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चौ.चरण सिंह,पी वी नरसिम्हा राव,स्वामीनाथन को ‘भारतरत्न’

नई दिल्ली-चुनावी साल में भारत रत्न सम्मान के बांटे जाने के सारे रिकॉर्ड मोदी सरकार ने तोड़ दिए हैं। बीते 15 दिन में पांच बड़ी हस्तियों को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया है। सम्मान पाने वालों में दो पूर्व प्रधानमंत्री, एक पूर्व उप प्रधानमंत्री, एक पूर्व मुख्य मंत्री के साथ ही एक जाने माने कृषि विशेषज्ञ शामिल हैं। चार को मरणोपरांत यह सम्मान दिया जा रहा है। इन पांचों नामों की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद की है। केंद्र सरकार ने पीवी नरसिम्हा राव, चौधरी चरण सिंह और एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न देने की घोषणा आज की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी। इससे पहले लाल कृष्ण आडवाणी और कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की घोषणा केंद्र सरकार ने की थी।

 

1999 में अटल सरकार ने 4 हस्तियों को दिया था सम्मान

बता दें कि एक साल में सबसे ज्यादा भारत रत्न सम्मान साल 1999 में दिए गए थे, जब 4 बड़ी हस्तियों को अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने ये सम्मान बांटे थे। खास बात ये है कि जिन लोगों को भारत रत्न देने की घोषणा की गई है उनमें दो नेताओं का संबंध बाबरी मस्जिद- राम मंदिर विवाद से है तो वहीं दो नेताओं का संबंध किसान और ओबीसी समाज से है। जबकि एमएस स्वामीनाथन बड़े कृषि वैज्ञानिक हैं।

 

भारत रत्न देने का नियम क्या है?

ये बात याद रहे कि भारत रत्न सम्मान एक कैटेगरी में एक साथ तीन से ज्यादा शख्सियतों को नहीं दिया जा सकता। भारत रत्न देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है जो किसी क्षेत्र में असाधारण और सर्वोच्च सेवा को मान्यता देने के लिये दिया जाता है। भारत रत्न सम्मान राजनीति, कला, साहित्य, विज्ञान के क्षेत्र में किसी विचारक, वैज्ञानिक, उद्योगपति, लेखक और समाजसेवी को दिया जाता है। ’भारत रत्न’ सम्मान की शुरूआत तत्कालीन राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने दो जनवरी 1954 को की थी। स्वतंत्र भारत के पहले गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी, पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन और वैज्ञानिक डॉक्टर चंद्रशेखर वेंकट रमन को 1954 में पहली बार इस सम्मान से नवाजा गया था।

 

 

चौधरी चरण सिंह

 

किसानों और जाटों के सबसे बड़े नेताओं में से एक.

भारत के प्रधानमंत्री रहे

28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 तक जनता पार्टी सरकार में लगभग 5 महीने प्रधानमंत्री रहे.

दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे

3 अप्रैल 1967 से 25 फरवरी 1968 (भारतीय क्रांति दल) – लगभग 11 महीने

18 फरवरी 1970 से 1 अक्टूबर 1970 (भारतीय क्रांति दल) – लगभग 7 महीने

जन्म 23 दिसम्बर 1902 को उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के नूरपुर में हुआ था

एक मध्यमवर्गीय किसान परिवार में जन्म

वह पहली बार 1937 में छपरौली से यूपी विधान सभा के लिए चुने गए थे

जून 1951 में, उन्हें राज्य में कैबिनेट मंत्री चुने गए थे

कांग्रेस, जनता दल, भारतीय क्रांति दल, लोक दल से जुड़े थे

चौधरी चरण सिंह का निधन 29 मई 1987 को हुआ था

कृषक समुदायों के साथ उनके आजीवन जुड़ाव के कारण नई दिल्ली में उनके स्मारक का नाम किसान घाट रखा गया था

 

पी. वी. नरसिंह राव

 

जन्म 28 जून 1921 को करीमनगर में हुआ था

उस्मानिया विश्वविद्यालय, मुंबई विश्वविद्यालय एवं नागपुर विश्वविद्यालय से अपनी पढ़ाई की

पी.वी. नरसिंह राव के तीन बेटे और पांच बेटियां हैं

पेशे से कृषि विशेषज्ञ एवं वकील श्री राव राजनीति में आए

आंध्र प्रदेश सरकार में

1962 से 64 तक कानून एवं सूचना मंत्री

1964 से 67 तक कानून एवं विधि मंत्री

1967 में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा मंत्री

1968 से 1971 तक शिक्षा मंत्री रहे

1971 से 73 तक आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री

1975 से 76 तक अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के महासचिव

1968 से 74 तक आंध्र प्रदेश के तेलुगू अकादमी के अध्यक्ष

1972 से मद्रास के दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा के उपाध्यक्

1957 से 1977 तक आंध्र प्रदेश विधान सभा के सदस्य

1977 से 84 तक लोकसभा के सदस्य रहे

दिसंबर 1984 में रामटेक से आठवीं लोकसभा के लिए चुने गए

14 जनवरी 1980 से 18 जुलाई 1984 तक विदेश मंत्री

19 जुलाई 1984 से 31 दिसंबर 1984 तक गृह मंत्री

31 दिसंबर 1984 से 25 सितम्बर 1985 तक रक्षा मंत्री

5 नवंबर 1984 से योजना मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार

25 सितम्बर 1985 से उन्होंने मानव संसाधन विकास मंत्री

राव संगीत, सिनेमा एवं नाटकशाला में रुचि रखते थे

भारतीय दर्शन एवं संस्कृति, कथा साहित्य एवं राजनीतिक टिप्पणी लिखने, भाषाएं सीखने, तेलुगू एवं हिंदी में कविताएं लिखने एवं साहित्य में उनकी विशेष रुचि थी।

 

एम एस स्वामीनाथन

 

भारत में हरित क्रांति के जनक

दुनिया भर के विश्वविद्यालयों से 81 मानद डॉक्टरेट उपाधियां प्राप्त की थीं

2007-13 की अवधि के लिए संसद (राज्य सभा) के सदस्य (नामांकित)

स्वामीनाथन को मिले अन्य पुरस्कार

1971 में सामुदायिक नेतृत्व के लिए रेमन मैग्सेसे पुरस्कार

1986 में अल्बर्ट आइंस्टीन विश्व विज्ञान पुरस्कार

1987 में पहला विश्व खाद्य पुरस्कार

2007 में लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय पुरस्कार

पद्म श्री (1967)

पद्म भूषण (1972)

पद्म विभूषण (1989)

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