
पिंपरी- पुणे और पिंपरी चिंचवड शहर समेत पूरे राज्य के विद्यालयों को दिवाली अवकाश घोषित किया गया है। राज्य सरकार की शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड ने 7 से 20 नवंबर तक विद्यालयों को छुट्टी देने की घोषणा की है। बंद विद्यालयों को छुट्टी देना भारत के इतिहास में पहली घटना होगी।
वर्षा गायकवाड ने बताया कि पालकों के आग्रह को सम्मान देते हुए ऐसा निर्णय लिया गया है। राज्य में कोरोना की वजह से भले ही स्कुल,कालेज शुरु न हो और ऑनलाइन पढाई जारी हो लेकिन दिवाली त्योहार के लिए पालकों ने ऑनलाइन क्लास का हवाला देते हुए गांव में दीपावली त्योहार मनाने के लिए छुट्टियां मांगी थी। वर्षा गायकवाड के इस निर्णय का पालक,छात्र ने स्वागत किया है।
कोरोना काल की वजह से मई में शुरु होने वाले स्कुल कालेज नवंबर महिने तक शुरु नहीं हो सका। ऑनलाईन क्लास लेने का निर्णय भी 3 महिने बाद विलंब से लिया गया। अभी भी जो पालक,छात्र कोरोना के डर से मार्च-अप्रैल में गांवों की ओर पलायन कर चुके थे वो 7 महिने बीत जाने के बाद वापस नहीं लौटे। इनकी संख्या 30-40 प्रतिशत है। स्कुल प्रबंधकों की ओर से फोन करके फीस भरने की सख्ती अवश्य की जा रही है। कई गरीब पालकों के पास स्मार्ट फोन न होने से ऑनलाइन क्लास से वंचित है। अब स्कुल कालेज महाराष्ट्र में कब शुरु होंगे? इस बारे में सस्पेंस बरकरार है। जम्बो स्लेबस पूरा होगा या नहीं? छमाही परीक्षाएं दिवाली में ली जाती थी वो भी काम चलाऊ स्थिति में है। सवाल है कि जब स्कुली बच्चे घरों में रहकर एक घंटे ऑनलाइन क्लास अटेंड कर रहे हैं तो फिर 14 दिनों की दिवाली छुट्टी देने का क्या औचित्य था? मतलब वही हुआ कि करेला उपर से नीम चढा।