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पालकी पद्यात्रा पर रोक,10 सम्मानित पालकी को बसों से पंढरपुर जाने की अनुमति

पुणे-पुणे के उपमुख्यमंत्री और पालकमंत्री अजीत पवार ने आज पुणे में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और पंढरपुर में दो महान संत तुकाराम महाराज और संत ज्ञानेश्वर महाराज आषाढ़ी पालकी समारोह के संबंध में नियमों की घोषणा की। इस समय पुणे में बैठक में आषाढ़ी पालकी उत्सव पर चर्चा हुई और घोषणा की गई कि 10 सम्मानित महत्वपूर्ण पालकियों के लिए अनुमति देने का निर्णय लिया गया। उन्होंने यह भी कहा कि देहू,आलंदी में प्रस्थान समारोह के लिए 100 वारकरियों को अनुमति दी जाएगी और शेष 8 पालकी प्रस्थान समारोहों के लिए 50 वारकरियों को अनुमति दी जाएगी।

इस मौके पर बोलते हुए अजित पवार ने कहा वारकरी संप्रदाय ने आषाढ़ी पैदल पालकी यात्रा की मांग की थी। वारकरी संप्रदाय के कई गणमान्य लोगों के साथ बैठक हुई। उस बैठक में कई लोगों ने पैदल पालकी यात्रा की मांग की थी। इस बारे में कल कैबिनेट की बैठक में चर्चा हुई और निर्णय लिया गया कि केवल 10 मुख्य पालकियों को अनुमति दी जाएगी। ये 10 सम्मानित पालकियां 20 बसों से पंढरपुर पहुंच सकेंगी।

इस साल का आषाढ़ी पालकी यात्रा पर कोरोना की छाया है। अजीत पवार ने कहा कि पंढरपुर की आषाढ़ी पालकी यात्रा के लिए 10 पालकियों की अनुमति होगी। इन 10 पालकियों को पंढरपुर पहुंचने के लिए 20 बसें मुहैया कराई जाएंगी। साथ ही देहू,आलंदी में प्रस्थान समारोह के लिए 100 वारकरियों की अनुमति होगी और शेष 8 पालकी प्रस्थान समारोहों के लिए केवल 50 वारकरियों को अनुमति दी जाएगी। कोरोना के प्रकोप के चलते विठ्ठल का मंदिर पिछले साल की तरह श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेगा। अजित पवार ने यह भी कहा कि सभी नियमों का सख्ती से पालन किया जाएगा। इसी तरह, पालकी समारोह में भाग लेने वाले सभी वारकरियों को एक चिकित्सा परीक्षण से गुजरना होगा। मीडिया से बात करते हुए पवार ने कहा कि सरकार का महापूजा कार्यक्रम पिछले साल की तरह सभी पाबंदियों का पालन करते हुए होगा।

सम्मानित महत्वपूर्ण 10 पालकी:
1. संत निवृति महाराज (त्र्यंबकेश्वर)
2. संत ज्ञानेश्वर महाराज (आलंदी)
3. संत सोपान काका महाराज (सासवड)
4. संत मुक्ताबाई (मुक्ताईनगर)
5. संत तुकाराम महाराज (देहु)
6. संत नामदेव महाराज (पंढरपुर)
7. संत एकनाथ महाराज (पैठन)
8. रुक्मिणी माता (कौदनेपुर-अमरावती)
9. संत नीलोबाराई (पिंपलनेर-परनेर अहमदनगर)
10. संत चंगतेश्वर महाराज (सासवड)

इस बीच राज्य सरकार ने कोरोना के कारण लगातार दूसरे वर्ष आषाढ़ी पालकी यात्रा प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। बसों और श्रद्धालुओं की संख्या दोगुनी कर वारकरियों को राहत देने का प्रयास किया गया है। पिछले साल की तरह इस साल भी बसों से पालकी लानी होगी और इस साल सिर्फ 10 पालकियों को 20 बसें दी जाएंगी। प्रशासन ने भी भक्तों की संख्या दोगुनी कर वारकरियों को खुश करने की कोशिश की है। साथ ही विश्राम स्थल पर सांकेतिक अखाड़े से डेढ़ किलोमीटर पैदल चलने पर भी रोक है।

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