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पुणे में लॉकडाउन पर सस्पेंस बरकरार, मराठाओं को आरक्षण देगी सरकार

पुणे- हाल ही में न्यायालय की ओर से दिए गए दो निर्णय पर महाराष्ट्र सरकार की सांसें अटकी हुई है। सांप छछुंदर वाली हाल हो गई, न निगलते बनता है और न ही निगलते। पुणे में लॉकडाउन लगाओ ऐसा निर्णय मुंबई हाईकोर्ट ने दिया। पुणे जिला के पालकमंत्री अजित पवार ने आज कोरोना की स्थिति का जायजा लेने पुणे में आला अधिकारियों के साथ बैठक की। हलांकि पुणे में लॉकडाउन लगेगा या नहीं इस पर कोई सहमति अथवा निर्णय नहीं हो सका। लेकिन मीडिया से चर्चा करते हुए अजित पवार ने कहा है कि इस पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे निर्णय लेंगे। इसी तरह सर्वोच्च न्यायालय ने बहुचर्चित मराठा आरक्षण को रद्द कर दिया है। जिससे महाराष्ट्र की आघाडी सरकार की मुश्किलें बढ गई है। मराठा आरक्षण मोर्चा से जुडे लोग सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगा रहे है। मराठा आरक्षण देना राकांपा के एजेंडे में शामिल है। राकांपा के लिए नाक का सवाल हो गया है। अजित पवार ने इस विषय पर कहा कि मराठाओं को आरक्षण मिलेगा,उसके लिए जरुरत पडी तो एक दिन का अधिवेशन बुलाएंगे।

किसी भी स्थिति में मराठा समुदाय को आरक्षण मिलना चाहिए,यह महाविकास अघाड़ी की भूमिका है। वही उसने कहा है। इस अवसर पर बोलते हुए उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा मराठा आरक्षण के बारे में राज्य सरकार के साथ कुछ भी गलत नहीं है। अधिनियम के लागू होने से पहले,महाराष्ट्र विधानमंडल ने एक सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित किया था। सभी राजनीतिक दल उनके समर्थन में एकमत थे। इसे उच्च न्यायालय में भी स्वीकार किया गया। जब सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई तो प्रस्ताव को वैसे ही रखा गया था जब तारीखें पड़ने पर फडणवीस सरकार थी। इसके विपरीत कुछ अतिरिक्त वकील भी प्रदान किए गए थे। यदि आप परिणामों को ध्यान से पढ़ते हैं, तो परिणाम बताते हैं कि तमिलनाडु ने अतीत में 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण दिया है या अन्य राज्यों ने आरक्षण दिया है। इसे कहीं भी धकेलने के बिना उन्होंने कहा कि उनके पास ऐसा निर्णय लेने का अधिकार नहीं है। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि लोकसभा या राष्ट्रपति फैसला कर सकते ह््ैं। इस संबंध में खुद मुख्यमंत्री ने अंतरिम रूप से लोगों से अपील करते हुए कहा था कि किसी भी मामले में मराठा समुदाय को आरक्षण मिलना चाहिए,यह महाविकास अघाड़ी की भूमिका है।

अदार पूनावाला के साथ चर्चा करेंगे
सरकार ने 18 से 44 वर्ष के बीच के लोगों को टीका लगाने का फैसला किया था। समस्या यह है कि आपूर्ति कम है। टीका लगाने वाले और नागरिक भी पीड़ित ह््ैं। जब मैं यहां आया,मैंने अदार पूनावाला को फोन किया। यह कहा गया है कि वह 10 से 12 दिनों के लिए विदेश में है। वहां का नंबर पाने के लिए संपर्क करने की कोशिश की जाएगी।

टीका आपूर्ति से असंतुष्ट
45 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों का टीकाकरण करने का निर्णय लिया गया। पहला टीका लगने के बाद दूसरा टीका लगवाने में देरी से कुछ नागरिकों में बेचैनी बढ़ गई है। हम इस बारे में केंद्र सरकार से बात करेंगे। मुंबई जाने के बाद मैं सभी से बात करूंगा और समय में दूसरी खुराक देने की आवश्यकता पर चर्चा करूंगा। हम देरी न करने के लिए सोच रहे हैं। सभी के लिए एक ही दर होनी चाहिए,हम अदार पूनावाला के साथ चर्चा करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने टीका दूसरे देशों में भेजने के लिए गलत निर्णय लिया।

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