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लक्ष्मण जगताप के ‘विकास कामों’ पर विरोधियों का अतिक्रमण

लक्ष्मण जगताप के ‘विकास की गंगा’ सांगवी टू रावेत

पिंपरी– पिंपरी चिंचवड मनपा जब अस्तित्व में आयी,उस समय सांगवी,पिंपलेगुरव,सौदागर,रहाटणी,वाकड,रावेत आदि परिसर एक जंगल था,गांव था। बैलगाडी का युग था। पक्की सडकें तो दूर कच्ची सड़कों पर चलना स्थानीय नागरिकों के नसीब में नहीं था।

स्व.लक्ष्मण जगताप तीन बार विधानसभा से विधायक और एक बार विधान परिषद से विधायक बने। मनपा में महापौर,सभापति रहे। अपने इन कार्यकाल में चिंचवड विधानसभा क्षेत्र में विकास का पंख लगाया। विकास की चिडिया जो एक बार उडी तो पीछे मुडकर नहीं देखी। वर्तमान में इन परिसर में बडी चौडी कांक्रिट,डाबर की सड़कें,उड्डानपुल,अंडरग्राउंड सड़कें,खूबसूरत उद्यान, स्वच्छ पानी की सुविधा,24 घंटे बिजली जैसे विकास की गंगा बहायी। शास्तिकर रद्द और अवैध बांधकाम नियमित करने के मुद्दे पर लक्ष्मण जगताप अपने राजनीतिक गुरु अजित पवार से भी भिड़ गए और राष्ट्रवादी से नाता तोडकर भाजपा में शामिल हुए। परिसर के साथ साथ स्थानीय लोगों का भी विकास हुआ। जमींनों के भाव बढ़े,जिसमें मूलगांव वालों को फायदा हुआ। बैलगाडी जहां चला करती थी आज उन पक्की सड़कों पर आलिशान चमचमाती महंगी गाडियां दौडती है। मूलगांव वाले गुंडामंत्री कहलाने लगे। यह सब लक्ष्मण जगताप की दूर दृष्टि का परिणाम है। स्मार्ट सिटी के माध्यम से जो विकास कार्य हुए वो चिंचवड विधानसभा क्षेत्र की कायापलट दी। अन्य राज्यों से अथवा केंद्र सरकार के प्रतिनिधि मंडल स्मार्ट सिटी के काम इसी क्षेत्र में देखने आते है। कई पुरस्कार भी प्राप्त हुए।

विकास काम और जनहित के कार्यों के प्रति वे सदैव तत्पर रहे। किसी भी दल में रहे हो वो विकास कामों के लिए अपने नेताओं से जुझते रहे,अपनी बात मनवाते रहे। आज उनका लंबी बीमारी के चलते निधन हो गया। चिंचवड विधानसभा चुनाव हो रहे है। लक्ष्मण जगताप के विकास कामों पर लोग हक्क जता रहे है। कुछ प्रतिद्धंद्धी उम्मीदवार विकास पर वोट देने की बात कर रहे है। अब किसके विकास कामों पर वोट देने की बात हो रही है? यह बडा सवाल है। क्योंकि विकास काम लक्ष्मण जगताप की देन है। यह चिंचवड के मतदाताओं को भलिभांति पता है। लक्ष्मण जगताप द्धारा किए विकास कामों को अगर कोई खुद का बताए तो केवल हास्यपद वाली बात है। ऐसा भाजपा के उम्मीदवार अश्विनी जगताप ने हमारे संवाददाता से कहा।

मतदाता जागरुक है,किसी के बहकावे में आने वाले नहीं। घर घर से एक ही आवाज आ रही है कि एक एक वोट स्व.लक्ष्मण जगताप को समर्पित है। सहानुभुति की लहर चारों तरफ दिखाई दे रही है। अपने कामों को विरोधक गिनाए और जनता से वोट मांगे। साहब…के निधन पर सभी बडे नेता आए,दु:ख प्रकट किए,सहानुभुति दिखाई और साथ खडे रहने के लिए वचन दिए। लेकिन चुनाव की घोषणा होते ही यही नेतागण मेरे विरोध में उम्मीदवार उतारकर प्रचार कर रहे है। जबकि डेढ साल के लिए आम जनता पर चुनाव लादना उचित नहीं था। मगर नेताओं के करनी और कथनी में फर्क होता है ऐसा सुना था अब साक्षात देख रही हूं। चिंचवड के मतदाता भी देख और समझ रहे है। लोगों ने मन बना लिया है कि एक एक वोट स्व.लक्ष्मण जगताप के विकास कामों पर समर्पित करके सच्ची श्रद्धांजलि देंगे।

दूसरों के काम को अपना काम बताना यह एक सफेद झूठ के समान है। जब से साहब..राजनीति में आए,मैं अपने मायके नहीं गई,उनका साया बनकर विकास कामों,जनता के सुख-दुख में शामिल रही। अब चिंचवड ही मेरा मायका है और क्षेत्र की जनता मेरा परिवार है। साहब…की तरह अपने परिवार के साथ खड़ी रहूंगी,मेरे जीवन का यही लक्ष्य होगा कि साहब…के विकास कामों को आगे बढ़ाने का काम करुं। ऐसे मार्मिक,दर्दभरी भावुक आवाज में अश्विनी जगताप ने मनोगत व्यक्त की।

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