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महादेव के जयकारों से गूंज रही काशी  

वाराणसी- आज सावन महीने का तीसरा सोमवार है। वाराणसी में बाबा विश्वनाथ का अभिषेक पाकिस्तान की सिंधु सहित देश की 12 नदियों और तीन समुद्रों के जल से किया गया। आज बाबा विश्वनाथ अर्धनारीश्वर स्वरूप में भक्तों को दर्शन दे रहे हैं। इससे पहले डमरू बजाते हुए यात्रा निकाली गई।

 

विश्वनाथ गली व्यवसायी संघ के महामंत्री कमल तिवारी ने बताया, ”विश्व कल्याण की कामना के साथ जलाभिषेक यात्रा निकाली गई। परंपरा निभाते हुए दशाश्वमेध के चितरंजन पार्क पर व्यापारी कलश में जल लेकर इकट्ठा हुए। त्रिशूल और डमरू लेकर सभी सिंह द्वार (डेढ़सी पुल) से साक्षी विनायक होते हुए गेट नंबर एक से विश्वनाथ मंदिर में जलाभिषेक करने पहुंचे। फिर, मां अन्नपूर्णा का दर्शन-पूजन कर ढुंढिराज से होकर वापस साक्षी विनायक के दर्शन करने के बाद जलाभिषेक यात्रा का समापन हुआ।

गूंज रहे महादेव के जयकारे

भोर में पारंपरिक तरीके से बाबा विश्वनाथ की मंगला आरती हुई। आरती के बाद बाबा विश्वनाथ के मंदिर के गर्भगृह के पट झांकी दर्शन के लिए खुले तो रविवार की रात से ही लाइन में खड़े श्रद्धालु हर-हर महादेव के जयकारे लगाने लगे। विश्वनाथ धाम से गंगा तट तक का इलाका भक्तों के जयकारों से गूंजता रहा।

 

श्रद्धालु रविवार की रात से ही लाइन में लग गए थे। भोर में मंगला आरती के बाद बाबा विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह के पट खुले तो श्रद्धालु लाइन से दर्शन के लिए आगे बढ़ते रहे। श्रद्धालु रविवार की रात से ही लाइन में लग गए थे। भोर में मंगला आरती के बाद बाबा विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह के पट खुले तो श्रद्धालु लाइन से दर्शन के लिए आगे बढ़ते रहे।

 

हर तरह से फलदायी है सावन का महीना

श्रीकाशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रो. राम नारायण द्विवेदी ने कहा कि सावन का महीना हर तरह से फलदायी और पुण्यकारी होता है। महादेव अपने भक्तों के ऊपर हमेशा विशेष कृपा करते हैं। आसानी से प्रसन्न भी हो जाते हैं। सावन में सनातन धर्मियों को भगवान शिव को जल अर्पित कर उन पर बेलपत्र जरूर चढ़ाना चाहिए। इसके साथ ही ऊं नम: शिवाय का जाप हमारे कष्टों और बाधाओं को दूर कर हमें भगवान शिव की कृपा दिलाता है।

 

गंगा, यमुना, सरस्वती (त्रिवेणी संगम), कावेरी, ताप्ती, ब्रह्मपुत्र, अलकनंदा, वरुणा, गोदावरी, क्षिप्रा, सिंधु, कृष्णा, नर्मदा के अलावा तीन महासागरों महानद (गंगासागर), अरब सागर और हिंद महासागर के जल से काशी विश्वनाथ का अभिषेक किया गया।

पुलिस कमिश्नर ने कहा कि वाराणसी में गंगा अपने चेतावनी बिंदु से 4 मीटर नीचे बह रही हैं। इसलिए प्रमुख गंगा घाटों पर जल पुलिस के साथ ही छऊठऋ की 11वीं बटालियन और पीएसी बाढ़ राहत दल के जवान अतिरिक्त सतर्कता के साथ ड्यूटी करें। श्रद्धालुओं को लगातार आगाह करते रहें कि वह गंगा में नहाने के दौरान गहरे पानी में ना जाएं।

 

पिछले दो सोमवार को 11 लाख भक्तों ने किया दर्शन

सावन के बीते दो सोमवार को श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में 11 लाख से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन चुके हैं। इसके अलावा 14 जुलाई से अब तक की बात की जाए तो 35 लाख से ज्यादा श्रद्धालु श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन करने आ चुके हैं। मंदिर प्रशासन का अनुमान है कि आज भी 5 लाख से अधिक श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ के दर्शन-पूजन के लिए आएंगे।

 

श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए विश्वनाथ धाम परिसर में रेड कार्पेट बिछाए जाने के साथ ही गर्मी से बचाव के लिए कूलर-पंखे और टेंट की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा पीने के पानी और सामान सुरक्षित रखने के लिए लॉकर की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।

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