पुणे-पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री और एनसीपी मुखिया शरद पवार ने कहा है कि सिर्फ कर्जमाफी से ही किसानों की आत्महत्याएं नहीं रुकेंगी। किसानों की आत्महत्या रोकने के लिए उन्हें मानसिक तौर पर मजबूत किए जाने की जरूरत है। साथ ही उन्होंने कहा कि इसके लिए जरूरी है कि उनके लिए आध्यात्मिक प्रवचन कराया जाए।
उन्होंने कहा, ‘हमारे लिए किसानों की आत्महत्या करना दुखद है। मेरे कार्यकाल के दौरान हमने किसानों की इस समस्या का हल निकाला था। किसानों के लिए अभंग और कीर्तन कराया जा सकता है।’
शरद पवार राष्ट्र सेवा दल द्वारा लॉन्च की गई प्रेरक किताब का विमोचन करने पुणे पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि सरकार को कई सामाजिक संगठनों और शोध संस्थानों को इस समस्या का हल खोजने के लिए शामिल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार 70,000 करोड़ रुपये की कर्जमाफी करके प्रयास कर सकती है लेकिन किसानों की आत्महत्या नहीं रोक सकती है।
शरद पवार ने कहा, ‘हमने विभिन्न पार्टी के नेताओं के साथ बातचीत के बाद ही आध्यात्मिक प्रवचन कराने का फैसला लिया था। इसका उद्देश्य यही है कि सूखे से जूझ रहे किसानों को आध्यात्मिक प्रवचन से मानसिक तौर पर मजबूत किया जाए और वे आत्महत्या जैसे कदम न उठाएं।’ इस दौरान पवार ने कहा कि वह पंढरपुर के विट्ठल मंदिर जाते हैं लेकिन कभी उन्होंने इसकी पब्लिसिटी नहीं की।