मुंबई- केंद्र सरकार के जीएसटी,नोटबंदी जैसे घातक निर्णय से व्यापारी वर्ग अभी उबर भी नहीं पाए थे कि केंद्र सरकार ने गोल्डबंदी का निर्णय लेकर हडकंप मचा दिया है। कोरोना लॉकडाउन के चलते पिछले एक साल से गोल्ड व्यापारी 60 हजार करोड का नुकसान उठा चुके है। अब गोल्डबंदी से व्यापारियों को अनुमान के मुताबिक 5,000 टन सोना गलाना पडेगा।
केंद्र सरकार ने गोल्ड ज्वेलरी पर हॉलमार्किंग अनिवार्य करके बडा झटका दिया है। इससे गोल्ड व्यापारी टूटने के कगार पर आ जाएंगे और व्यापार को बंद करना पडेगा। बताया जाता है कि देश भर में करीबन 4 लाख गोल्ड व्यापारी है। इनके पास 5 हजार टन सोने के गहने है जिसे गलाना पडेगा। बीती रात गोल्ड एंड ज्वेलरी एसोशिएशन का एक शिष्टमंडल केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से मिलकर कुछ ढील देने की अपील की थी। गोल्डबंदी से छोटे व्यापारी चौपट हो जाएंगे। बिना हॉलमॉर्क के गोल्ड बेचते पकडे गए तो एक लाख दंड और जब्त सोना की कीमत के अनुसार तीन गुना पेनॉल्टी भरनी होगी।
छोटे व्यापारियों को बंद करना पड़ सकता है व्यापार?
व्यापारियों का कहना है अब पुराने सोने का स्टॉक जिस पर 14, 18, 22 कैरेट का हॉलमार्वै नहीं होगा, उसको व्यापारी बाजार में नहीं बेच पाएंगे। हालांकि पुराने स्टॉक की हॉलमार्विैंग के लिए कुछ महीने का समय लगेगा लेकिन तब तक माल स्टॉक में ही रहेगा। कोरोना के चलते व्यापारी पहले ही माल बेच नहीं सके, उस पर नए नियम भारी पड़नेवाले हैं। यदि वे बिना हॉलमार्वै का गोल्ड बेचते पकड़े गए तो एक लाख रुपए दंड होगा और जब्त किए गए सोने की कीमत के अनुसार तीन गुना तक पेनॉल्टी लगेगी। गोल्ड व्यापारी अनिल जैन ने कहा कि ऐसे में सोनार क्या करेगा, दुकान बंद करने के अलावा क्या विकल्प बचेगा? आप ही बताइए।