ज्ञान की गंगोत्री एमआईटी अब इतिहास रचने की ओर अग्रसर
पुणे-पुणे विद्यानगरी का केंद्र माना जाता है. पुणे व आसपास के परिसर में कई जाने माने कॉलेज विश्वविद्यालय कार्यान्यिवत है. अधिकांश शिक्षा संस्थान व्यावसायिकीकरण की लत्त में डूबे है. वहीं दूसरी ओर एमआईटी विश्वशांति विश्वविद्यालय, विश्व शांति केंद्र आलंदी, माईर्स एमआईटी ज्ञान की गंगोत्री मानी जाती है. जहां देश विदेश से सपने बुनकर आने वाले हजारों छात्रों को न केवल बेहतरीन शिक्षा प्रदान की जाती है बल्कि शांति, सांस्कृति,विज्ञान, अध्यात्म की भी शिक्षा दी जा रही है. अब एमआईटी शिक्षा संस्थान एक कदम आगे बढाते हुए इतिहास रचने जा रही है.लोणी के विश्वराजबाग में नवनिर्मित विश्व के सबसे बडे गुंबद की पहचान पूरे विश्व में मानवता के रुप में होने जा रही है. इस शिक्षा संस्थान के संस्थापक डॉ. विश्वनाथ दा. कराड का मानना है कि हर देश का अपना इतिहास,भूगोल,संस्कृति,सभ्यता है.लेकिन मानवीय मूल्य पूरे विश्व में एक ही होता है.इन्ही मानवीय मूल्यों की धरोहर को जिन्दा रखने के लिए विश्व शांति प्रार्थना गृह को केंद्रबिंदू बनाया गया है. कुल 54 महामानवों के ब्रॉन्ज के 25 फिट उंचे पुतले लोगों को सदियों तक प्रेरणास्रोत का काम करेंगे. संत श्री ज्ञानेश्वर महाराज प्रार्थना सभागृह व विश्व शांति ग्रंथालय वैश्विक ज्ञान के केंद्र होंगे. विशाल गुंबच जिसका डायमीटर 160 फिट है जो 63 फिट ऊंचे 24 पिलर पर खडा किया गया है. यहां 3 हजार लोग एक साथ बैठकर प्रार्थना कर सकते है. साथ ही 62 हजार 500 वर्ग फिट का विशाल ग्रंथालय है. गांधी जयंती के दिन 2 अक्टूबर को विश्व शांति का संदेश देते हुए लोणी से देश के उपराष्ट्रपति वेंकय्या नायडू के करकमलों द्धारा इस एतिहासिक धरोहर का भव्य व यादगार उद्घाटन होने जा रहा है .
Tags ज्ञान की गंगोत्री एमआईटी अब विश्व शांति प्रार्थना गृह का बनेगी केंद्रबिंदू
Check Also
संजोग वाघेरे के नामांकन पर्चा दाखिल रैली में उमड़ा जनसैलाब
आदित्य ठाकरे,अमोल कोल्हे,सचिन अहिर,माणिक ठाकरे रहे उपस्थित पिंपरी- मावल लोकसभा क्षेत्र से शिवसेना उद्धव ठाकरे-राकांपा …