिया जाता है। ऐसी जानकारी पुणे के अपर मंडल रेल प्रबंधक वी के सिंह ने दी।
इस उत्पाद को बेचने की अनुमति
रेल मंत्रालय ने हस्तशिल्प,कपड़ा और हथकरघा,पारंपरिक कपड़े और स्थानीय कृषि उत्पादों जैसे सामानों या उत्पादों की बिक्री की अनुमति दी है। ये स्टॉल प्लेटफॉर्म या ऐसी जगहों पर हैं जहां यात्रियों का भारी भीड़ रहती है। रेलवे द्वारा ऐसे स्थानों पर स्टॉल उपलब्ध करा रही है।
पुणे मंडल के 11 स्टेशनों पर स्टॉल
पुणे, कोल्हापुर, मिराज, सांगली, जयसिगपुर, हटकनगले, सतारा, शिवाजीनगर, खड़की, पिंपरी, चिंचवड़ आदि स्टेशनों पर इस उद्देश्य के लिए आयताकार स्टॉल लगाए जाएंगे। इस तरह के स्टॉल मध्य रेलवे के कुछ चुनिंदा स्टेशनों पर भी उपलब्ध होंगे।