पिंपरी- पिंपरी-चिंचवड़ नवनगर विकास प्राधिकरण भूमि,जमापूंजि को पुणे महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (पीएमआरडीए) को हस्तांतरित करके लाभ पहुंचाने के लिए विलय किया गया। पीसीएनटीडीए के विलय से शहर को नुकसान होगा। भाजपा अध्यक्ष विधायक महेश लांडगे और विधायक लक्ष्मण जगताप ने बताया कि इस फैसले के खिलाफ वे कोर्ट में जनहित याचिका दायर की करेंगे।
अजित पवार को शहर से प्रेम नहीं
पिंपरी चिंचवड मनपा में राकांपा की 15 साल की सत्ता को उखाड फेंककर भाजपा की सत्ता लाए और अजित पवार के पुत्र पार्थ पवार को लोकसभा में हराने का काम किया,क्या इसी का गुस्सा मन में रखकर अजित पवार प्राधिकरण और अन्य मुद्दों की आढ में बदला लेने की कोशिश कर रहे है। क्या अजित पवार के मन में शहर के प्रति गुस्सा है? इस सवाल का जवाब देते हुए लक्ष्मण जगताप ने कहा कि अजित पवार को शहर से प्रेम नहीं है। प्राधिकरण का विलय से यह साफ नजर आता है। हलांकि दोनों विधायकों ने सीधे तौर पर अजित पवार का नाम लेने और हमला करने से कन्नी काटते नजर आए। उनके निशाने पर महाराष्ट्र सरकार थी।
भूमिपूत्रों की लडाई लडेंगे
पीसीएनटीडीए विलय के फैसले का विरोध करने के लिए बीजेपी ने बुधवार (9 दिसंबर) को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। महापौर माई ढोरे,उप महापौर हीराबाई घुले,पीसीएनटीडीए के पूर्व अध्यक्ष सदाशिव खाड़े,सत्तारुढ नेता नामदेव ढाके,स्थायी समिति के अध्यक्ष नितिन लांडगे,नगरसेवक मोरेश्वर शेडगे उपस्थित थे। विधायक महेश लांडगे ने कहा कि पीसीएनटीडीए की जमीन और जमापूंजि का विलय पीएमआरडी में किया जाएगा। पीसीएनटीडीए स्थापना का उद्देश्य प्राप्त नहीं हुआ था। भूमिपुत्रों को जमीन पर 12.5 फीसदी रिटर्न नहीं मिला है। हमारा उद्देश्य एक स्वतंत्र अस्तित्व रखना है। इस फैसले के खिलाफ कोर्ट में जनहित याचिका दायर की जाएगी। इसके खिलाफ विधानसभा में भी आवाज उठाई जाएगी।
पालिका पर खर्च का अतिरिक्त बोझ पडेगा
विधायक लक्ष्मण जगताप ने कहा कि पीसीएनटीडीए का विलय शहर के लिए हानिकारक है। इसका विलय पालिका में करना सुविधाजनक होता। अब विकसित क्षेत्र पालिका को दे दिया गया है। इसके बजाय सभी इलाकों को पालिक को सौंपना पड़ा। नया हिस्सा विकसित किया जाएगा इसका असर भविष्य में पालिका पर पड़ेगा। इस जमीन पर करीब 20 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। पैसे की जरूरत पड़ने पर पीएमआरडीए द्वारा बिल्डरों को जमीन बेची जाएगी। विकास कुछ नहीं करेगा। यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि पालिका को क्या अधिकार दिए गए ह््ैं। विलय पर हमारा विरोध है। सरकार ने स्थानीय विधायकों,सांसदों को विश्वास में लेकर निर्णय नहीं लिया है। ऐसा भाजपा के दोनों विधायकों ने सरकार पर आरोप लगाए।