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नौकरी जेलर की, काम युवकों को आतंकी बनाना

श्रीनगर। आपको यह जानकार हैरानी होगी की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कश्मीर में हिज्बुल मुजाहिदीन द्वारा स्थानीय युवकों को भर्ती करने और आतंकी ट्रेनिंग के लिए उस कश्मीर पहुंचाने की साजिश में शामिल एक जेल उपाधीक्षक और हिज्ब के कुख्यात ओवरग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) को गिरफ्तार किया है।

पकड़े गए जेल उपाधीक्षक का नाम फिरोज अहमद लोन है और वह बीते पांच माह से अंबफला जेल जम्मू में तैनात है। वहीं, पकड़े गए हिज्ब के ओजीडब्ल्यू की पहचान इसहाक पाला के रूप में हुई है। बता दें कि इसहाक बीते कुछ सालों से श्रीनगर सेंट्रल जेल में ही बंद था। सरकार की नौकरी करते हुए आतंकी गतिविधियों में शामिल था। यह राज्य में अपने किस्म का पहला मामला है जिसमें उच्च स्तर का कोई अधिकारी इस प्रकार की गतिविधियों में लिप्त पाया गया हो।
गौरतलब है कि 31 अक्टूबर को कुपवाड़ा जिले में एलओसी के साथ सटे मनिगाह, हयहामा इलाके से पुलिस ने चार ओजीडब्ल्यू के अलावा हिज्ब में कुछ दिन पहले शामिल हुए दो युवकों सुहेल अहमद बट और दानिश गुलाम लोन को पकड़ा था। इनके साथ पकड़े गए चार ओवरग्राउंड वर्करों की पहचान कुपवाड़ा के रहने वाले दौलत अली मुगल, लियाकत अली खान, गुलाम नबी मुगल और हारुन अहमद शेख के रूप में हुई थी। इन छह लोगों की गिरफ्तारी के कुछ ही दिन बाद एनआईए ने यह मामला अपने हाथ में लिया था।
जेल में कराई थी आतंकी से मुलाकात : पूछताछ में दानिश और सुहेल ने बताया कि उन्हें अवंतीपोरा (पुलवामा) में सक्रिय हिज्ब कमांडर रियाज नायकू और अदनान ने आंतकी संगठन में शामिल होने को उकसाया था। आतंकी कमांडरों के कहने पर ही वह श्रीनगर सेंट्रल जेल में बंद इसहाक पाला से मिले थे। इसहाक ने उन्हें अपनी तस्वीरें गुलाम कश्मीर से संचालित होने वाले एक वाट्सएप समूह में भेजने को कहा। यह मुलाकात सितंबर माह के अंत में हुई थी। इसके बाद गुलाम कश्मीर से भी आतंकी कमांडर उनके साथ वाट्सएप और ब्लैकबेरी मैसेंजर के जरिए संपर्क में रहने लगे।

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