नई दिल्ली-’किसान क्रांति यात्रा’ में दिल्ली की सीमा पर किसानों के आंदोलन ने उग्र रुख रूप ले लिया है। किसान आंदोलन को रोकने की केंद्र और यूपी सरकार की कोशिशें भी कोई असर डालने में अब तक कामयाब नहीं हुई ह््ैं। दिल्ली-यूपी सीमा पर किसानों से हुई बातचीत में केंद्र सरकार ने उनकी मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया लेकिन किसानों ने इसे खारिज कर दिया है। किसानों ने सरकार को चेतावनी दी है कि उनका आंदोलन जारी रहेगा।
आपको बता दें कि दिल्ली में प्रवेश को आमादा किसानों को दिल्ली-यूपी सीमा पर रोकने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया है। किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे गए हैं और लाठीचार्ज भी किया गया है। इसे लेकर कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने सरकार पर हमला बोल दिया है। केंद्र और यूपी सरकार ने किसानों के उग्र होते आंदोलन को नियंत्रित करने के लिए बैठक और बातचीत की तमाम कोशिशें की ह््ैं। इसी क्रम में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र शेखावत और यूपी सरकार के मंत्री सुरेश राणा किसानों से मिलने पहुंचे थे।गजेंद्र शेखावत ने किसानों से मुलाकात के बाद सरकार की तरफ से आश्वासन देते हुए कहा कि किसानों की मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया। हालांकि केंद्रीय राज्य मंत्री का यह आश्वासन असर दिखाता नहीं दिख रहा। इस आश्वासन के तुरंत बाद भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि किसान सरकार के आश्वासन को स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने केंद्र सरकार को चेताया है कि वे अपने आंदोलन को जारी रखेंगे।भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता युद्धवीर सिंह ने कहा कि सरकार से 11 सूत्रीय मांगों को लेकर बात हुई्। सरकार 7 मांगों पर सहमत है लेकिन अबतक 4 मांगों पर सहमति नहीं जताई गई है। प्रवक्ता के मुताबिक सरकार ने कहा कि ये मांगें वित्तीय मामलों से जुड़ी हैं, जिनपर आगे होने वाली बैठक में विचार किया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने किसानों की मुख्य मांगों पर ही अपना पक्ष स्पष्ट नहीं किया है।
Tags मोदी सरकार का अन्नदाताओं पर शक्ति प्रदर्शन
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