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भाजपा छोड़कर गए नगरसेवकों की सांसें थमी

पिंपरी-पिंपरी चिंचवड मनपा के तात्कालीन नगरसेवकों ने भाजपा का साथ छोड़कर राष्ट्रवादी कांग्रेस का दामन थामा। महराष्ट्र सरकार का तख्ता पलटने के बाद क्या अब यह माना जाए कि इन नगरसेवकों ने जल्दबाजी में जो आत्मघाती वाला निर्णय लिया वो गलत था? उद्धव ठाकरे की सरकार गई और भाजपा की सरकार आ रही है। अब तक रहे उपमुख्यमंत्री अजित पवार के भरोसे जिन नगरसेवकों ने पिंपरी चिंचवड,पुणे समेत महाराष्ट्र भर में भाजपा से इस्तीफा देकर राकांपा में चले गए आज सत्ता परिवर्तन होने के बाद निश्चित रुप से उनकी सांसें थम गई होंगी।

 

ये नगरसेवक भाजपा को छोड़कर राष्ट्रवादी में गए

अगर हम पिंपरी चिंचवड शहर की बात करें तो भोसरी विधानसभा क्षेत्र से विधायक महेश लांडगे से नाराज होकर कद्दावर नगरसेवक वसंत बोर्‍हाटे,रवि लांडगे ने साथ छोड़कर राकांपा में शामिल हुए। वहीं चिंचवड विधानसभा के विधायक लक्ष्मण जगताप से नाराज होकर माया बारणे,चंदा लोखंडे,निर्दल नगरसेवक कैलास बारणे ने राकांपा का दामन थामा। हाल ही में भाजपा के स्वीकृत नगरसेवक बाबू नायर ने भाजपा नगरसेवक पद और सदस्य पद से त्यागपत्र देकर सबको चौंका दिया था। अब चूंकि राज्य में सत्ता परिवर्तन हुआ है तो इन नगरसेवकों को अपने आत्मघाती निर्णय में पछतावा हो तो कोई आश्चर्य नहीं। शहर से कुछ और भाजपा नगरसेवक इस्तीफे देने की तैयारी में थे। चुनाव की तारिख घोषित होते ही करीबन 20-25 नगरसेवक भाजपा छोड़कर पहली पसंद राष्ट्रवादी में जाने की जुगाड फिट कर रहे थे जो बाल बाल बच्च गए।

 

संभावित मंत्री महेश लांडगे को पालिका में भाजपा की सत्ता लाने की जिम्मेदारी

अब देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में भाजपा की सरकार आगामी दो दिनों में बनने जा रही है। विधायक महेश लांडगे को मंत्री पद मिलेगा ऐसी प्रबल चर्चा है। दूसरे विधायक लक्ष्मण जगताप बीमार चल रहे हैं। आगामी मनपा चुनाव में फिर पिंपरी चिंचवड मनपा में कमल खिलाने की बडी जवाबदारी महेश लांडगे को दी गई है। राकांपा ने पहले भाजपा के नगरसेवकों को तोड़ा अब भाजपा वाले राकांपा के जीताऊ नगरसेवकों को तोडने में हर दांव चलेंगे। राकांपा नगरसेवक चतुर पंक्षी की तरह सुरक्षित ठिकाना तलाशना शुरु कर दिए है। शहर में राकांपा के पास ऐसा कोई जनाधार वाला नेता नहीं बचा जो अपने दम पर मनपा में राकांपा को सत्ता दिला सके। महेश लांडगे,लक्ष्मण जगताप के कद के बराबर राकांपा के पास स्थानीय नेताओं की कंगाली है। अजित पवार खुद भाजपा के प्रति नरम रुख अपनाए हैं। आने वाले दिनों में राकांपा से भारी संख्या में नगरसेवक भाजपा में शामिल हो सकते है। दुविधा उन नगरसेवकों के सामने है जो भाजपा का साथ छोडकर राकांपा में जाने की आत्मघाती निर्णय ले चुके हैं।

 

…अब राष्ट्रवादी की सीटें घटेंगी

महाराष्ट्र में अघाडी सरकार थी, तब भी हम कहते थे कि पिंपरी चिंचवड मनपा चुनाव में भाजपा 60% और राकांपा 40% सीटें जीतकर एक बार फिर सत्ता में लौट सकती है,अब राज्य में सत्ता परिवर्तन होने के बाद चित्र बदल जाएगा और भाजपा 70% सीट जीतकर अपने जादुई आंकडें 100 पार को आसानी से छू सकती है। राकांपा की सीटें अब बढ़ेंगी नहीं बल्कि घटेगी। यही सच्चाई आने वाले दिनों में हम सबके सामने नजर आएगी।

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