पुणे- महाराष्ट्र की मशहूर तमाशा,लावणी प्रेमियों के लिए सरकार ने खुशखबरी दी है। कोरोना,लॉकडाउन काल में घरों में कैद लोगों का मनोरंजन नहीं हो सका। सिनेमा थिएटर भी बंद रहे। अब कला प्रेमियों के लिए सरकार ने 11 जिलों में तमाशा-लावणी को लिखित मंजूरी दी है। अब घूंघरु की झनकार और तबले की फनकार का कला प्रेमी लप्त उठा सकेंगे।
कोरोना की तीसरी लहर कमजोर होते ही राज्य सरकार अब एक बड़ी छूट दे रही है। पिछले कुछ दिनों से तमाशा कलाकारों सहित विभिन्न संगठन तमाशा के लिए अनुमति की मांग कर रहे थे। अजीत पवार ने भी सकारात्मक प्रतिक्रिया दी। उसके बाद राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग ने आखिरकार विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों और तमाशा कार्यक्रमों को लेकर लिखित आदेश जारी कर दिया है। राज्य के 11 जिलों के जिला कलेक्टरों को लिखित आदेश जारी कर दिए गए हैं। इसी के तहत जिला कलेक्टर को सीमित या खुली जगह में कार्यक्रमों की अनुमति देने के निर्देश दिए गए हैं।
राज्य सरकार द्वारा जारी आदेश के अनुसार राज्य के 11 जिलों में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों की अनुमति दी है। राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग ने जिला कलेक्टर को 50 प्रतिशत उपस्थिति सीमा के साथ इन कार्यक्रमों की अनुमति देने का निर्देश दिया है। राज्य सरकार की अनुमति के बावजूद अनुमति को लेकर स्थानीय प्रशासन में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। इसके चलते आपदा प्रबंधन विभाग ने अब लिखित आदेश जारी किया है। राज्य सरकार के इस फैसले से अब कलाकारों को बड़ी राहत मिलेगी।
किन जिलों में अनुमति?
मुंबई
पुणे
भंडार
सिंधुदुर्ग
रायगढ़
रत्नागिरि
सतारा
सांगली
गोंदिया
कोल्हापुर
चंद्रपुर
नेताओं का आश्वासन,लेकिन प्रशासन की देरी?
इससे पहले राज्य में एक फरवरी से तमाशे की अनुमति दी जानी थी। कलाकारों को ऐसा आश्वासन राकांपा अध्यक्ष शरद पवार,उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल से मुलाकात के दौरान मिला था। अखिल भारतीय मराठी तमाशा परिषद के अध्यक्ष रघुवीर खेडकर ने यह जानकारी दी। इससे पहले रघुवीर खेडकर ने दो फरवरी तक लोक कलाकारों को परफॉर्म नहीं करने पर उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बंगले में जाकर खुद को आग लगाने की चेतावनी दी थी। वे नारायणगांव में संवाददाता सम्मेलन में एलान किए थे। पूरे देश में सब कुछ चल रहा है फिर तमाशा-लावणी कलाकारों को भूखमरी के कगार पर क्यों ढकेला जा रहा है। उन्होंने प्रशासन पर हमारे साथ सौतेलेपन जैसा व्यवहार करने का आरोप लगाया था। इसको सरकार ने गंभीरता से लिया और 11 जिलों में तमाशा को अनुमति प्रदान की।