पिंपरी- बारिश के कारण पवना बांध क्षेत्र का जलस्तर बढ़ रहा है और इससे पानी मुला नदी में छोड़ा जा रहा है। आयुक्त एवं प्रशासक शेखर सिंह ने अपील की है कि नदी में जल स्तर में वृद्धि को देखते हुए किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्थिति उत्पन्न न हो तथा नदी के किनारे के नागरिकों को सुरक्षित रखने के लिए पालिका की ओर से आवश्यक एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं।
पवना बांध फिलहाल 89.82 फीसदी भर चुका है। मनपा प्रशासन को मुलशी बांध के स्पिलवे से नियंत्रित पानी छोड़ने के निर्देश मिले हैं। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए कमिश्नर ने प्रशासन को सभी व्यवस्थाएं तैयार रखने के निर्देश भी दिए हैं। मुलशी बांध का जलाशय भंडारण 479.95 मिलियन घन मीटर यानी 84 प्रतिशत है। तो उपलब्ध पोत क्षमता 90 मिलियन क्यूबिक मीटर बनी हुई है। हालांकि स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है, औसत प्रवाह और उपलब्ध बांध क्षमता को देखते हुए आज दोपहर एक बजे बांध स्पिलवे से मुला नदी में एक नियंत्रित पानी छोड़ा जाएगा। इस संबंध में मुलशी बांध के प्रमुख ने सलाह दी है कि नदी तट के नागरिकों को सतर्क रहना चाहिए।
मुला नदी दापोडी के पास पिंपरी-चिंचवड़ शहर से बहती है। आपदा प्रबंधन विभाग के संयुक्त आयुक्त चंद्रकांत इंदलकर ने नदी तट के पर बसे नागरिकों के लिए खतरे को देखते हुए क्षेत्र के नागरिकों से सतर्क रहने की अपील की है। विसर्ग आवश्यकतानुसार कम या ज्यादा हो सकता है,इसलिए किसी को भी नदी तल में नहीं उतरना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अगर आपके पास सामान या जानवर हैं तो उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले जाएं।
आपदा प्रबंधन प्रमुख ओमप्रकाश बहीवाल ने कहा, आपदा प्रबंधन विभाग, अग्निशमन विभाग, क्षेत्रीय कार्यालय एवं अन्य संबद्ध विभागों ने आपात स्थिति के अनुरूप सभी व्यवस्थाएं तैयार रखी हैं। पालिका ने सभी इलाकों में बाढ़ जैसे इलाकों का निरीक्षण करने के बाद पुलिस प्रशासन की मदद से संभावित बाढ़ की स्थिति में उचित कार्रवाई करने की योजना बनाई है। इसके साथ ही पवना,मुला,इंद्रायणी नदियों के बांधों के लिए बांध अधीक्षक,मौसम विभाग के साथ-साथ एनडीआरएफ,सेना से समन्वय किया गया है। शहर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नागरिकों के लिए नगरपालिका स्कूलों में राहत शिविरों की योजना बनाई गई है। पालिका की ओर से इस स्थान पर साफ-सफाई,स्वास्थ्य, सुविधाएं और भोजन की व्यवस्था करने की योजना बनाई गई है।
आपातकालीन स्थिति में घरों में पानी घुसने की संभावना को देखते हुए बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने पर नदी तट के नागरिकों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए क्षेत्रीय अधिकारियों के नियंत्रण में एक अलग टीम नियुक्त की गई है। बारिश में सड़क पर बिजली के तार, बिजली के खंभे, डी. पी. बक्सों, फीडर बक्सों आदि को विद्युत सतहों के संपर्क में नहीं आना चाहिए और जानवरों को ऐसे क्षेत्रों में नहीं छोड़ा जाना चाहिए या बांध नहीं जाना चाहिए। औद्योगिक क्षेत्रों में रासायनिक पदार्थों का भण्डारण खुले में न किया जाये। बहीवाल ने नागरिकों से भी अपील की है कि अगर वे ऐसे स्थानों पर पानी के संपर्क में आते हैं तो सावधान रहें,दुर्घटना संभव है।