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राज्यपाल के हाथों लालबाबू गुप्ता,उदित नारायण समेत कई हस्तियां सम्मानित

पिंपरी- महाराष्ट्र के मुंबई राजभवन में देश के प्रथम राष्ट्रपति और संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ.राजेंद्र प्रसाद की जयंती के अवसर पर भोजपुरी पंचायत की ओर से आयोजित डॉ.राजेंद्र प्रसाद स्मृति सम्मान पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में विश्व श्रीराम सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालबाबू गुप्ता का राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी के कलकमलों द्धारा समाजसेवा पुरस्कार से सम्मान हुआ। लालबाबू गुप्ता पिंपरी चिंचवड के उद्योजक,वरिष्ठ समाजसेवक और देशभर में कार्यान्वियत विश्व श्रीराम सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष और व्हीएसआरएस न्यूज अखबार के प्रधान संपादक है।

इन मान्यवरों का हुआ राज्यपाल के हाथों सम्मान

इनके अलावा मशहूर पार्श्व गायक उदित नारायण,लालबाबू गुप्ता,समेत विभिन्न क्षेत्रों की कई जानी मानी हस्तियां डॉक्टर आजम बंदर खान,अभय सिन्हा,प्रोफेसर जयकांत सिंह,आंनद सिंह,अंजना सिंह,लोकेश सोनी,अमरजीत मिश्रा व रत्नाकर कुमार का सम्मान हुआ। कार्यक्रम 2 दिसंबर 2021 को मुंबई राजभवन में संपन्न हुआ।

 

राजभवन में विविध क्षेत्र के हस्तियों का जमावड़ा

डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद की जयंती 3 दिसंबर 2021 की पूर्व संध्या पर भोजपुरी पंचायत द्वारा राजभवन में भोजपुरी दिवस और राजेंद्र प्रसाद जयंती का आयोजन किया गया। इस मौके पर पार्श्व गायक उदित नारायण,अभियान संस्था के अध्यक्ष व पूर्व राज्यमंत्री अमरजीत मिश्रा,भोजपुरी पंचायत के संपादक कुलदीप श्रीवास्तव ,प्रोफेसर जयकांत सिंह सहित भोजपुरी साहित्य,सिनेमा व समाजसेवा सहित विविध क्षेत्र के मान्यवर उपस्थित थे।

 

मातृभाषा,क्षेत्रिय भाषा का हो सम्मान,राजेंद्र बाबू के आदशों को बच्चे अपनाएं-राज्यपाल

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने डॉ.राजेंद्र प्रसाद के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ऐसे महामानव,प्रख्यात विद्धवान का वर्तमान समय में समय समय पर जन्म होना चाहिए। राजेंद्र बाबू की जीवनी के बारे में बच्चों को पढाना चाहिए। इंसान विचार,ज्ञान से विनम्र बनता है घमंडी नहीं होता। क्षेत्रिय भाषाओं को बढावा मिलना चाहिए। राष्ट्रभाषा हिंदी अगर माँ है तो मराठी बहन के रुप में मौशी है। राजेंद्र बाबू प्रखंड विद्धान और कई भाषाओं के ज्ञाता थे। देश के प्रथम राष्ट्रपति,संविधान सभा के अध्यक्ष.कांग्रेस के अध्यक्ष समेत कई सम्मानित पदों पर रहे। अंग्रेजी भाषा में प्रभुत्व होने के बाजूद भोजपुरी भाषा के प्रसार,प्रचार,राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान दिलाने के लिए तत्पर रहे। डॉ.राजेंद्र प्रसाद का जन्म बिहार के सिवान जिले (तत्कालीन सारण जिला)के जीरादेई नामक गाँव में माता कमलेश्वरी देवी और पिता महादेव सहाय के परिवार में हुआ था। राजेन्द्र बाबू छात्र जीवन से ही राष्ट्रभक्ति और स्वतंत्रता आन्दोलन के लिए स्वयं को समर्पित कर चुके थे और एक सनातनी हिन्दू धर्मावलंबी के रूप स्वतंत्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति के पद को सुशोभित करते हुए भारतीय सनातन संस्कृति और धर्म के सम्पोषण हेतु अनेक कालजयी कार्य किए। मूर्ति पूजा, वर्णाश्रम, गौ-रक्षा, पुनर्जन्म और कर्म आदि पर अटूट आस्था रखने के कारण उन्हें एक रूढ़िवादी हिन्दू माना जाता था। मातृभाषा भोजपुरी के उज्जवल भविष्य के प्रति मेरी भी मांगलिक शुभकामनाएं हैं। इस भाषा साहित्यिक और सांस्कृतिक रूप से बहुत ही समृद्ध है आगे और भी समृद्ध हो। समाज और सरकार के स्तर पर इस भाषा भोजपुरी को भी वे सभी सुविधाएं और मान्याएं प्राप्त हों ऐसा राज्यपाल ने अपने मनोगत में कहा।

 

सर्वांगीण विकास के लिए मूलभाषा वरदान-अमरजीत मिश्र

फ़िल्मसिटी मुंबई के पूर्व उपाध्यक्ष अमरजीत मिश्र ने डॉ राजेंद्रप्रसाद को अपना श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि देवभूमि से महाराष्ट्र की पावन धरती पर पधारे महामहिम ने राजभवन को जनभवन बनाया,सबसे पहले उनको सविनम्र प्रणाम। गांधीजी की अगुवाई में 1917 में जो चंपारण सत्याग्रह हुआ था उसके मुख्य कर्ताधर्ता राजेंद्र बाबू ही थे। इस आंदोलन से गांधीजी को महात्मा गांधी के रुप में संबोधन होने लगा। आंदोलन किसानों के हित में था।गांधीजी के सबसे करीब सरदार भाई पटेल और महात्मा गांधी उन दिनों हुआ करते थे। उनका अपनी मातृभाषा के प्रति ज़बर्दस्त प्रेम था इसीलिए पहली भोजपुरी फ़िल्म …गंगा मैया तोहे पियरी चढ़ईबो… का विशेष शो डॉ राजेंद्र बाबू के लिए कराया गया था। ऐसी फिल्मे वर्तमान में बननी चाहिए। सर्वांगीण विकास के लिए आपकी मूलभाषा वरदान है।

 

उदित नारायण ने भोजपुरी गीत से समा बांधा

कार्यक्रम में पार्श्व गायक उदित नारायण ने भोजपुरी गीत प्रस्तुत करके सबको मंत्रमुग्ध कर दिए। उदित नारायण ने अपना मनोगत भोजपुरी भाषा से आरंभ किया और..ऐसा देश है मेरा..गाकर समा बांधा। राज्यपाल और राजेंद्र बाबू को दोनों हाथों से नमन किया।

 

डां.राजेन्द्र प्रसाद के जीवन चरित्र का अनुसरण आवश्यक-लालबाबू गुप्ता

विश्व श्रीराम सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालबाबू गुप्ता ने सम्मान स्वीकर करने के बाद मीडिया से कहा कि समाजिक दायित्व के रूप मे समाज में हमें अपने मन,वचन और कर्म द्वारा नित्य समाज हित में कार्य करते रहना चाहिए। समता के भाव से समाजिक कार्यों को बल मिलता है। मानवता भारतीय परंपरा,सभ्यता एवं भारतीय संस्कृति है। हमारे संस्कृति में मानव बनने एवं मानवता से ओतप्रोत होकर समाजिक कार्य करने का संदेश दिया गया है इसी का निर्वाहन करते है। हम विश्व श्रीराम सेना समाजिक संगठन के उद्देश्यों को लेकर कार्य करते रहे है। इस समाज सेवा पुरस्कार ने हमारे समाजिक दायित्वों के प्रति दृढ़ता ,समाज के प्रति और जवाबदेही प्रदान की है।

आज सभी को आगे आना चाहिए एवं अपने समाज के लिए कार्य करना चाहिए । आधुनिक युग में मानवता ही विकास का मूल है जो स्वर्णिम युग का पथ है आइए हम सभी राष्ट्रीय एकता राष्ट्र विकास में आगे बढ़े एवं सभी को प्रेरित करें।

 

सत्कारमूर्ति और उनके समाजिक कार्य

1. श्री अमरजीत मिश्रा (समाज सेवी): पिछले 32 सालों से मुंबई में सामाजिक संस्था अभियान के जरिये पूर्वांचल की संस्कृति एवं परम्परा के विकाश एवं प्रचार-प्रसार में सक्रिय भूमिका निभाए आ रहे है। मुंबई में पुर्वंचालियो के नेता एवं दमदार छवि के रूप में जाने जाते है।

 

2. पदमश्री उदित नारायण झा: उदित नारायण झा एक प्रसिद्ध भारतीय पार्श्व गायकहैं।वे भारत और नेपाल में एक प्रख्यात गायक के रूप में जाने जाते हैं। वर्ष 2009 में भारत सरकार ने उन्हें पद्म श्रीपुरस्कार से सम्मानित किया। उन्होंने तेलुगु, तमिल, मैथिली, मलयालम, कन्नड़, ओडिया, नेपाली, भोजपुरी, बंगाली सहित कई अन्य भाषाओं में भी गाया है। उन्होंने 4 राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीते हैं।(जिनमें से 3 गायक के रूप में, 2001 में 2 गीतों के लिए, 2002 और 2004 में प्रत्येक 1 और 2005 में निर्माता के रूप में 1) और 5 फ़िल्म़फेयर पुरस्कारों में से 20 नामांकन के साथ कई अन्य। बॉलीवुड प्लेबैक में 1980 में अपनी शुरुआत के बाद भी उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा। उन्हें तीन देशीय पुरस्कार तथा पांच फिल्म फेयर पुरस्कार मिले हैं।

 

3. श्री उदेश्वर कुमार सिंह: उदेश्वर जी, बदली मोर, सिवान बिहार के मूल निवासी हैं और डॉ राजेंद्र प्रसाद जी जन्मभूमि के पास में ही है, उदेश्वर जी आपनी संस्था बिहारि कोन्नेक्ट के जरिये मारीशस, होल्लैंड, सूरीनाम आदि कई देशों के भारतवंशी (गिरीमीटिया) को उनका रूट भारत में धुन्धने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. अब तक 100 से भी अधिक भारतवंशी को उनके पिछड़े परिवार मिलाये है। लगभग 20 से भी अधिक देशों में बिहारिकोन्नेक्ट भारतवंशी परिवार मिलन समारोह सफलतापूर्व आयोजित कर चुके है।

4. डॉ. आज़म बदर खान: कोरोना काल में हमारे डॉक्टर इंसान के रूप में भगवान् की तरह हमारी रक्षा किये. डॉ बदर करीम साहब भी तन-मन धन से समाजसेवा की। पेसे से आर्थोपेडिक सर्जन डॉ बदर साहब ने कारगिल युद्ध के दौरान भी देश के वीर सपूतों के उपचार में बड़ी महत्वपूर्ण योगदान दिए थे।

 

5. श्री अभय सिन्हा: ईमपपा के पिछले 15 सालों से सेनियर वाईस प्रेसिडेंट्स रहे हैं। हिंदी और भोजपुरी के 100 से अधिक फिल्मो का निर्माण आपने यशी फिल्म के बैनर तले किये है। अभय सिन्हा जी आरा बिहार के मूल निवासी हैं। भोजपुरी फिल्म और संस्कृति के उत्थान के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं।

6.श्री रत्नाकर कुमार: भोजपुरी फिल्म एवं संगीत उद्योग में रत्नाकर जी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते आ रहे हैं, भोजपुरी फोक को विश्व पटल पर स्थापित करने में रत्नाकर कुमार एवं उनकी कंपनी वर्ल्डवाइड ने भोजपुरी गायकों को बड़ा मंच प्रादान किया है। भोजपुरी पारम्परिक गीतों को संजोय के रखने में अब तक रत्नाकर जी सफल रहे हैं।

 

7. प्रो. जयकांत सिंह: एलएस कॉलेज,मुजफरपुर के भोजपुरी भाषा के पहले प्रो़फेसर प्रो.जयकांत सिंह जय ने भोजपुरी को भाषा साहित्य के उन्नति में आग्रही भूमिका निभाते आ रहे है।

 

8. श्री आनंद सिंह: चेयरमैन(ऑस्कर मीडिया): ऑस्कर मीडिया ग्रुप के चेयरमैन आनंद सिंह जी मूलत बनारस के रहने वाले हैं। आनंद जी ने भोजपुरी भाषा और मनोरंजन को आपने टीवी के माध्यम से घर घर तक पहुचने में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। आनंद जी छात्र जीवन से संघ के विचारों प्रभावित होकर जुड़े गए थे, संघ के वरिष्ठ प्रचारक राम लाल जी के काफी करीब हैं।

9. सुश्री अंजना सिंह (भोजपुरी फिल्म अभिनेत्री): 70 से भी अधिक भोजपुरी फिल्मों में अपने अभिनय से भोजपुरी दर्शको के दिलों में जगह बननी वाली अभिनेत्री अंजना सिंह सामाजिक कार्यो में भी सक्रिय भूमिका निभाती रहती है, चाहे बिहार में बाढ़ प्रभावित इलाकों में सहायता पहुचना हो या कोरोना काल में लोगो की मदद हो। पिछले महीनों अंजना सिंह की लॉकडाउम पर बनी हिंदी फिल्म बिस्कोप जिंदगी से काफी चर्चाओं में रही हैं।

 

 

10. श्री लालबाबु अम्बिकालाल गुप्ता (सामाजिक कार्य): 10. श्री लालबाबु अम्बिकालाल गुप्ता (सामाजिक कार्य): लालबाबु जी बिहार के गोपालगंज के मूल निवासी और इनकी कर्मभूमि पुणे, महाराष्ट्र हैं। अभी कोविड काल में यह दिन-रात लोगों की सेवा में बहुत सक्रिय रूप से लगे है। हर किसी के लिए मदद के लिए हमेश उपलब्ध रहते थे चाहे तन से हो धन किसी पीछे नहीं रहे। जरुरतमंदों को अन्नधान्य किट,आर्थिक सहायता,गोरक्षा,ग्रामीण विकास,गरीबों,मजदूरों को मेडिकल इलाज,फ्री एज्युकेशन,गरीब छात्रों को पढाई के लिए आर्थिक मदद,गरीब माता पिता की कन्याओं के विवाह के लिए आर्थिक,अन्नधान्य,जीवनोपयोगी वस्तुओं से मदद करते है। सामाजिक,धार्मिक कार्यक्रम,छठपूजा,रक्तदान शिबिर के माध्यम से सामाजिक दायित्व को निभाते है। साथ ही अपने व्हीएसआरएस न्यूज अखबार के माध्यम से शासन-प्रशासन तक गरीबों,शोषित,कमजोरों की आवाज उठाने और समस्या को हल करने का प्रयास करते है। लालबाबू गुप्ता के इन्हीं प्रशंसनीय सामाजिक कार्यों को देखते हुए राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने समाजसेवा पुरस्कार से सम्मानित किया है।

 

11. श्री लोकेश सोनी: भारतीय मूल के लोकेश सोनी का कर्म भूमि भले लन्दन है, पर भारत और भारतीय लोगो की सेवा के कोई भी मौका जाया नहीं करते हैं। पेशे से उद्योगपति लोकेश सोनी जी सालों पर गरीबो भारतवंशी की सेवा में लगे रहते है।

 

स्वतंत्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति भारत रत्न डां.राजेन्द्र प्रसाद के जीवन चरित्र का अनुसरण करें। इनकी जयंती पर हमारा नमन।

समारोह का संचालन सीए पंकज जायसवाल ने किया व अतिथियों के प्रति कुलदीप श्रीवास्तव ने आभार माना।

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