मुंबई- महाराष्ट्र राज्य में लगातार दूसरे दिन 41,000 नए मरीज मिले,जबकि 133 ओमिक्रॉन से संक्रमित हुए। कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है,ऐसे में ठाकरे सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने कहा है कि ओमिक्रॉन संक्रमण को देखते हुए कुछ नए प्रतिबंध लागू किए जा रहे हैं। आदेश के मुताबिक नई पाबंदियां 10 जनवरी से लागू होंगी। यह शादियों से लेकर सभी सार्वजनिक कार्यक्रमों में शामिल होने वाले लोगों की संख्या को प्रतिबंधित करता है। सुबह 5 बजे से रात 11 बजे तक 5 या इससे ज्यादा लोग एक साथ नहीं चल पाएंगे,सिर्फ जरूरी काम होने पर ही अनुमति होगी।
सामाजिक,धार्मिक,सांस्कृतिक और राजनीतिक कार्यक्रमों में अधिकतम 50 लोगों को शामिल होने की अनुमति होगी।
अंतिम संस्कार में अधिकतम 20 लोग शामिल हो सकते हैं
मॉल,कमर्शियल कॉम्प्लेक्स: 50% क्षमता पर जारी रखने की अनुमति। रात 10 बजे से सुबह 8 बजे तक बंद। रेस्तरां में केवल 50 प्रतिशत प्रवेश की अनुमति होगी। 15 फरवरी तक स्कूल-कॉलेज बंद रखने का फैसला।
रात 10 बजे से सुबह 7 बजे तक 10% क्षमता पर कैसीनो संचालित करने की अनुमति
जिम बंद करने का आदेश
जिला स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिताओं पर भी प्रतिबंध रहेगा,बिना दर्शकों के केवल पूर्व निर्धारित राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की अनुमति होगी।
चिड़ियाघर,किले,मनोरंजन पार्क जैसे सभी सार्वजनिक स्थान बंद रहेंगे।
रेलवे या सार्वजनिक परिवहन पर कोई प्रतिबंध नहीं है। कोई जिला प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। टीकाकरण पूरा होने के बाद ही ट्रेनों में यात्रा की स्थिति को बनाए रखा गया है। मास्क नहीं पहनने पर जुर्माना लगेगा। निजी वाहनों में यात्रा करते समय मास्क की आवश्यकता होगी।
अंतर्राष्ट्रीय यात्रा केंद्र सरकार के नियमों के अनुसार होगी। राज्य के भीतर सभी प्रकार की यात्रा के लिए 72 घंटे के भीतर की गई आरटीपीसीआर निगेटिव टेस्ट रिपोर्ट अनिवार्य होगी।
इस बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने चेतावनी दी है कि किसी की भी रोजी रोटी बंद नहीं होनी चाहिए,लेकिन स्वास्थ्य नियमों का पालन करने में लापरवाही नहीं करनी चाहिए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हम तालाबंदी जारी करके सभी लेनदेन को रोकना नहीं चाहते हैं।
ठाकरे ने नागरिकों से अपील की है कि वे बेवजह घर से बाहर निकलकर नियमों का पालन न करके कोरोना को आमंत्रित न करें। राज्य सरकार द्वारा भीड़ को नियंत्रित करने के लिए रात्रि कर्फ्यू और सख्त प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया।
कोरोना से लड़ने वाले दो वर्षों के दौरान हमने दो बड़ी लहरों का अनुभव किया और असावधानी,लापरवाही रखी। लेकिन अब नए वायरस का प्रसार बहुत अधिक है,इसलिए यह कितना खतरनाक है या नहीं,इस पर चर्चा किए बिना इस संक्रमण को जल्द से जल्द रोकना महत्वपूर्ण है। अन्यथा यह स्वास्थ्य प्रणाली पर भारी दबाव डाल सकता है। इसलिए कार्यदल और केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग के साथ लगातार चर्चा के साथ ही चिकित्सा क्षेत्र में सभी संबंधितों के साथ विचार-विमर्श के बाद राज्य में कुछ प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया है।