ताज़ा खबरे
Home / ताज़ा खबरे / मनपा स्टाफ नर्स की भर्ती स्थगित,मुंबई हाईकोर्ट का आदेश

मनपा स्टाफ नर्स की भर्ती स्थगित,मुंबई हाईकोर्ट का आदेश

राष्ट्रीय श्रमिक अघाडी संलग्न(एनएफआईटीयू) नेश्नल फ्रंट ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन द्धारा मनपा को तगड़ा झटका

पिंपरी-पिंपरी चिंचवड मनपा वैद्यकीय विभाग में मानधन पर 15 वर्षों से काम करने वाले ठेका कर्मचारी मुंबई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। मनपा में हो रही स्टाफ नर्स की भर्ती पर कोर्ट ने स्थगन आदेश देकर 6 हफ्ते में रिपोर्ट पेश करने के आदेश पालिका और शासन को दिए है। कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि राष्ट्रीय श्रमिक अघाडी के 123 सदस्यों को काम से न हटाएं। ऐसी जानकारी आज पत्रकार परिषद में राष्ट्रीय श्रमिक अघाडी के अधयक्ष और एनएफआयटीयू के वरिष्ठ उपाध्यक्ष यशवंत भोसले ने दी। राष्ट्रीय श्रमिक अघाडी संलग्न(एनएफआईटीयू) नेश्नल फ्रंट ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन ने मनपा को बड़ा झटका दिया है।

 

एसोसिएशन के समन्वयक शशांक इनामदार,एड.सुशील मंचरकर,अमोल घोरपड़े,दीपक पाटिल,राहुल शितोले और बड़ी संख्या में स्टाफ नर्स मौजूद थे। यशवंतभाऊ भोसले ने कहा कि पिंपरी-चिंचवड़ पालिका अस्पताल में स्टाफ नर्स,एएनएम, लैब टेक्नीशियन, एक्स-रे टेक्नीशियन पिछले 10 से 15 साल से मानदेय पर काम कर रहे हैं। इन कोरोना योद्धाओं ने कोरोना महामारी में युद्ध के मैदान में काम किया। कार्य को संज्ञान में लेते हुए पालिका ने 31 जुलाई 2021 को इन 493 कोरोना योद्धा कर्मचारियों को पालिका सेवा में बनाए रखने का प्रस्ताव पारित किया। आयुक्त के हस्ताक्षर वाले प्रस्ताव ने राज्य के शहरी विकास विभाग को मंजूरी के लिए प्रस्ताव भेजा है। शहरी विकास ने उस पर कोई आपत्ति नहीं की। उल्टे उन्होंने पालिका से और जानकारी मांगी। इस बीच नगरसेवकों का कार्यकाल 13 मार्च,2022 को समाप्त हो गया। चुनाव नहीं होने के कारण प्रशासनिक व्यवस्था शुरू हो गई।

 

जबकि कर्मचारियों को मानदेय पर रखने की प्रक्रिया लंबित थी,वहीं पालिका प्रशासन ने स्टाफ नर्स,एएनएम और अन्य तकनीकी कर्मचारियों के 131 पदों पर भर्ती की। प्रस्ताव को पहले से लागू किया जाना चाहिए क्योंकि प्रस्ताव राष्ट्रीय श्रमिक अघाडी के पास लंबित है। तब तक पालिका प्रशासन को नई भर्तियों की भर्ती न करने का लिखित पत्र दिया गया था। फिर भी प्रशासन ने भर्ती प्रक्रिया को नहीं रोका है। अत: इसके विरुद्ध एड.वैशाली किशोर जगदाले की ओर से मुंबई हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। कोर्ट ने पालिका आयुक्त को नोटिस जारी किया था। उसके बाद भी नगर प्रशासन ने लिखित परीक्षा ली। इसलिए संगठन ने कोर्ट से इस पर तत्काल सुनवाई की मांग की है। न्यायमूर्ति एमके मेनन और न्यायमूर्ति एम एस कार्णिक की पीठ ने हाल ही में मामले की सुनवाई की। संस्था की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता,विधि विशेषज्ञ अधिवक्ता उदय वरूणजीकर ने अपनी बात रखी। याचिका पर दिन में तीन बार सुनवाई हुई।

 

संघ की ओर से तर्क देते हुए अधिवक्ता उदय वरुणजीकर ने कहा कि कर्मचारियों को मानदेय पर रखने का प्रस्ताव लंबित है। 10 से 15 साल से काम कर रहे कर्मचारियों को बनाए रखने के बजाय नए कर्मचारियों की भर्ती करना संघ के सदस्यों के साथ एक बड़ा अन्याय है। अदालत ने तर्क को स्वीकार करते हुए नगर पालिका स्टाफ नर्स की भर्ती प्रक्रिया को स्थगित कर दिया। इसके अलावा नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव पालिका की आम बैठक के संकल्प पर 6 सप्ताह के भीतर निर्णय लें। तब तक उन्होंने यह भी आदेश दिया कि वेतनभोगी कर्मचारियों की छंटनी न की जाए। भोसले ने कहा कि अदालत ने स्पष्ट किया है कि फैसला आठ सप्ताह तक अपरिवर्तित रहेगा। ऐसा यशवंत भोसले ने बताया। पालिका की ओर से अ‍ॅड रोहित सखदेव और शासन की ओर से अ‍ॅड एमएन पाबळेे ने पैरवी की।

Check Also

संजोग वाघेरे के नामांकन पर्चा दाखिल रैली में उमड़ा जनसैलाब

आदित्य ठाकरे,अमोल कोल्हे,सचिन अहिर,माणिक ठाकरे रहे उपस्थित पिंपरी- मावल लोकसभा क्षेत्र से शिवसेना उद्धव ठाकरे-राकांपा …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *