पिंपरी- दाभोलकर और पानसरे हत्याकांड के जांच अधिकारी,पिंपरी चिंचवड शहर के सहायक पुलिस आयुक्त श्रीधर जाधव सेवानिवृत्त हो गए हैं।अपने 34 साल के कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई प्रकरणों को हैंडल किया। बापू बीरू वटेगांवकर,गजा मारने,बाप्या नायर,फरसखाना पुलिस उन्होंने ठाणे बम विस्फोट मामले में एक जांच अधिकारी के रूप में काम किया। श्रीधर जाधव को कुल 300 से अधिक पुरस्कार मिल चुके हैं। वह मंगलवार (30 नवंबर) को सेवानिवृत्त हुए। पिंपरी चिंचवड शहर के पुलिस आयुक्त कृष्ण प्रकाश ने उन्हें फूलों का गुलदस्ता देकर विदाई दी।
सहायक पुलिस आयुक्त श्रीधर जाधव ने मुंबई के घाटकोपर के चिरागनगर पुलिस स्टेशन में पुलिस उप-निरीक्षक के रूप में अपना करियर शुरू किया। पुणे शहर पुलिस की सेवा में कई वर्ष रहे। पिंपरी चिंचवड पुलिस आयुक्तालय के स्वतंत्र स्थापना के बाद श्री जाधव वाकड,पिंपरी पुलिस थाने के वरिष्ठ पुलिस निरिक्षक के रुप में काम संभाला। पिंपरी पुलिस स्टेशन में बदली होने के कुछ समय बाद उनकी पदोन्नति हुई और वे एसीपी बनाए गए। इसी दौरान उनका तबादला हुआ लेकिन वे तबादाल रद्द कराके वापस शहर में ही कार्यरत थे। जाधव ने अपने 34 साल में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। उन्होंने संन्यास लेते हुए इनमें से कुछ यादें भी साझा कीं।
थाने पर हमले के 24 घंटे बाद बापू वटेगांवकर गिरफ्तार
1991-92 में मोबाइल नहीं था। इसलिए अपराधियों को पकड़ना बहुत चुनौतीपूर्ण हुआ करता था। उस वक्त कुछ लोगों ने बापू बीरू वटेगांवकर को छुड़ाने के लिए पुलिस पर गोलियां चला दीं और हिरासत में लिए गए वटेगांवकर को अगवा कर लिया गया। फिर मैंने और मेरे साथियों ने उन्हें खोजा। इस बीच कमांडर कार में सवार होकर फरार हो गए। कार का सही इंडिकेटर चालू किया गया और सभी ने उसकी तलाश की। महज 24 घंटे में 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है
श्रीधर जाधव ने आगे बताया कि 9 किमी तक पीछा करके गिरफ्तार किया। आरोपी के साथ आरोपी की तरह व्यवहार किया जाना चाहिए। मुझे कोल्हापुर जिले और पुणे ग्रामीण में काम करने का बहुत अच्छा अनुभव था। वहां के नागरिकों ने भरपूर सहयोग किया। अच्छे अधिकारियों के साथ काम करने का मौक मिला। अपनी पुलिस सेवा से संतुष्ट हूं।