720 रुपये ‘कचरा टैक्स’ वसूली शुरु,प्रशासक की मनमानी,पक्ष-विपक्ष मौन
प्रशासक के आगे पक्ष-विपक्ष नतमस्तक…720 रुपये कचरा वर्गीकृत टैक्स लागू
पिंपरी-पिंपरी चिंचवड मनपा में प्रशासक राज है। प्रशासक आयुक्त शेखर सिंह पर लगाम लगाने वाला कोई नहीं। पक्ष-विपक्ष मौनव्रत है। प्रशासक के हौसले बुलंद है। मनमाना निर्णय जनता पर थोप नए नए टैक्स के वोझ तले दबाने का काम कर रहा है। इस मुद्दे पर कोई भी आयुक्त से न तो सवाल कर रहा है न ही विरोध प्रदर्शन कर रहा है। शहर की जनता ने अपने प्रतिनिधित्व करने के लिए 3 विधायक और दो सांसद दिए है। चार दिन पहले राकांपा शहर अध्यक्ष अजीत गव्हाणे के नेतृत्व में टेंडर रद्द करने के मुद्दे पर आयुक्तालय का घेराव किया गया था। यही घेराव नए कचरा वर्गीकृत टैक्स के लिए किया होता तो राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को आने वाले पालिका चुनाव में जनता हाथों हाथ लेती। मगर इनको टेंडर में दिलचस्पी है। सत्तापक्ष का ‘अपना काम बनता भाड़ में जाए जनता’… चुनाव में नोट दो वोट लो वाली भूमिका है। पक्ष-विपक्ष मौसरे भाई पहले भी थे,आज भी है आगे भी रहेंगे। सच तो यह है कि विपक्ष की भूमिका शहर की मीडिया निभा रही है। पालिका प्रशासक की मनमानी का जमकर विरोध कर रही है और राजनेता,जनता तक पहुंचाने का काम कर रही है। लेकिन नेता हो या शहर की जनता सब कुंभकर्ण की नींद में सो रहे हैं।
1 अप्रैल से प्रति घर 60 रुपये महिना और 730 रुपये वार्षिक कचरा वर्गीकृत टैक्स के नाम से पालिका वसूली करना लागू कर दी है। यह 720 रुपये वार्षिक प्रॉपर्टी टैक्स बिल में जोडकर आएगा। इससे पालिका को वार्षिक 40 करोड रुपये प्राप्त होंगे। शहर के करदाता पहले से ही शिक्षा,पानी,प्रॉपर्टी,आरोग्य,सफाई,गार्डन,सडक जैसे विभिन्न टैक्सों का भूगतान कर रही हैै। अब यह एक नया कचरा टैक्स लादा गया है। पिंपरी चिंचवड पालिका ने 1 अप्रैल 2023 से गीले,सूखे और घरेलू खतरनाक कचरे को अलग करने के लिए मासिक सेवा शुल्क लगाना शुरू कर दिया है। यह शुल्क कराधान बिलों से लिया जाएगा। घरेलू संपत्ति मालिकों को कचरा पृथक्करण के लिए प्रति वर्ष 720 रुपये का भुगतान करना होगा। इस यूजर फीस से पालिका को प्रति वर्ष 40 करोड़ रुपये मिलेंगे।
पालिका आयुक्त व प्रशासक शेखर सिंह ने यह फैसला लिया है। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 के प्रावधानों के अनुसार नागरिकों और व्यवसायियों को घर, परिसर, व्यवसाय आदि का निस्तारण करना चाहिए। साइट पर उत्पन्न गीले कचरे और सूखे कचरे को अलग करना अनिवार्य है। राज्य सरकार द्वारा प्रख्यापित नगरपालिकाओं के लिए ठोस अपशिष्ट (प्रबंधन एवं प्रबंधन), स्वच्छता एवं स्वास्थ्य उपनियम 1 जुलाई 2019 के अनुसार उपयोगकर्ता शुल्क निर्धारित किया गया है। इस संबंध में प्रस्ताव को पालिका सभा द्वारा 20 नवंबर 2021 को अनुमोदित किया गया है। इसके अनुसार अब पालिका ने 1 अप्रैल 2023 से वर्गीकृत कचरे के लिए मासिक सेवा शुल्क लेना शुरू कर दिया है। साथ ही यह शुल्क पालिका संपत्ति कर बिल से वसूल किया जाएगा। इस नई शुल्क वृद्धि में 60 रुपये शुल्क लिया जाएगा। इसलिए आम नागरिकों को एक साल तक पालिका के खजाने में 720 रुपए अधिक देने होंगे।
घरटी 60,दुकान, क्लीनिक 90 रुपये, शोरूम (उपकरण, फर्नीचर, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स) 160 रुपये, गोदाम 160 रुपये, रेस्तरां और होटल 160 रुपये, आवास और भोजन वाले होटल 200 रुपये, 50 बेड से कम वाले अस्पताल 160 रुपये, 50 से अधिक बिस्तर 240, शिक्षण संस्थान, छात्रावास 120, धार्मिक संस्थान 120, शासकीय, अर्धशासकीय कार्यालय 120, विवाह कार्यालय, मनोरंजन कक्ष, सिंगल स्क्रीन थियेटर 2 हजार, शॉपिंग सेंटर, मल्टी स्क्रीन थियेटर 2 हजार व फेरीवालों को लगाना होगा 180 रुपये का भुगतान करें। इसलिए मौसमी दुकानों या आनंद मेला, सस्तांग, फूड फेस्टिवल, आतिशबाजी की दुकानों से बिना मासिक शुल्क लिए एक बार शुल्क लिया जाएगा।