
पुणे-मुख्यमंत्री जी, कई सालों से ठेका मजदूरों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ है। आपकी वजह से इस साल हमारा क्रिसमस खुशियों भरा रहा। हमारा समाज बड़ी रियायतें नहीं चाहता, लेकिन बच्चों के लिए कुछ रियायतों पर विचार किया जाना चाहिए’ शिक्षा.. उपचुनाव की पृष्ठभूमि में आयोजित अठारह जातियों के प्रतिनिधिमंडलों ने मुख्यमंत्री के दरवार में हाजिरी लगाई।
जनता की सरकार है? क्या आपने इसे आठ महीनों में अनुभव किया? बीजेपी-शिवसेना सरकार सभी समुदायों के साथ मजबूती से खड़ी है या नहीं? क्या आठ महीने में किसी के साथ गलत हुआ है? ’ दर्शकों से सीधा सवाल करते हुए और दर्शकों से अपेक्षित प्रतिक्रिया प्राप्त करते हुए, मुख्यमंत्री ने विभिन्न सामाजिक समूहों के मुद्दों को सुलझाने का वादा करते हुए लोगों से भाजपा-शिवसेना गठबंधन को वोट देने की अपील की।
अब मुख्यमंत्री ने खुद अपनी बात कह दी है कि चाहे कुछ भी हो मसला हल हो जाएगा, इसी विश्वास पर खुद मुख्यमंत्री की जय-जयकार लगाए। कसबा विधानसभा उपचुनाव की पृष्ठभूमि में विभिन्न न्यायिक संस्थाओं-संगठनों व सामाजिक समूहों से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से संवाद की। शिंदे ने कसबा पेठ के फड़के हौद चौक के गुजराती स्कूल में विभिन्न सामाजिक समूहों के साथ बातचीत की। इस दृढ़ विश्वास के साथ कि प्रश्न और समस्याएं हल हो जाएंगी, समुदाय के लोग शाम 4 बजे से क्षेत्र में बयानों के कागजात, शिव धनुष, पुनेरी पगड़ी, माला, फूलों के गुलदस्ते के साथ अभिनंदन के लिए मुख्यमंत्री की प्रतीक्षा कर रहे थे। लेकिन इस बातचीत के पीछे ’छिपे हुए’ मकसद के बारे में प्रतिनिधिमंडल के कुछ प्रतिनिधियों को ही पता था।
कभी-कभी किसी का नाम पूछकर, उनके साथ तस्वीर खींचकर, संबंधित समाज के नेता के कितने करीबी हैं, यह बताकर वे एक विश्वास पैदा करते हैं कि सवाल और समस्याएं हल हो जाएंगी। कसबा और चिंचवड़ उपचुनाव के लिए आचार संहिता लगी हुई है, ऐसे में कोई फैसला नहीं हो सकता है।
