पुणे- पुणे क्षेत्र के परमार्थ उपायुक्त ने उद्योगपति नुस्ली वाडिया की वह अर्जी खारिज कर दी है जिसमें उन्होंने खुद को आजीवन मॉडर्न एजुकेशन सोसाइटी (एमईएस) का मुख्य न्यासी और अपने बेटों नेस और जहांगीर को न्यासी नियुक्त करने की मंजूरी मांगी थी। एमईएस मुंबई और पुणे में कई शिक्षा संस्थान चलाता है जिनमें माटुंगा स्थित डीजी रूपारेल कॉलेज और दादर स्थित न्यू लॉ कॉलेज शामिल हैं। एमईएस के स्वामित्व वाली जमीनों में यहां के वघोली इलाके में 21 एकड़ का एक भूखंड शामिल है और इन संपत्तियों की कुल कीमत सैकड़ों करोड़ रुपये है। एमईएस द्वारा जारी की गयी एक विज्ञप्ति में परमार्थ उपायुक्त एन वी जगताप ने कहा कि ‘‘लोकतांत्रिक व्यवस्था’’ में ऐसा (आजीवन एक मुख्य न्यासी और न्यासी होना) सही नहीं होगा और न्यास में प्रतिनिधित्व के लिहाज से प्रबंधन एवं शिक्षण समुदाय के बीच संतुलन बनाना होगा। विज्ञप्ति के अनुसार, ‘‘इसकी बजाए जगताप ने कहा कि ट्रस्ट में वाडिया परिवार से तीन सदस्य, एमईएस के शिक्षण एवं गैर शिक्षण कर्मचारियों में से तीन सदस्य और आम जनता से एक सदस्य होना चाहिए जिसके पास न्यास चलाने का अनुभव एवं योग्यता हो।’’ शुक्रवार को जारी किए गए आदेश में जगताप ने कहा कि न्यास का कार्यकाल पांच साल का होगा।
Tags मॉडर्न एजुकेशन सोसाइटी का मुख्य न्यासी बनाने की नुस्ली वाडिया की अर्जी नामंजूर
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