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6 अक्टूबर से स्कूल-कॉलेज शुरु,शिक्षामंत्री की घोषणा

ग्रामीण में 5-12 वीं,शहरों में 8-12 वीं कक्षा तक स्कूल-कालेज शुरु करने का निर्णय

पिंपरी- पिछले दो साल से बंद स्कूल,कालेजों में 6 अक्टूबर से फिर से घंटियां बजने जा रही है। जी हां! हम आपको बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने 6 अक्टूबर से नियमों,शर्तों के साथ स्कूल,कालेज शुरु करने का फैसला लिया है। ग्रामीण परिसर में 5 से 12 वीं तक और शहरी इलाकों में 8 से 12 वीं तक स्कूल-कालेज शुरु करने का निर्णय महाराष्ट्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने 24 सितंबर को लिया। अध्यादेश की प्रतियां सभी जिला अधिकारी,मनपा आयुक्त,जिला शिक्षा विभाग,जिला परिषद,सार्वजनिक आरोग्य विभाग को भेजी गई है।

कोविड महामारी के दौरान सार्वजनिक आरोग्य विभाग अंतर्गत टास्क फोर्स गठित की गई है। टास्क फोर्स ने स्कूल,कालेज शुरु करने के लिए कुछ सुझाव ववसिफारिश की है। राज्य शासन के पास यह विचारधीन था जिस पर कल निर्णय लिया गया।

 

क्या है नियम और शर्त?

1) प्रत्येक स्कूल में हेल्थ क्लिनिक शुरु करना: विद्यार्थियों का प्रतिदिन टेम्परेचर की जांच हो।

संभव हो तो डॉक्टर,पालकों की मदद ली जाए। सभी स्कूलों को स्वास्थ्य विभाग से संलग्न करना।

हेल्थ क्लिनिक में स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर व नर्स की मदद लेना चाहिए।

इन सभी कामों के लिए सीएसआर अथवा स्थानीय निधी से खर्च उठाना चाहिए।

 

2) स्कूल आते समय रखो इन बातों का ध्यान:

विद्यार्थियों को पैदल स्कूल आने के लिए शिक्षकों द्धारा प्रेरित किया जाना चाहिए।

स्कूल,कालेज की बसों में एक सीट एक विद्यार्थी का आसन व्यवस्था होनी चाहिए।

बस में चढ़ते और उतरते समय चालक को विद्यार्थियों पर सुरक्षा की दृष्टि से नजर बनाए रखना चाहिए।

विद्यार्थियों को सेनिटायइझर का इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।

शिक्षक/शिक्षकेत्तर के लिए नई गाइडलाइन: भोजन व अन्य काम करने के बाद हाथ साबुन या सेनिटाइझर से धोना चाहिए। साथ ही इस बारे में विद्यार्थियों को सख्त निर्देश दिया जाना चाहिए।

विद्यार्थियों को गृहपाठ/होमवर्क ऑनलाईन कराना चाहिए। ताकि विद्यार्थी किताबों की अदला बदली से दूर रहे। संभव हो तो होमवर्क कक्षाओं में ही कराके लेना चाहिए।

खेल मैदान से संबंधित मार्गदर्शन: फिलहाल कोविड महामारी को ध्यान में रखते हुए किसी भी प्रकार का खेल नहीं लेना चाहिए।

जिस खेल में विद्यार्थी एक द्सरों के नजदीक आते हैं,जैसे कबड्डी,खो खो को टालना चाहिए।

क्रिकेट,शारीरिक व्यायाम से संबंधित दूरियां बनाकर खेलने में कोई आपत्ति नहीं।

 

3) बीमार विद्यार्थियों की खोजबीन करना:

बुखार,सर्दी,श्वासोच्छवास,आंख लाल,फटे होंठ,शरीर में दर्द,पेद दर्द से पीडित विद्यार्थियों कीॅ खोज करके डॉक्टर के पास भेजने की सलाह देना और बीमारी ठीक होने तक घर में विश्राम करने की आदेश देना स्कूल कालेज प्रबंधक का दायित्व होना चाहिए।

 

4) शिक्षक-पालक मीटिंग में चर्चा:

कोविड बीमारी से संबंधित सविस्तार जानकारी देना व बीमारी से कैसे बचें,कैसे टाले इस बारे में पालकों को जानकारी देना चाहिए।

पालकों की शंका-कुशंका का समाधान स्कूल प्रबंधक/शिक्षकों को करना चाहिए।

पालकों को अपने पाल्यों को हर रोज मास्क पहनाकर स्कूल भेजना चाहिए।

घर आने के बाद सीधे बाथरुम में जाकर स्नान करना और प्रतिदिन मास्क युनिफॉर्म धोना चाहिए।

पाल्यों को मोबाईल का इस्तेमाल करने की आदत से दूर रखना चाहिए।

विद्यार्थियों को कम से कम किताबें,कापियां स्कूल लेकर आएं,ऐसी व्यवस्था,नियोजन स्कूल प्रबंधक को करना चाहिए।

 

5) सीएसआर निधी का उपयोग करने से संबंधित:

स्कूलों को फैन,सेनिटाइजर खर्च के लिए सीएसआर निधी का उपयोग करना चाहिए।

मेडिकल उपकरण,ऑक्सीमीटर,इन्फ्रारेड थर्मामीटर,दवाईयां,मास्क खरीदी सीएसआर निधि से करना चाहिए।

राज्य शासन ने उपर्युक्त नियम व शर्त को सख्ती से लागू करने का निर्देश स्कूल,कॉलेज,स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिए है। नियम तोडने पर कडी कार्रवाई की जाएगी। ऐसी चेतावनी दी है। राज्य सरकार की ओर से राजेंद्र पवार (सह सचिव,महाराष्ट्र शासन) ने इस संबंध में एक सर्क्यूलर जारी किया है। जिसकी प्रतियां सभी संबंधित विभागों को भेजी गई है।

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