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भाजपा शहर अध्यक्ष पद की कमान फिर जगताप परिवार के हाथ

पिंपरी- भाजपा शहर अध्यक्ष पद की कमान एक बार फिर जगताप परिवार के हाथ। श्रावण पवित्र मास शंकर जगताप के लिए शुभकामना लेकर आया। शंकर जगताप ने अपने राजनीतिक जीवन में सबसे बडी उड़ान भरी और पिंपरी चिंचवड भाजपा शहर अध्यक्ष पद पर विराजमान हो गए। जी हां! प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने अपनी कार्यकारिणी घोषित की है। जिसमें शहर अध्यक्ष पद पर शंकर जगताप और पुणे भाजपा शहर अध्यक्ष पद पर धीरज घाटे की नियुक्ति की गई।

शहर में महेश लांडगे ने भाजपा संगठन को फर्श से अर्श तक पहुंचाया
स्व.लक्ष्मण जगताप के भाई है। पिंपरी चिंचवड शहर में लक्ष्मण जगताप ने ही भाजपा की सत्ता की नींव रखी। वे कई सवालों तक भाजपा शहर अध्यक्ष,विधायक रहे। लेकिन स्वास्थ्य खराब होने के कारण इस पद की कमान भोसरी विधानसभा विधायक महेश लांडगे के हाथों सौंपी गई। महेश लांडगे ने लक्ष्मण जगताप के पदचिन्हों पर चलते हुए भाजपा संगठन को और मजबुत किया। भाजपा को फर्श से लेकर अर्श तक पहुंचाया। लक्ष्मण जगताप के साथ महेश लांडगे की ताकत जब जुडी तब 15 साल सत्ता पर काबिज राकांपा को उखाड़ फेंका। आज फिर शहर अध्यक्ष पद की कमान जगताप परिवार के हाथों में है। राजनीति में कुछ भी स्थायी नहीं होता। समय समय पर परिवर्तन होता रहता है।

भाजपा शहर अध्यक्ष पद पर होगा बदलाव,‘रफ्तार बुलेटिन’ की खबर पर लगी मुहर
महेश लांडगे का कार्यकाल जनवरी में ही समाप्त हो गया था। उसी समय से अटकलें लगाई जा रही थी कि शहर अध्यक्ष का बदलाव होगा। रफ्तार बुलेटिन ने सबसे पहले यह खबर प्रकाशित की थी कि भाजपा शहर अध्यक्ष पद पर बदलाव होगा और महेश लांडगे को हटाया जाएगा।शंकर जगताप समेत अन्य लोग रेस में थे। भाजपा आलाकमान को मजबुत अध्यक्ष की तलाश थी। लक्ष्मण जगताप के निधन से खाली सीट पर उपचुनाव घोषित हुआ और शंकर जगताप और उनकी भाभी अश्विनी जगताप दोनों टिकट के दावेदार थे। मानमनौव्वल का दौर चला। उसी समय भाजपा शहर अध्यक्ष पद की पटकथा लिखी गई। भाजपा में एक व्यक्ति एक पद की परंपरा रही है। भाजपा सत्ता और संगठन को विकेंद्रीकरण करती है ना कि केंद्रीकरण। महेश लांडगे के विरुद्ध एक नाराज गुट काम कर रहा था। प्रदेश से लेकर दिल्ली तक के आलाकमान नेताओं की परिक्रमा की जा रही थी।

शंकर जगताप के सामने मनपा का चुनाव पहली चुनौती
शंकर जगताप के सामने सबसे बडी चुनौति अपनी नई कार्यकारिणी को तैयार करना है। जिसमें नए पुराने सभी कार्यकर्ता,विभिन्न समाज के लोगों को शामिल करना होगा। शंकर जगताप के सामने पहला सबसे बडी चुनौती मनपा का चुनाव होगा। जिसमें दोबारा भाजपा को सत्ता पर काबिज करना होगा। इस कोशिश में उनको फ्लाप करने का अंदरखाने से प्रयास भी होगा। पिंपरी चिंचवड शहर में उत्तर भारतीय मतदाताओं की संख्या अन्य समाज की तुलना में सर्वाधिक है। विशेष तौर पर कालेवाडी,थेरगांव,वाकड,भोसरी,चिखली,आकुर्डी,पिंपरी में उत्तर भारतीय मतदाता निर्णायक भूमिका में है। कार्यकारिणी और संगठन में उत्तर भारतीय समाज को प्रतिनिधित्व देना होगा। अनदेखी की गई तो कई प्रभागों में भाजपा के प्र्रत्याशी चुनाव हार भी सकते है। इसी तरह पिंपरी कैम्प में सिंधी समाज,चिंचवड,आकुर्डी,कासारवाडी में जैन समाज,मारवाडी समाज की संख्या भी अच्छी खासी तादाद में है। हलांकि यह समाज व्यापारी वर्ग है। फिर भी भाजपा संगठन के मुख्यधारा से जोडना होगा।

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