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मराठा आरक्षण: पुणे में 25 सरकारी बसों को आग के हवाले किया गया, सोलापुर में पुलिस पर हुआ पथराव

  • सोलापुर. सकल मराठा समाज के आवाहन के बाद सोमवार को महाराष्ट्र का सोलापुर और पुणे में हिंसक प्रदर्शन हुए। पुणे केचाकन इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई। वहीं,बंद के दौरान सोलापुर में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प हुई है। भीड़ को तितरबितर करने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा है। पुणे से सोलापुर जाने वाली सभी स्टेट ट्रांसपोर्ट की बसों को रोक दिया गया है। उधर, कांग्रेस के विधायकों और पार्टी नेताओं ने पत्र लिखकर राज्यपाल विद्यासागर राव से मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है।इन सबके बीच औरंगाबाद में एक और युवक ने आरक्षण की मांग को लेकर ट्रेन के आगे कूद कर सुसाइड कर लिया है। इससे पहले मराठा महामोर्चा ने नवी मुंबई, पालघर, रायगढ़ और ठाणे में बुधवार को बंद बुलाया था।

    सुसाइड से पहले लिखा फेसबुक पोस्ट
    – जानकारी के मुताबिक, सुसाइड करने वाला प्रमोद पाटिल मूलतः लातूर का रहने वाला है। लेकिन पिता की नौकरी औरंगाबाद में थी जिस वजह से वो परिवार के साथ यहां रह रहा था। उसकी पत्नी बीड में ग्राम सेवक है। प्रमोद के दोस्तों ने बताया है कि पिछले चार दिनों से वो लगातार मराठी क्रांति मोर्चा में भाग ले रहा था। वो आंदोलन का हिस्सा रहा है। उसे ये लगने लगा था की उसे आरक्षण की वजह से नौकरी नहीं मिल रही थी। बस इसी बात को लेकर वो अक्सर परेशान रहने लगा था।सुसाइड से पहले प्रमोद ने सुसाइड से पहले एक फेसबुक पोस्ट लिखा है। इसमें उसने आरक्षण में हो रही देरी को अपनी मौत का कारण बताया है। उसने अपने फेसबुक पोस्ट पर लिखा, “चलो आज एक मराठा जा रहा है। लेकिन कोई नहीं, यह मराठा आरक्षण के लिए किया। जय जिजाऊ, आपका प्रमोद पाटिल।” फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। आरक्षण की मांग को लेकर अब तक चार लोग अपनी जान दे चुके हैं।

    पुणे में 25 बसे जलाई गई
    – सोमवार को पुणे में मराठा आरक्षण को लेकर हुए हिंसक प्रदर्शन में प्रदर्शकारियों ने पुणे-नासिक हाइवे पर स्थित चाकन इंडस्ट्रियल इलाके में राज्य परिवहन विभाग और पुणे नगर पालिका की 25 बसों को आग के हवाले कर दिया गया। टायरों को भी जला दिया गया है और सड़कों को जाम किया गया है। तनाव को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है। इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है। इसके चलते चार से अधिक लोगों के संगठन पर पाबंदी लग गई है। गौरतलब है कि शुक्रवार को ऐसे ही प्रदर्शन मुंबई में हुए थे। सरकारी बसों और ट्रेनों का रास्ता बाधित किया गया था।

    कांग्रेस ने राज्यपाल से हस्तक्षेप की अपील की
    – सोमवार को महाराष्ट्र कांग्रेस के विधायकों और सीनियर नेताओं ने अब राज्यपाल विद्यासागर राव को पत्र लिखा है। उन्होंने सरकार पर माराठाओं को 16 प्रतिशत आरक्षण देने की प्रक्रिया में तेजी लाने का दबाव बनाने के लिए हस्तक्षेप करने की अपील की है।

    जान देने वालों के लिए हुई 50 लाख की डिमांड
    – सकल मराठा समाज ने सीएम फडणवीस को चेतावनी देते हुए कहा है कि आंदोलन के दौरान जिन कार्यकर्ताओं की मौत हुई है, उनके परिवार को सरकार 50 लाख रुपये की मदद करें। इसी के साथ महिलाओं पर लाठीचार्ज और गोलीबारी करने वाले अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जाए। 25 जुलाई के आंदोलन के दौरान जो मामले दर्ज किए गए हैं, उन्हें वापस लिया जाए। सकल मराठा समाज ने साफ कर दिया है कि मुख्यमंत्री के साथ अब चर्चा करने के लिए मराठा समाज का कोई प्रतिनिधि नहीं जाएगा। आरक्षण के मामले में शनिवार को बुलाई गई सभी दलों की बैठक के बाद सीएम फडणवीस ने कहा कि इस मामले में सभी पार्टियों की एक राय है। हमने इस मामले में सर्वसम्‍मति से खड़े होने का फैसला किया है।

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