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प्रिया दत्त की जगह नगमा

मुंबई-पूर्व सांसद प्रिया दत्त की अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी (एआईसीसी) के सचिव पद से मुक्त कर दिया गया है। कहा जा रहा है कि उनकी जगह अब मुंबई उत्तर-मध्य सीट से पार्टी की स्टार पोल कैंपेनर नगमा 2019 में लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी हो सकती हैं। नगमा उत्तर प्रदेश से लेकर राजस्थान और कर्नाटक में कई रोड शो कर चुकी हैं। यह चर्चा उस वक्त तेज हुई जब 8 साल तक एआईसीसी की सचिव रहीं प्रिया दत्त को अचानक बर्खास्त कर दिया गया।इसके अलावा रविवार को सांताक्रूज में पार्टी की उत्तर मध्य जिले की मीटिंग के दौरान नगमा के शरीक होने से भी इस कयास को तेजी मिली। एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने बताया कि हालांकि प्रिया दत्त इस सीट से ‘असली दावेदार’ है, उन्हें अनौपचारिक रूप से हटाने का मतलब यही है कि शायद इस बार वह टॉप चॉइस नहीं होंगी। बता दें कि प्रिया दत्त 2004 और 2009 लोकसभा चुनाव में इस सीट से जीती थीं। वरिष्ठ नेता आगे कहते हैं कि हालांकि प्रिया दत्त की राजनीतिक विरासत और उनकी मजबूत छवि उन्हें अभी भी रेस में शामिल करती है। वह दिवगंत कांग्रेस नेता सुनील दत्त की बेटी हैं।
उत्तर पश्चिमी सीट से भी लड़ सकती हैं नगमा
एक अन्य कांग्रेस कार्यकर्ता ने बताया कि नगमा को उत्तर पश्चिम सीट के लिए भी चुना जा सकता है। यह सीट दिवगंत नेता गुरुदास कामत की है। वह कहते हैं, ‘नगमा उस सीट से 2009 में लड़ने वाली थीं लेकिन आखिरी समय पर उस सीट से कामतजी को टिकट दे दिया गया था। इसलिए अगर दत्त को दोबारा से उत्तर मध्य के चुना जाता है तो नगमा को उत्तर पश्चिम की सीट दी जा सकती है।’

नगमा जम्मू-कश्मीर और पुड्डुचेरी में ऑल इंडिया महिला कांग्रेस (एआईएमसी) की सचिव भी हैं। वह इन कयासों को खारिज करती हैं और दावा करती हैं कि प्रोटोकॉल ने रविवार को मीटिंग में उनकी उपस्थिति अनिवार्य कर दी थी। वह कहती हैं, ‘एआईएमसी के सभी राष्ट्रीय पदाधिकारियों को उस निर्वाचन क्षेत्र की मीटिंग में शामिल होना था जहां वह रहते हैं। मैं मुंबई उत्तर मध्य में रहती हूं और यहीं से मैं वोट करती हूं।’
प्रिया के समर्थकों ने जाहिर की नाराजगी
अभिनेत्री ने नेता बनी नगमा कहती हैं कि पार्टी का हाई कमांड ही तय करेगा कि वह कहां से चुनाव लड़ेगी। माना जाता है कि नगमा पार्टी हाई कमांड के काफी करीब भी हैं। नगमा ने 2014 का चुनाव यूपी की मेरठ सीट से लड़ा था लेकिन हार गई थीं। इसके अलावा वह तमिलनाडु और बिहार में एआईएमसी की इनचार्ज भी रह चुकी हैं।
उधर प्रिया दत्त को अचानक पद से हटाए जाने पर उनके समर्थकों ने नाराजगी जाहिर की। सोमवार को उन्होंने अपने समर्थकों को शांत करने का प्रयास किया और अपनी बर्खास्तगी को भी हल्का करने की कोशिश की। उन्होंने ट्वीट किया, ‘अगर कोई एक शख्स ही पद पर हमेशा के लिए बना रहेगा तो फिर दूसरे उम्मीदवार कहां जाएंगे।’ प्रिया ने कहा कि इसमें कोई परेशानी की बात नहीं है और नए लोगों को मौका मिलना चाहिए।
राजनीतिक निष्क्रियता बर्खास्तगी की वजह?
कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, प्रिया को एआईसीसी से मुक्त करने की सबसे बड़ी वजह उनकी राजनीतिक निष्क्रियता है। 2014 में चुनाव हारने के बाद कांग्रेस नेतृत्व ने उन्हें एआईसीसी में सचिव और मीडिया प्रभारी बनाया था, लेकिन प्रिया अपनी इस जिम्मेदारी के साथ न्याय नहीं कर पाईं।

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