पुणे-लांस हवलदार अनीश कुमार एस केरल के कोल्लम जिले के रहने वाले हैं। इस साल अगस्त में केरल की तबाही में उनका परिवार भी बुरी तरह प्रभावित हुआ और वह अपनी पत्नी को लेकर शहर आ गए। इतना सब होने के बावजूद अनीष ने कभी भी आर्मी स्पोर्ट्स इंस्टिट्यूट में चल रही अपनी डिस्कस थ्रो की ट्रेनिंग कभी मिस नहीं की। आखिर उन्हें मेहनत का फल मिला। अनीश ने एशियन पैरा गेम्स में बुधवार को ब्रॉन्ज जीता।
इंडोनेशिया के जकार्ता में चल रहे एशियन पैरा गेम्स में अनीश को यह जीत लोवर लिंब डिस्एबिलिटी कैटेगरी में मिली। अनीश ने बताया, ‘जब मेरे गांव में बाढ़ आई तब स्पोर्ट्स इंस्टिट्यूट में मेरा महत्वपूर्ण ट्रेनिंग सत्र चल रहा था। यह मेरे लिए बहुत ही कठिन समय था। मेरे कोच हवलदार संतोष कुमार और उनकी पत्नी ने मेरा सपॉर्ट किया और मेरी मदद की।’ अनीश पुणे में दक्षिणी कमांड का समग्र सिग्नल रेजिमेंट में तैनात हैं। जम्मू-कश्मीर में गश्त के दौरान उनका पैर बर्फ में फंस गया था और उसे निकालने के प्रयास में उन्हें अपना पैर गंवाना पड़ा था। बाद में अनीश को पुणे के आर्मी आर्टिफिशल लिंब सेंटर में शिफ्ट किया गया था। अनीश ने पैरा स्पोर्ट्स में अपनी रुचि दिखाई तो उन्हें बॉम्बे इंजिनियरिंग ग्रुप ऐंड सेंटर के पैरालंपिक नोड में भेज दिया गया। यहां वह बीते एक साल के अभ्यास कर रहे थे। अनीश पंचकुला और हरियाणा में हुए नैशनल्स 2018 में डिस्कस थ्रो और शॉटपुट में गोल्ड जीत चुके हैं। उन्हें इस साल जुलाई में हुए इंडियन ओपन में सिल्वर मिला था। अनीश ने कहा, ‘यह मेरे लिए एक बहुत ही अच्छा अवसर था। मैं खुद को और फोर्स के अपने सहकर्मियों को निराश नहीं करना चाहता था।’
इंडोनेशिया के जकार्ता में चल रहे एशियन पैरा गेम्स में अनीश को यह जीत लोवर लिंब डिस्एबिलिटी कैटेगरी में मिली। अनीश ने बताया, ‘जब मेरे गांव में बाढ़ आई तब स्पोर्ट्स इंस्टिट्यूट में मेरा महत्वपूर्ण ट्रेनिंग सत्र चल रहा था। यह मेरे लिए बहुत ही कठिन समय था। मेरे कोच हवलदार संतोष कुमार और उनकी पत्नी ने मेरा सपॉर्ट किया और मेरी मदद की।’ अनीश पुणे में दक्षिणी कमांड का समग्र सिग्नल रेजिमेंट में तैनात हैं। जम्मू-कश्मीर में गश्त के दौरान उनका पैर बर्फ में फंस गया था और उसे निकालने के प्रयास में उन्हें अपना पैर गंवाना पड़ा था। बाद में अनीश को पुणे के आर्मी आर्टिफिशल लिंब सेंटर में शिफ्ट किया गया था। अनीश ने पैरा स्पोर्ट्स में अपनी रुचि दिखाई तो उन्हें बॉम्बे इंजिनियरिंग ग्रुप ऐंड सेंटर के पैरालंपिक नोड में भेज दिया गया। यहां वह बीते एक साल के अभ्यास कर रहे थे। अनीश पंचकुला और हरियाणा में हुए नैशनल्स 2018 में डिस्कस थ्रो और शॉटपुट में गोल्ड जीत चुके हैं। उन्हें इस साल जुलाई में हुए इंडियन ओपन में सिल्वर मिला था। अनीश ने कहा, ‘यह मेरे लिए एक बहुत ही अच्छा अवसर था। मैं खुद को और फोर्स के अपने सहकर्मियों को निराश नहीं करना चाहता था।’