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हृदयविकाराच्या झटक्याने मृत्यू दर कमी करण्यासाठी कार्डियाक किट उपयुक्त : डॉ. सुनील अग्रवाल

कार्डियाक किट सोबत बाळगण्याचा डॉ. सुनिल अग्रवालांचा सल्ल

कार्डियाक किट सोबत बाळगणे काळाची गरज : डॉ.सुनिल अग्रवाल

पुणे : आजच्या धकाधकीच्या जीवनात कधी कोणाला ही हृदयविकाराचा झटका येवू शकतो, त्यामुळे हार्टअ‍ॅटक प्रसंगी वेळीच उपचार मिळण्याच्या दृष्टीने तयार करण्यात आलेला कार्डियाक किट सोबत बाळगणे आजची काळाची गरज आहे, असा सल्ला प्रसिध्द हार्ट स्पेशलिस्ट डॉ. सुनिल अग्रवाल यांनी दिला आहे.

हृदयविकारानंतर जगभरात जास्त मृत्यू पहिल्या एक दोन तासांत योग्य उपचार वेळेत न मिळाल्याने होतात.  हृदयविकाराचा झटका आल्यास सबंधित व्यक्तीला त्वरित हॉस्पिटलमध्ये नेणे व त्या दरम्यान प्रथमोपचार मिळणे हे अतिशय महत्त्वाचे ठरते. त्यामुळे 40 टक्के पेशंटचे प्राण वाचू शकतात.हार्टअ‍ॅटक प्रसंगी उपयोगी पडावे या उद्देशाने बनविण्यात आलेल्या कार्डियाक किट संर्दभात माहिती देण्यासाठी आयोजित  पत्रकार परिषदेत डॉ. सुनिल अग्रवाल बोलत होते. स्ट्रेसने भरलेल्या जीवनात जंकफुडने ग्रासलेल्या फास्ट लाईफ मध्ये अनेक आजार वाढत आहे. त्यामुळेच आलेल्या सर्व आजारांचा सरळ परिणाम हार्ट म्हणजे हृदयावर पडतो आणि हार्टअ‍ॅटकचा सामना करावा लागतो. तसेच हार्टअ‍ॅटक आल्यावर दवाखान्यात जाण्यापर्यंत रुग्णाला आपला जीव गमवावा लागतो. या गोष्टीचा अभ्यास करून आपली सामाजिक बांधिलकी जपत ओम मेडिकल फाऊंडेशन आणि इंटरनॅशनल लायन्स कल्ब यांच्या संयुक्त विद्यमानाने हार्टअ‍ॅटक प्रंसगी उपयुक्त ठरणारे कार्डियाक किट तयार करण्यात आले असून आतापर्यंत सुमारे पाच हजार पेक्षा अधिक कार्डियाक किटचे मोफत वितरण करण्यात आले आहे.

या कार्डियाक किटचा हार्टअ‍ॅटक प्रसंगी वापर केल्यास रुग्णाला दवाखान्यात घेवून जाण्याच्या कालावधीत त्याची हृदयविकाराची तीव्रता कमी करण्यास मदत करतो आणि यामुळे रुग्णाला काही वेळ मिळतो जेणे करून डॉक्टरांना उपचार करण्यास वेळ मिळतो. यामुळे काही रुग्णांचा जीव वाचविण्यास मदत होवू शकते. म्हणूनच प्रत्येक नागरिकांने कार्डियाक किट आपल्या सोबत जवळ बाळगावे असा सल्ला डॅा. सुनिल अग्रवाल यांनी दिला. पत्रकार परिषदेत डॉ. अशोक अग्रवाल उपस्थित होते.

डॉ. अशोक अग्रवाल म्हणाले, सध्याचे उद्ाहरण घ्या प्रसिध्द अभिनेता पुनीत राजकुमार आणि सिध्दार्थ शुल्का जे शरीराने धष्टपुष्ट होेतेच आणि आपल्या हेल्थचा पुरेपुर लक्ष ठेवत होते परंतू त्यांना जेव्हा हार्टअ‍ॅटक आला त्यावेळी त्यांना वेळेवर उपचार न मिळाल्याने त्यांना आपला जीव गमावावा लागला. पुर्वी हार्टअ‍ॅटक हा  50 वर्षा पुढील व्यक्तींना येत होता. आता हे चित्र बदलले असून वयाची मर्यादा न राहता हार्टअ‍ॅटक कोणत्याही वयातील व्यक्तीस येत आहे. त्यामुळे हा कार्डियाक किट अमृत ठरणार आहे. असेही अग्रवाल म्हणाले.

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हार्ट अटैक से मृत्यू को कम करने में सहाय्यक है कार्डियाक किट : डॉ. सुनिल अग्रवाल

ओम हॉस्पिटल भोसरी ने लॉन्च की कार्डियक किट

हार्ट अटैक में जान की जोखीम कम करनेवाली , पुणे की पहली अनोखी किट

पुणे : हमेशा सामाजिक कार्यों में अग्रेसर रहनेवाले ओम हॉस्पिटल, भोसरी ने सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना से हाल ही में कार्डियक किट लॉन्च किया है . हालही में पांच हजार से अधिक कार्डियाक किट का वितरण नि:शुल्क रूप में किया गया है।

यह किट दिल का दौरा पड़ने के बाद मरीज को अस्पताल पहुंचने तक राहत देगी , जिससे की मरीज की जान बचने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है . कई बार ऐसा होता है की किसी को हार्ट अटैक आता है और समय पर अस्पताल न पहुंच पाने की वजह से कई लोगों की जान भी जाती है . अचानक आने वाले हार्ट अटैक से होने वाली मौत में कार्डियक किट रक्षा कवच का काम करेगी . यह किट चिकित्सक के रूप में अस्पताल में पहुंचने के वक्त तक मरीज को सुरक्षित रखने में सहाय्यक है।  इसलिए दिल के मरीज , हाइपरटेंशन और डायबिटीज मरीजों के साथ – साथ ही आज सब के लिए ही इस किट को हमेशा साथ रखना बेहद आवश्यक हो गया है , क्योंकि हार्ट अटैक कभी भी किसी को भी आ सकता है . किसी को भी हार्ट अटैक आने के बाद अगर वह इस किट से गोलियां लेता है तो हॉस्पिटल पहुंचने तक उसको ब्रिदींग टाइम मिलता है . और उसकी जान बचने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है .

इंटरनेशनल लायंस क्लब  और ओम मेडिकल फाउंडेशन  के सहयोग से इसे हालही में लॉन्च किया गया है . इस समय ओम हॉस्पिटल के संचालक डॉ . सुनील अग्रवाल और डॉ . अशोक अग्रवाल उपस्थित थे . ओम हॉस्पिटल एक मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल है जिसमें सभी प्रकार के रोगों का इलाज किया जाता है . साथ ही हॉस्पिटल द्वारा कई सामाजिक कार्य भी किए जाते हैं . डॉ सुनील अग्रवाल और अशोक अग्रवाल के नेतृत्व में यहां पर विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम द्वारा मरीजों का सफलतापूर्वक इलाज किया जाता है . ओम हॉस्पिटल के डॉ . सुनील अग्रवाल पुणे शहर के वरिष्ठ एवं जानेमाने हृदय रोग विशेषज्ञ है , जो अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी की फेलोशिप से भी सम्मानित है . उन्होंने इस कार्डियक किट के बारे में जानकारी देते हुए कहा , आज हमें इस बात पर चर्चा करनी जरूरी है कि आखिर वर्तमान समय में युवाओं के बीच हार्ट अटैक का खतरा क्यों बढ़ रहा है , और ऐसे में कार्डियक किट कितना जरूरी है , और इसकी मदद से कैसे जान जाने की जोखिम को कम किया जा सकता है . वें कहतें है , कार्डियक किट एक ऐसी किट है , जो हार्ट पेशंट के जान के खतरे को बड़े पैमाने पर कम कर सकती है .  यह  किट आज केवल ओम हॉस्पिटल में ही उपलब्ध हैं . आज हम सभी ने इसे हर वक्त जेब में रखना चाहिए .

हृदय विशेषज्ञ डॉ . सुनील अग्रवाल ने एंजियोप्लास्टी , एंजियोग्राफी , बाईपास सर्जरी जैसे मामलों में आज तक 18 हजार से भी ज्यादा लोगों का सुरक्षित इलाज किया है . डॉ . अशोक अग्रवाल कहतें है कि , वर्तमान समय में तनाव और वर्क प्रेशर के कारण युवा भी हार्ट अटैक का शिकार हो रहे हैं . इसके अलावा फास्ट फूड का अधिक सेवन , हाई ब्लड प्रेशर , खून में कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना , मोटापा और डायबिटीज की बीमारी के कारण भी लोगों में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है . इसके अलावा भारत के लोगों में अनुवांशिकता के कारण भी हार्ट अटैक की समस्या होती है . जिसके लिए स्वस्थ जीवनशैली बहुत आवश्यक है .

सीने में दर्द , उच्च रक्तचाप , मोटापा आदि समस्याओं को युवा गंभीरता से नहीं लेते और नजरअंदाज कर देते हैं . जबकि इन लक्षणों को समझ कर उनका शुरुआत से ही इलाज कराकर खुद को हार्ट अटैक से बचाया जा सकता है .आज बिजी लाइफस्टाइल , स्ट्रेस और जंगफूड  के कारण हार्ट के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है . बीते कुछ दिनों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं , जिनमें अंडर -50 एवं चुस्त तंदुरुस्त लोग भी हार्ट अटैक के शिकार हुए हैं . कई बार लोग समझ ही नहीं पाते कि उन्हें हार्ट अटैक हुआ है और जब पता चलता है तब तक बहुत देर हो जाती है . कन्नड़ अभिनेता पुनीत राजकुमार और सिद्धार्थ शुक्ला के हार्ट अटैक का मामला भी कुछ इसी तरह का रहा है . अगर आपको सीने के आसपास या फिर बीच में बेचैनी महसूस हो रही है तो यह दिल का दौरा पड़ने के लक्षण हो सकते हैं . इसके अलावा भारीपन , सिकुड़न और दर्द महसूस होना , शरीर के ऊपरी हिस्से जैसे बांहों, गले, पेट और पीठ में दर्द भी हार्ट अटैक के लक्षण हो सकते हैं. सांस ठीक से नहीं ले पाना , या फिर अचानक अधिक पसीना, जी मिचलाना, तेज सिरदर्द के साथ उल्टी जैसी समस्याएं होना भी हार्ट अटैक के संकेत हो सकते हैं . आज जितनी तेजी से बीमारियों के इलाज निकल रहे हैं उतने ही तेजी से बीमारियां बढ़ भी रही हैं और दिल का दौरा एक ऐसी स्थिति है जिसकी सूचना पहले से हो , ऐसा हर बार जरूरी नहीं . ऐसे में अस्पताल पहुंचने से पहले कार्डियक किट जरूरी बन जाता है , और अपना ध्यान रखना और अपनी आदतों को सुधारना ही एक मात्र उपाए है .

 

अधिक माहिती साठी संपर्क :

संजय गायकवाड

9604764228

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