पिंपरी- पिछले दो सालों से कोरोना काल में कामगारों की व्यथा और वेदना किसी ने नहीं सुनी। लॉकडाउन में कंपनियां बंद पडी,हजारों कामगार बेरोजगार हुए,सैकडों किमी पैदल कामगार अपने गांव जाने को मजबुर हुए। कंपनी मालिकों ने काम से निकाल डाला, परमानेंट कामगारों को 50% वेतन पर रखा। कोर्ट का …
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