पिंपरी- बजाट स्कूटर के जन्मदाता और पिंपरी चिंचवड के कर्मदाता,पिंपरी चिंचवड को दुनिया के नक्शे पर लाने वाले राहुल बजाज का कल पुणे के रुबी हॉल हॉस्पिटल में निधन हो गया। निधन की खबर से जहां पूरा देश स्तब्ध है वही उद्योगजगत में शोक पसरा है। राहुल बजाज पिछले 50 सालों से पिंपरी चिंचवड शहर को अपनी कर्मभूमि मानकर शहर के विकास,उत्थान में मील का पत्थर साबित हुए। शहर को दुनिया के नक्शे पर लाया,पहचान दिलायी। कंपनी के परिसर में ही अधिकांश जीवन बिताया।
1970 के दशक में नगर पालिका थी। पिंपरी-चिंचवड़ शहर को अमीर बनाने में अगर किसी का बड़ा हिस्सा है तो वह बजाज ग्रुप के राहुल कुमार बजाज हैं। शहरवासियों को यकीन है कि बजाज पिंपरी चिंचवड़ का नागरिक थे और इसी शहर में रहता थे। यद्यपि वह दोपहिया उत्पादन के मामले में दुनिया के शीर्ष तीन उद्योगपतियों में से एक हैं,लेकिन उन्हें एक ऐसे उद्यमी के रूप में भी जाना जाता है, जिन्होंने गांधीवादी विचारधारा का पोषण किया और अपने आचरण के माध्यम से लोकतांत्रिक परंपराओं का पालन किया। लोकसभा हो या विधानसभा चुनाव,पिंपरी पालिका का चुनाव राहुल कुमार बजाज को अपने परिवार के साथ आकुर्डी के कमलनयन स्कूल में लगभग 50 वर्षों से मतदान केंद्र पर आते देखा गया।
8 दिसंबर,2021 बजाज स्कूटर के निर्माण की 60 वीं वर्षगांठ थी, जिसने हमारा बजाज टैगलाइन के साथ स्कूटरों को भारत की सड़कों पर लाकर इतिहास रच दिया है। यह एक ऐतिहासिक याद दिलाता है कि पिंपरी-चिंचवड़ शहर को दुनिया में पहचान मिली। जब शहर का अस्तित्व ही नहीं था तब बजाज कंपनी को आकुर्डी में शुरू हुई फैक्ट्री के रूप में ही जाना जाता था। एक गांव आकुर्डी में खंडोबा पाला (अब खंडोबा मल चौक) के पास एक कंपनी शुरू की गई है,जिसे उस समय सभी लोग जानते थे। कंपनी आकुर्डी में करीब 148 एकड़ क्षेत्र में फैली हुई है। 1959 में, भारत सरकार ने बजाज को दोपहिया (स्कूटर) और तीन पहिया रिक्शा के निर्माण की अनुमति दी। विज्ञापन और प्रचार के किसी भी साधन के अभाव में भारतीयों को स्कूटर का दीवाना बना दिया गया। 1,800 रुपये की कीमत वाला बजाज स्कूटर 1971 में लॉन्च किया गया था। बजाज ने अपने स्कूटर का नाम चेतक रखा और महाराणा प्रताप के घोड़े का नाम चेतक था और इतिहास सामने आने लगा।
इस बजाज कंपनी और बाद में टाटा मोटर्स के कारण तत्कालीन पिंपरी-चिंचवड नगर पालिका एशिया में समृद्ध हो गई। पिंपरी-चिंचवड़ अब राज्य के शीर्ष दस शहरों में पांचवें स्थान पर है। बजाज ने सचमुच शहर के विकास और विकास में चार चाँद लगा दिए। इसीलिए पिंपरी-चिंचवड की पहचान सबसे पहले एक औद्योगिक शहर के रूप में की जाती है। बजाज की फैक्ट्री विश्व में कहाँ है? तो यह पिंपरी-चिंचवड़ में है,यह गर्व से कहा जाता है अपने कार्यकर्ताओं,निजी कर्मचारियों और अन्य कर्मचारियों के साथ दया का व्यवहार करना उनकी विशेषता थी। बजाज के कामगारों को बैंक खुशी-खुशी होम लोन देती है या किसी भी लोन को तुरंत मंज़ूरी देती है। बजाज के कर्मचारियों को 100 में से 100 अंक मिलते हैं यदि वे शादी के लिए सोयारिक जमा करना चाहते हैं। बजाज में अगर दामाद या बेटा काम करता है तो गांव वालों को गर्व महसुस होता है। ऐसे कृपा दयालु राहुल बजाज आज हमारे बीच नहीं रहे।