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बजट में क्या सस्ता, क्या महंगा ?

नई दिल्ली- केंद्र का बजट आज पेश हुआ,लेकिन करदाता खाली हाथ रहा। आम करदाता पूछ रहा कि आखिर कोरोना काल में नौकरियां गई,धंधे चौपट हुए,सरकार ने अपने बजट में मुझे क्या दिया?

सरकार ने आम आदमी को इस बार भी इनकम टैक्स से कोई राहत नहीं दी है। यानी इनकम टैक्स की जो व्यवस्था अभी बनी हुई आगे भी आपको उसी हिसाब से टैक्स देना होगा। हालांकि,टैक्स ट्रांजैक्शन व्यवस्था में सुधार किया गया है। इसके तहत अब आप दो साल पुराने अपने इनकम टैक्स रिटर्न को अपडेट करने की सुविधा मिलेगी।

 

क्या सस्ता क्या महंगा?

आइए जानते हैं आज क्या सस्ता और क्या महंगा हुआ। वित्त मंत्री ने आम बजट पेश करते हुए कहा, भारत में बनाई जा सकने वाली और इम्पोर्ट होने वाली दवा महंगी होगी। वहीं चमड़े का सामान सस्ता हो जाएगा। बजट में पता चला है कि इलैक्ट्रॉनिक आइटम खरीदने वालों को भी राहत होगी। मोबाइल चार्जर, कैमरा मॉड्यूल भी सस्ते हो जाएंगे। गहना खरीदने वाले आम आदमी को बड़ी राहत मिली है, क्योंकि गहना सस्ते होने का ऐलान हुआ है। दूसरी तरफ कच्चे हीरे का आयात कर मुक्त, निर्यात बढ़ाने के लिए नकली गहनों पर 400/किलो ड्यूटी हुई है। मेथोनॉल पर ड्यूटी कम की जाएगी और सोडियम सायनाइड पर ड्यूटी बढ़ेगी।

 

छाते महंग,स्टील होगी सस्ती

घोषणा में पता चला है कि छाते महंगे होंगे,और स्टील सस्ती होगी। इसके अलावा बटन,ज़िपर,चमड़ा,पैकेजिंग बॉक्स, सस्ता होगा। आखिर में श्रिंप एक्वा कल्चर पर ड्यूटी कम की गई है।

 

होगा सस्ता

कपड़ा, चमड़े का सामान होगा सस्ता

मोबाइल फोन और चार्जर सस्ता होगा

हीरे की ज्वेलरी सस्ती होगी

खेती का सामान सस्ता होगा

पॉलिस हीरे पर कस्टम ड्यूटी घटाई गई

विदेशी मशीनें सस्ती होंगी

खेती का सामान सस्ता होगा

इलेक्ट्रॉनिक आइटम सस्ते होंगे

जूते-चप्पल सस्ते होंगे

 

अब भी 2.5 लाख से ज्यादा इनकम पर टैक्स

इस बार टैक्स ढांचे में कोई बदलाव नहीं किया गया है। 2.5 लाख रुपए की तक की सालाना इनकम ही टैक्स फ्री रहेगी। अगर आपकी इनकम 2.5 से 5 लाख के बीच है तो आपको 5 लाख – 2.5 लाख = 2.5 लाख रुपए पर 5% टैक्स देना होगा। हालांकि, इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87 का फायदा उठाकर आप अब भी 5 लाख रुपए तक की सालाना इनकम पर टैक्स बचा सकेंगे।

 

आपको बता दें कि सरकार 2.5 लाख से 5 लाख तक की कमाई पर 5% की दर से इनकम टैक्स तो वसूलती है, पर इस टैक्स को इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87 के तहत माफ कर देती है। मतलब यह कि अगर किसी की सालाना टैक्सेबल इनकम 5 लाख रुपए तक है, तो उसे कोई इनकम टैक्स नहीं देना होता है। लेकिन आपकी कमाई 5 लाख 10 हजार रुपए हुए तो आपको 10 हजार रुपए पर टैक्स देने के बजाय 5.10 लाख – 2.5 लाख = 2.60 लाख पर टैक्स देना होता है।

 

फिलहाल इनकम टैक्स रिटर्न भरने के 2 ऑप्शन

इनकम टैक्स रिटर्न यानी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के 2 ऑप्शन मिलते हैं। 1 अप्रैल 2020 को नया ऑप्शन दिया गया था। नए टैक्स स्लैब में 5 लाख रुपए से ज्यादा आय पर टैक्स की दरें तो कम रखी गईं,लेकिन डिडक्शन छीन लिए गए। वहीं,अगर आप पुराना टैक्स स्लैब चुनते हैं तो आप कई तरह के टैक्स डिडक्शन का फायदा ले सकते हैं।

 

बीते 10 सालों में इनकम टैक्स स्लैब को लेकर क्या बदलाव हुए

बीते सालों में कई बार टैक्स स्लैब में बदलाव किए गए हैं। 31 मार्च 2010 से पहले सिर्फ 1.60 लाख तक सालाना आय ही टैक्स फ्री थी। जिसे 2011 में पेश हुए बजट में बढ़ाकर 1.80 लाख रुपए कर दिया गया। इसके बाद समय-समय पर इसमें बदलाव किए गए।

बजट 2021 में इनकम टैक्स को लेकर हुए थे ये बदलाव

 

पीएफ पर टैक्स फ्री ब्याज पर लिमिट

 

पीएफ पर मिलने वाले ब्याज को टैक्सेबल इनकम में शामिल किया गया।

ऐसे कर्मचारी जो पीएफ में 2.5 लाख रुपए या अधिक का अंशदान करते हैं, उन्हें टैक्स चुकाना होगा।

उन्हें मिलने वाले ब्याज को टैक्सेबल इनकम में शामिल किया जाएगा।

यह सीमा 1 अप्रैल 2021 को या इसके बाद किए जाने वाले अंशदान पर लागू हुई।

75 साल से ज्यादा उम्र है तो रिटर्न की जरूरत नहीं

 

75 साल से ज्यादा उम्र वालों को टैक्स रिटर्न फाइल करने को लेकर छूट दी गई थी।

75 साल से अधिक की उम्र के ऐसे लोगों को खढठ भरने की जरूरत नहीं होगी, जो सिर्फ पेंशन या बैंक के ब्याज से होने वाली आय पर निर्भर हैं।

अगर उनकी दूसरे सोर्सेस से भी कमाई हो रही है, चाहे वह रेंट हो या फिर कुछ और तो उन पर हमेशा की तरह खढठ भरने की बाध्यता होगी।

2.5 लाख से ज्यादा यूलिप प्रीमियम पर देना होगा टैक्स

 

यूनिट-लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (यूलिप) की प्रीमियम पर सेक्शन 10(10व) के तहत मिलने वाली टैक्स छूट को सीमित किया गया।

इसके बाद से अगर प्रीमियम 2.5 लाख रुपए से अधिक है तो टैक्स की छूट नहीं मिलती है।

यूलिप एक ऐसा प्रोडक्ट है जहां बीमा और निवेश लाभ एक साथ मिलता है

 

 

बजट 2021 में इनकम टैक्स को लेकर हुए थे ये बदलाव

 

पीएफ पर टैक्स फ्री ब्याज पर लिमिट

 

पीएफ पर मिलने वाले ब्याज को टैक्सेबल इनकम में शामिल किया गया।

ऐसे कर्मचारी जो पीएफ में 2.5 लाख रुपए या अधिक का अंशदान करते हैं, उन्हें टैक्स चुकाना होगा।

उन्हें मिलने वाले ब्याज को टैक्सेबल इनकम में शामिल किया जाएगा।

यह सीमा 1 अप्रैल 2021 को या इसके बाद किए जाने वाले अंशदान पर लागू हुई।

75 साल से ज्यादा उम्र है तो रिटर्न की जरूरत नहीं

 

75 साल से ज्यादा उम्र वालों को टैक्स रिटर्न फाइल करने को लेकर छूट दी गई थी।

75 साल से अधिक की उम्र के ऐसे लोगों को खढठ भरने की जरूरत नहीं होगी, जो सिर्फ पेंशन या बैंक के ब्याज से होने वाली आय पर निर्भर हैं।

अगर उनकी दूसरे सोर्सेस से भी कमाई हो रही है, चाहे वह रेंट हो या फिर कुछ और तो उन पर हमेशा की तरह खढठ भरने की बाध्यता होगी।

2.5 लाख से ज्यादा यूलिप प्रीमियम पर देना होगा टैक्स

 

यूनिट-लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (यूलिप) की प्रीमियम पर सेक्शन 10(10व) के तहत मिलने वाली टैक्स छूट को सीमित किया गया।

इसके बाद से अगर प्रीमियम 2.5 लाख रुपए से अधिक है तो टैक्स की छूट नहीं मिलती है।

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