पिंपरी- पिंपरी चिंचवड़ शहर के चिंचवड विधानसभा से बीजेपी विधायक लक्ष्मण जगताप का लंबी बीमारी के बाद आज दुख निधन हो गया है। वह पिछले कई दिनों से किसी पुरानी बीमारी से पीड़ित थे। उनका इलाज पुणे के एक निजी अस्पताल में चल रहा था। आज उनका अंतत: निधन हो गया। पार्थिव शरीर का अंत्येष्टि आज शाम 7 बजे पिंपले गुरव के श्मशान घाट पर होगा। ऐसा सूत्रों से खबर मिली है।
कुछ दिन पहले ही उन्होंने एक जानलेवा बीमारी पर काबू पाया। उनकी हालत में भी सुधार हो रहा था। लेकिन, दिवाली के बाद स्वास्थ्य कारणों से उन्हें फिर से अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान, मौत के साथ उनकी लड़ाई आखिरकार खत्म हो गई। मई में हुए राज्यसभा और विधान परिषद चुनाव के दौरान लक्ष्मण जगताप का एक वोट बीजेपी के लिए बेशकीमती साबित हुआ। एम्बुलेंस और डॉक्टरों की टीम के साथ बीमार होने पर भी वे एंबुलेंस में मुंबई आए और मतदान के अपने अधिकार का प्रयोग किया।
लक्ष्मण जगताप एक बार विधान परिषद का चुनाव जीता और तीन बार चिंचवड विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए। एक् बार वो मावल लोकसभा से सांसद का चुनाव लडा लेकिन सफलता नहीं मिली। मनपा में वे महापौर,स्थायी समिति सभापति पद पर रहे। रकांपा के शहर अध्यक्ष रहे। शास्तीकर,अवैध बांधकाम के मुद्दे से नाराज होकर जगताप ने अजित पवार से नाराज हुए और बगावत करके पहले मनसे में शामिल हुए फिर भाजपा में शामिल होकर मनपा से 15 साल सत्ता काबिज राकांपा को उखाड फेंका और भाजपा की पूर्ण बहुमत से सरकार स्थापित की। चिंचवड विधानसभा में उनके विकास कामों की सराहना हमेशा की गई। पिंपले सौदागार,राहाटणी,पिंपले गुरव,रावेत,वाकड में उनके द्धारा किए गए विकास काम एक मॉडल स्थापित हुए।
वे 1993-94 में नगरपालिका स्थायी समिति के अध्यक्ष थे। वह एनसीपी में शामिल हो गए जो 1998 में अस्तित्व में आई थी। वह एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के वफादार कार्यकर्ता के रूप में जाने जाते थे। उन्होंने 19 दिसंबर 2000 से 13 मार्च 2002 तक पिंपरी-चिंचवड़ के मेयर के रूप में कार्य किया। हालाँकि, 2003-04 में हुए विधान परिषद चुनावों के लिए निर्दलीय चुनाव लड़कर विधान परिषद का चुनाव जीता। 2014 के लोकसभा चुनाव में, राकांपा ने जगताप को मावल लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार के रूप में खारिज कर दिया था। उस समय जगताप ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी छोड़ दी और किसान मजदूर पार्टी में शामिल हो गए। शेकापा के टिकट पर चुनाव लड़ा। इसमें उनकी हार हुई थी। इसके बाद वे भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। उन्होंने 2014 का विधानसभा चुनाव भी बीजेपी के लिए लड़कर जीता था। पिछले महीने पुणे से बीजेपी विधायक मुक्ता तिलक का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था। आज लक्ष्मण जगताप ने भी अंतिम सांस ली।