पिंपरी- कोरोना महामारी काल के दौरान 23-25 मार्च तक दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें करीबन 30 देशों ने हिस्सा लिया। ताथवडे में स्थित डॉ.डीवाय पाटिल बी स्कुल में ऑनलाइन सम्मेलन का आयोजन डॉ.डीवाय पाटिल विद्यापीठ के सेक्रेटरी डॉ.सोमनाथ पाटिल के मार्गदर्शन और सहयोग से हुआ्। बी स्कुल ने इंडोनेशिया के डॉ. सोईतोनों विश्वविद्यालय और एआईएमएस इंडिया के सहयोग से यह सम्मेलन का आयोजन किया। बी स्कुल के डायरेक्टर डॉ. अमोल गवांडे इस सम्मेलन के चेयरमैन के रुप में उपस्थित थे। इनकी प्रेरणा और योगदान महत्वपूर्ण रहा। डॉ. गवांडे के प्रयासों से अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन सुव्यवस्थित,सफलपूर्वक संपन्न हुआ्। इसके मुख्यसूत्रधार डॉ.अतुल कुमार रहे जिनके अथक परिश्रम से इतना बडा अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन सुचारु रुप से संपन्न हुआ्।
इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के मुख्य अतिथि के रुप में डीटीई के संचालक डॉ. अभय वाघ ऑनलाईन उपस्थि थे। डॉ.वाघ के करकमलों द्धारा सम्मेलन उद्घाटित हुआ्। साथ ही एआईसीटीई के प्रतिनिधि,कई युनिर्विसिटी के चांसलर,उपचांसलर भी उपस्थित थे। कोरोना काल में किस तरह टेक्नालॉजी की उपयोगिता बढी और तेजी के साथ बदलाव आया इस मुद्दे पर चर्चा हुई्। शिक्षा क्षेत्र विद्यार्थी ऑनलाईन पढाई में टेक्नालाजी का इस्तेमाल किए और वरदान साबित हुआ्। नए एन अवसरों के मुद्दों पर करीबन 100 से ज्यादा लोगों ने चर्चासत्र में हिस्सा लिया। जिसमें शिक्षा क्षेत्र के शिक्षक,शोधकर्ता,अर्थशास्त्री जैसे विद्वानों ने हिस्सा लिया। अलग अलग विषयों पर अपनी राय रखी। भारत में इस ऑनलाईन अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को 1000 से ज्यादा लोगों ने देखा और सुना,लाभ उठाया।
प्रमुख अखबार बिजनेस स्टैंर्ड,सीईजीआर,एमटीसी ग्लोबल एवं स्किल एज भी सम्मेलन के गवाह बने। सम्मेलन ने नवोदित शोधकर्ताओं,उद्योग,शिक्षाविदों,अनुसंधान विद्वानों,सलाहकारों,छात्रों को एक मजबुत मंच प्रदान किया। जिसमें नवोन्मेषी एवं रचनात्मक विचारों और नई दुनिया में डिजिटल परिवर्तन से उभरने वाली घटनाओं पर चर्चा हुई्।
इस सम्मेलन में वित्त,मानव संसाधन,सामान्य प्रबंधन,व्यवसाय विश्लेषण,विपणन संबंधी शोधपत्र न केवल भारत बल्कि इंडोनेशिया,पौलेंड,जॉर्डन,फांस,ग्रीस,सऊदी अरब जैसे देशों से शोधकर्ताओं ने हिस्सा लिया। यह अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन इस कोरोना संकट काल में नवोन्मेषी और रचनात्मक विचारों एवंम गतिविधियों से समाज को एक नई दिशा देने के लिए प्रेरणादायक रहा। इस सम्मेलन में प्रतियोगियों को प्रथम पुरस्कार के रुप में 30,000,द्धित्तीय पुरस्कार 15,000 और तृत्तीय पुरस्कार 7,500 रुपये प्रदान किया गया।