मुंबई- मुंबई शहर में गड्डों के कारण हो रही मौतें और यातायात को भारी परेशानी को ध्यान में रखते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट का हंटर 5 मनपा के आयुक्तों पर चला है। सभी को कोर्ट में हाजिर करने का आदेश जारी हुआ है। आयुक्तों की दलीलें है कि गड्डों को भरने के लिए कुछ समय दिया जाए। जबकि कोर्ट ने पूछा है कि 5 साल का समय कम होता है क्या?
बॉम्बे हाईकोर्ट ने एमएमआर की सड़कों पर हुए गड्डों को लेकर सख्त रुख अपनाते हुए 6 मनपाओं के कमिश्नरों को शुक्रवार को पेश होने को कहा है। चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय व जस्टिस आरिफ डॉक्टर की बेंच ने बुधवार को गड्ढों व खुले मैनहोल के कारण हुईं मौतों को लेकर भी चिंता जाहिर की। बेंच ने कहा कि हाई कोर्ट ने 2018 में गड्ढों को भरने व मैनहोल को ढकने का निर्देश दिया था। लेकिन 5 साल बीत चुके हैं, क्या यह वक़्त गड्ढों को भरने के लिए पर्याप्त नहीं है।
कोर्ट ने सभी मनपाओं (बीएमसी, ठाणे, कल्याण-डोंबिवली, नवी मुंबई, मीरा-भाईंदर और वसई-विरार) के आयुक्त के अलावा एमएमआरडीए के कमिश्नर को भी कोर्ट में हाजिर होने का निर्देश दिया।कोर्ट ने कमिश्नरों को कहा है कि गड्ढों को भरने व मैनहोल को ढकने के संबंध में कोर्ट के आदेश की अवहेलना के लिए उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई क्यों न की जाए? सड़कों को दुरुस्त रखना मनपा अधिकारियों की जिम्मेदारी है, लेकिन ऐसा लगता है कि जब तक गड्ढों के लिए अधिकारियों को निजी तौर पर जिम्मेदार नहीं ठहराया जाएगा, तब तक स्थिति नहीं बदलेगी और लोग सड़कों के गड्ढों के चलते अपनी जान गंवाते रहेंगे।
दो वकीलों का पैनल करेगा मौत की जांच
बेंच ने सुनवाई के बीच पिछले माह कल्याण-डोंबिवली में बाइक सवार युवक की मौत का जिक्र करते हुए कहा कि हम जानना चाहते हैं कि क्या 32 वर्षीय इस युवक की मौत खराब सड़क के चलते हुई है। बेंच ने इसकी पड़ताल के लिए दो वकीलों का पैनल बनाया है। जो घटनास्थल का दौरा करेगा। साथ ही युवक के परिजन व मनपा अधिकारियों से बात कर रिपोर्ट देगा। बेंच ने कहा कि स्थानीय निकाय को मॉनसून से 15 दिन पहले सड़कों का सर्वे करना चाहिए और उचित कदम उठाने चाहिए। इस मामले में बीएसमसी न्यायालय की अवमानना के दायरे में दिख रही है।बता दें कि गड्ढों व मैनहोल को लेकर वकील रूजू ठक्कर की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई चल रही है। सुनवाई के दौरान एडवोकेट ठक्कर ने बेंच को इस मामले में पुराने आदेश की जानकारी दी।