नागपुर. जल्द ही मुंबई से नागपुर का रेल सफर महज 4 घंटे में पूरा हो सकेगा। समृध्दि हाईवे को जोड़कर हाई स्पीड ट्रेन कोरिडोर बनाया जाएगा। यह जानकारी मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने दी। वे महामेट्रो-फीडर ट्रेन सामंजस्य करार हस्ताक्षर समारोह में अध्यक्ष के रूप में बोल रहे थे। इस अवसर पर रेलवे मंत्री गोयल व केन्द्रीय मंत्री नितीन गडकरी, पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले, रेलवे बोर्ड चैयरमैन आदि प्रमुखता से उपस्थित थे। सीएम ने कहा कि यह प्रोजेक्ट केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी की संकल्पना व रेलवे मंत्री पीयूष गोयल की पहल से तैयार हो रहा है।
किसानों को मिलेगा लाभ
– मुख्यमंत्री ने कहा कि वैसे तो नागपुर से मुंबई जाने के लिए 15 से 18 घंटे का लंबा सफर करना पड़ता है। ऐसे में नागपुर को विभिन्न दिशाओं से जोड़ने के लिए एक्सप्रेस हाईवे बनाए जा रहे हैं। जिसके साथ-साथ उन्होंने रेलवे को भी दौड़ाने का सपना देखा था। लेकिन मार्ग निर्माण में काफी खर्च हो जाता था और रेल मार्ग के बारे मेंं सोचा भी नहीं जा सकता था, लेकिन रेलवे मंत्री की सहायता से अब यह पूरा हो सकेगा। एक्सप्रेस हाईवे के साथ-साथ रेलवे की मदद से एक हाईस्पीड ट्रेन कोरिडोर का निर्माण किया जाएगा। जिसके माध्यम से महज 4 से 5 घंटे में मुंबई से नागपुर का सफर पूरा हो सकेगा। यही नहीं दूध, अनाज सहित अन्य खाद्य पदार्थों को भी ट्रेनों के माध्यम से एक से दूसरी जगह पहुंचाने में सफलता मिलने से किसानों काे इसमें बहुत फायदा हो सकेगा।
पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण
– सीएम ने कहा कि आज का समारोह केवल राज्य के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिेए महत्वपूर्ण साबित होगा। क्योंकि आज यहां एक नए विकसित भारत को मजबूत करनेवाले अविष्कार किए जा रहे हैं। जिसमें रेलवे पटरियों पर मेमू चलाकर सस्ता व हायटेक सफर नागपुर, भंडारा, वर्धा जिले के यात्रियों को उपलब्ध कराने के साथ ही प्रदूषण जैसी समस्या से मुक्ति मिल सकेगी। वहीं आने वाले समय में कचरे को रिसाइकल कर बिजली बनाने से भविष्य में भारत को
कचरे से पूरी तरह मुक्ति मिलेगी।
– 17 माह के बाद कचरे के एक-एक कतरे से बिजली पैदा की जाएगी। ऐसे में कचरे को संभालें बेकार में पड़ी जमीन गार्डन बनाने से लेकर प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत घऱ बनाने के काम आएगी । पानी का महत्व बताते हुए उन्होंने कहा कि पानी सबसे जरूरी है। जिसका स्तर लगातार कम हो रहा है। ऐसे में जिलों से लेकर देश तक पानी के लिए जंग मची है। ऐसे में हमारी ओर से सिवरेज में जाने वाले पानी को शुद्ध कर कंपनियों को बेचने का मिशन हाथ में लिया है। इससे एक ओर पानी बचत होगी वहीं खराब पानी बेचने से करोड़ों रुपये मिलेंगे। साथ ही साथ फ्रेश पानी किसानों को उपलब्ध कराया जा सकेगा।