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माता पिता आपके असली हिरो,अभिनेता अनुपम खेर का छात्रों को मूलमंत्र

शैक्षणिक गुणवत्ता ही सफलता या असफलता की कसौटी नहीं -अनुपम खेर
असफलता से निराश न हों,विपरीत परिस्थितियों का सामना करें-अनुपम खेर

पिंपरी-सफलता और असफलता,उतार-चढ़ाव जीवन का अभिन्न अंग हैं। इसलिए असफलता से न थकें,उदासी और निराशा को बाजू में रखो,असफलता को दूर करें। अपेक्षाओं के बोझ तले न दबें, ऊर्जावान होकर काम करें। सिने अभिनेता अनुपम खेर ने विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि सफलता आपको गौरवान्वित करेगी। आज से आप शिक्षा के पिंजरे से आजाद होकर आसमान के पंक्षी बन गए हो।

डॉ.डी वाय पाटिल बी-स्कूल के विद्यार्थियों का तीसरा दीक्षांत समारोह संपन्न
पिंपरी के डॉ.डी वाय पाटिल बी-स्कूल के विद्यार्थियों का तीसरा दीक्षांत समारोह शनिवार को उत्साह के साथ संपन्न हुआ। सिने अभिनेता अनुपम खेर और सौरभराज जैन ने छात्रों को डिग्रियां प्रदान कीं। डॉ.डी.वाय पाटिल यूनिटेक सोसायटी के सचिव डॉ.सोमनाथ पाटिल, कुलपति एम.जे.पवार,डॉ.डी वाय पाटिल बी-स्कूल के निदेशक डॉ.अमोल गावंडे,सोहेल काज़ी और अभिभावक,छात्र उपस्थित थे। इस मौके पर ढोल नगाड़ों की आवाज के साथ अतिथियों का स्वागत किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत बीजारोपण कर की गई।

शैक्षणिक गुणवत्ता ही सफलता या असफलता की कसौटी नहीं -अनुपम खेर
अनुपम खेर ने कहा ग्रेजुएशन के बाद आप कॉम्पिटिशन के युग में प्रवेश करेंगे। भविष्य में आपको कठिनाइयों और संकटों का सामना करना पड़ेगा। पल-पल, कदम-कदम पर चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। केवल अकाडमिक गुणवत्ता ही सफलता या असफलता की कसौटी नहीं है। इसे हमेशा याद रखें। मैंने अपने जीवन में कभी भी 38 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त नहीं किए हैं। बहरहाल मैं आज आपके दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हो रहा हूं।

आदमी को अपनी गरीबों पर शर्म नही करनी चाहिए
जब कोई आदमी गरीब हो तो गरीबी पर शर्म न करें। खुश रहना चाहिए। मैं बहुत गरीब परिवार से आता हूं। हमारे परिवार में 14 लोग एक छोटे से घर में रहते थे। मेरे दादाजी ने गरीबी के डर पर काबू पाया तो पापा ने फेल होने का डर निकाल दिया। थके हारे को कभी मत कहो, राह शायद चिकनी न हो। स्थिर होना चाहिए। जीवन में कभी छोटा मत सोचो, बड़ा सोचो। माता-पिता से बड़ा कोई हीरो नहीं होता। सफलता के लिए माता-पिता का आशीर्वाद जरूरी है। वे बड़े सलाहकार हैं। घर में उन्हें फर्नीचर की तरह न रखें, स्टीरियोटाइप न होने दें, हमेशा माता-पिता, देश के बारे में सोचें। अभिनेता खेर ने यह भी कहा कि देश,जवान हैं तो हम हैं।

खुश हों,संतुष्ट्र हो तो अहंकार न करें-सौरभराज जैन
अभिनेता सौरभराज जैन ने कहा, कर्म करते रहो, फल की इच्छा मत करो, कर्म करते रहो तो फल मिलेगा। उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि जब वे खुश हों, संतुष्ट हों तो अहंकार न करें और जब वे दुखी हों तो आत्मविश्वास न खोएं।

निदेशक डॉ.अमोल गावंडे ने स्नातक छात्रों के बारे में जानकारी दी। डॉ.सोनाली साहा,डॉ.आशा किरण सूत्रसंचालन की कमान संभाली। दीक्षांत समारोह की सफलता के लिए डॉ.अतुल कुमार और उनके साथियों ने काफी मेहनत की।

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