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ऊर्जास्रोत हैं संततुकाराम महाराज की अभंग-नरेंद्र मोदी

संतों की यात्राएं हमारे लिए सामाजिक उर्जास्रोत,भारत भक्ति-शक्ति का केंद्र-प्रधानमंत्री

देहु- संत तुकाराम महाराज की दया, करुणा और सेवा उनके अभंगों के रूप में आज भी हमारे साथ है। इन अभंगों ने हमारी कई पीढ़ियों को प्रेरित किया है। जिसका उल्लंघन न हो। जो कालातीत और प्रासंगिक है वह अभंग है। आज देश सांस्कृतिक मूल्यों पर आगे बढ़ रहा है। इस समय संत तुकाराम के अभंग हमें ऊर्जा दे रहे हैं। रास्ता दिखा रहा है। संत नामदेव, संत एकनाथ, संत सावता माली, संत नरहरि महाराज, संत सेना महाराज, संत गोरोबकाका, संत चोखामेला के अभंगों से हमें नई प्रेरणा मिलती है।

 

कार्यक्रम में अजित पवार की अनदेखी

देहु में जगदगुरु संत तुकाराम महाराज के शिला मंदिर के उद्घाटन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करकमलों द्धारा संपन्न हुआ। इस अवसर संतों की एक सभा को संबोधित करते हुए बोल रहे थे। पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस,उपमुख्यमंत्री अजित पवार,भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल,भाजपा विधायक महेश लांडगे, तुकोबा मंदिर संस्थान के अध्यक्ष नितिन मोरे महाराज समेत हजारों की संख्या में तुकोबा के भक्तगण उपस्थित थे। मोदी ने अपना भाषण तुकोबा के अभंग गाथा के श्लोक से किया। फणणवीस के भाषण के बाद प्रधानमंत्री को भाषण के लिए आमंत्रित किया गया,इस बीच उपमुख्यमंत्री अजित पवार की अनदेखी की गई। प्रधानमंत्री ने टोका की पहले अजित पवार को बुलाओ फिर मुझे,लेकिन आयोजकों ने अनदेखी करते हुए दोबारा प्रधानमंत्री को आमंत्रित किया।

 

देहू संततुकाराम महाराज की जन्मस्थली और कर्मस्थली

नरेंद्र मोदी ने कहा कि देहु की भूमि संतों की भूमि है। यह संततुकाराम महाराज की जन्मस्थली के साथ साथ कर्मस्थली भी है। तुकोबा के अभंग गाथा समाज,देश को प्रेरणा देते है,असमानता की दूरियां मिटाने का काम करते है। संततुकाराम महाराज ने अपनी पूरी संपित्त जनहित की सेवा में समर्पित कर दी। जो भंग नहीं होता,समय के साथ सशक्त होता है वही अभंग होता है। तुकोबा महाराज की अभंगगाथा उर्जा देते है। भारत संतों की भूमि है। संततुकाराम महाराज जिस शीला पर बैठकर 13 दिनों तक तपस्या की आज उसी शीला का पुर्ननिर्माण करवाया गया जिसका उद्घाटन करने का स्वभाग्य मुझे प्राप्त हुआ। भारत भक्ति-शक्ति का केंद्र है। संतों के सत्संग से ईश्वर की अनुभूति होती है जो आज मुझे हो रही है। संतों से प्रेरणा मिलती है। संतों की यात्राएं हमारे लिए सामाजिक उर्जास्रोत है। प्राचीन पहचान को जिंदा रखना संतों के साथ हमारा भी दायित्व है। चारधाम यात्राएं निकल रही है। अयोध्या में श्रीराम का भव्य मंदिर का निर्माण हो रहा है,तो काशी नए स्वरुप में उभर रहा है। देश के तीर्थ स्थलों को विकसित किया जा रहा है। पिछले आठ वर्षों में देश और विदेश में मुंबई,नागपुर,पुणे,दिल्ली,लंदन में भीमराव आंबेडकर के पांचतीर्थ स्थलों का विकास हो रहा है।

 

संतों की पालखी मार्ग का चौडीकरण,350 किमी हेतु 11 हजार करोड लागत

दोनों महान संतों की पालखी मार्ग को अत्याधुनिक तरीके से चौडीकरण किया जा रहा है। कुल 350 किलोमीटर मार्ग के लिए केंद्र सरकार 11000 करोड खर्च कर रही है। इससे क्षेत्र को विकास की गति मिलेगी। सरकार की योजनाएं बिना भेदभाव के कार्यान्वियत हो रही है। दलितों,पिछडों,वंचितों,आदिवासियों के कल्याणकारी योजनाएं शुरु की गई है। जिसका लाभ सीधे रुप से उन तक पहुंच रही है। महिला सशक्तिकरण की ओर अभियान जारी है। देश नागरिकों के मौलिक अधिकारों को उपलब्ध करवा रहा है। सबके प्रयास सबके भागीदारी से हर कार्य संभव है। प्लास्टिक मुक्ति संकल्प को हम सबको मिलकर सफल बनाने की आवश्यकता है। अमृत सरोवरों को साफ करने का अभियान देश भर में शुरु है। प्राकृतिक खेती को आगे बढाने की दिशा में कार्य हो रहा है। योग दिवस उत्सव में संत समाज,भारत का हर नागरिक सम्मिलत हो ऐसी अपील प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की।

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