ताज़ा खबरे
Home / ताज़ा खबरे / पिंपरी पालिका में फर्जीवाडा,बिना प्रशिक्षण 57 करोड़ का भूगतान

पिंपरी पालिका में फर्जीवाडा,बिना प्रशिक्षण 57 करोड़ का भूगतान

पिंपरी- पिंपरी-चिंचवड़ मनपा के नागरवस्ती विभाग में 57 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार हुआ। यह भ्रष्टाचार भाजपा के राज में हुआ,जिसका नारा है ना खाउंगा,ना खाने दूंगा…पिंपरी पालिका में यह नारा बदल गया..खाने दूंगा और चुप रहूंगा…मनपा के पदाधिकारी और संबंधित अधिकारी की मिलिभगत से यह भ्रष्टाचार हुआ। ऐसा आरोप भाजपा की ही नगरसेविका माया बारणे ने लगाया।

 

अखिल भारतीय स्थानीय स्वशासन संस्था का फर्जीवाडा

अखिल भारतीय स्थानीय स्वशासन संस्था पिंपरी-चिंचवड़ मनपा में महिलाओं के प्रशिक्षण के लिए नियुक्त ठेकेदार एजेंसी ने भाजपा पदाधिकारियों व प्रशासनिक अधिकारियों के सहयोग से वर्ष 2020-21 में 57 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार किया। कोरोना काल में कर्फ्यू के दौरान ठेकेदार ने 61,155 महिलाओं को प्रशिक्षित करने का दावा किया है। भाजपा नगरसेविका माया बारणे ने बुधवार (2 जनवरी) को गंभीर आरोप लगाया कि वास्तव में महिलाओं को बिना किसी प्रशिक्षण के झूठे प्रमाणपत्र दिया गए। उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में लाभार्थियों की फोरेंसिक रिपोर्ट पेश की। उन्होंने भ्रष्टाचार की निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। माया बारणे ने एक संवाददाता सम्मेलन में भाजपा शासन में अराजकता के बारे में बात की। निर्दल समूह के नेता कैलाश बारणे इस अवसर पर मौजूद थे। पालिका ने महिलाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण देने के लिए एक निजी एजेंसी अखिल भारतीय स्थानीय स्वशासन संगठन नियुक्त किया है।

 

महिलाओं को प्रशिक्षित करने का नाटक,हस्ताक्षर फर्जी

महिला दस्तावेजों का दुरूपयोग करते हुए ठेकेदार ने फर्जी हस्ताक्षर कर महिलाओं को प्रशिक्षित करने का नाटक किया। महिलाओं को प्रशिक्षण दिए बिना पालिका से करोड़ों रुपये वसूल किए गए। कोरोना काल में जब कर्फ्यू और कर्फ्यू लगा तो ठेकेदार ने 61,155 महिलाओं को प्रशिक्षित करने का दावा किया। सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत मामले की जानकारी मांगते हुए उपायुक्त शहरी विकास अजय चरथंकर और आयुक्त राजेश पाटिल ने जानकारी देने से इनकार कर दिया। आयुक्त राजेश पाटिल भाजपा पदाधिकारियों के दबाव में जानकारी देने से बच रहे थे। कमिश्नर ने भी समझाने की कोशिश की। आयुक्त ने अभी इस मामले में सुनवाई नहीं की है।

 

आरटीआई के लिए 53,000 रुपये फीस जमा

सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत पालिका से सूचना मिलने के बाद हमने इसकी पुष्टि की। नागरवस्ती विभाग से प्राप्त महिलाओं की सूची खंगाली गयी। उनमें से कई ने कहा कि उन्होंने कोई प्रशिक्षण नहीं लिया। जिन महिलाओं की उपस्थिति पत्रक पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इनमें से 10 हस्ताक्षर जांच के लिए पुणे की फॉरेंसिक लैब में भेजे गए थे। उनकी रिपोर्ट प्राप्त हुई और वास्तविक महिलाओं के हस्ताक्षर और उपस्थिति पत्रक पर हस्ताक्षर के बीच एक बड़ी विसंगति पाई गई। माया बारणे ने कहा कि लाभार्थियों के हस्ताक्षर झूठे होने का पता चला है। हेयर स्पा ट्रेनिंग के नाम पर एक महिला को सिर्फ दो दिन हाथ धोने की ट्रेनिंग दी गई। 90 दिनों के पाठ्यक्रम को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। उच्च जाति के घर की महिलाओं को नौकरानी के रूप में प्रशिक्षित दिखाया गया था। यह अखिल भारतीय स्थानीय स्वशासन के पाखंड को दर्शाता है। इस ठेका संगठन ने करोड़ों रुपये का गबन किया। हालांकि दस्तावेजों में 57 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार दिखाया गया है,लेकिन हकीकत में 150 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार है। इतने बड़े भ्रष्टाचार के बावजूद बीजेपी के पदाधिकारी चुप हैं। माया बारणे ने यह भी आरोप लगाया कि इसमें अधिकारी और पदाधिकारी शामिल है।

Check Also

संजोग वाघेरे के नामांकन पर्चा दाखिल रैली में उमड़ा जनसैलाब

आदित्य ठाकरे,अमोल कोल्हे,सचिन अहिर,माणिक ठाकरे रहे उपस्थित पिंपरी- मावल लोकसभा क्षेत्र से शिवसेना उद्धव ठाकरे-राकांपा …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *