पिंपरी- पिंपरी पुलिस ने नाबालिग लडकी से बलात्कार के मामले में एक आरोपी को उम्रकैद की सजा दिलाने में कामयाब रही। पिंपरी चिंचवड शहर पुलिस के एतिहास में यह पहला मामला होगा। इसके लिए पुलिस उपनिरिक्षक और जांच अधिकारी रत्ना सावंत और उनकी टीम विशेष रुप से बधाई के पात्र है। पीडिता को न केवल पूरा न्याय दिलाया बल्कि कानूनी लंबी लडाई लडकर आरोपी को उम्रकैद की सजा दिलाने में कामयाब रही। आरोपी पर पॉस्को का मुकदमा दर्ज किया गया था।
क्या है मामला ? पिंपरी चिंचवड शहर के विठ्ठलनगर,नेहरुनगर में रहने वाली एक नाबालिग लडकी अपनी आजी के साथ रहती थी।माता पिता नहीं है। उसके पडोस में पिछले 10 सालों से किराए के रुम में आरोपी आनंद हरी पवार उम्र 45 रहता था। पीडिता के घर आरोपी का आना जाना था। इस बीच आरोपी पवार की बुरी नजर नाबालिग लडकी पर पडी। लडकी को झांसे में लेने के लिए अलग अलग प्रकार के प्रलोभन देने लगा। ..तुझे घर खरीदकर देता हूं..तुझे मैं संभालूंगा..तेरी शादी करके दूंगा..ऐसा प्रलोभन दिखाकर नाबालिग के साथ 17 मार्च 2016 से दिसंबर 2017 तक जबरन दुष्कर्म करता रहा। जिसके कारण कम उम्र में नाबालिग गर्भवती हो गई। पीडिता ने एक बेटे को जन्म भी दी। पीडिता ने इस मामले की शिकायत पिंपरी पुलिस में की। प्रकरण की जांच अधिकारी के रुप में रत्ना सावंत की नियुक्ति की गई। पिंपरी पुलिस थाने में अपराध संख्या क्र.147/2017 पंजिकृत किया गया।
आरोपी के विरुद्ध पुख्ता सबूत- जांच अधिकारी रत्ना सावंत ने इस केस में बडी मेहनत की और निम्न पुख्ता जरुरी सबूत जुटाया।
1) घटनास्थल की पंचनामा रिपोर्ट
2) पीडिता नाबालिग की ससून हॉस्पिटल से सत्यापन मेडिकल रिपोर्ट
3) आरोपी का ससून से मेडिकल जांच रिपोर्ट
4) केमिकल अनालायझर,गणेश खिंड की ओर से पीडिता और आरोपी दोनों का मेडिकल सैंपल जांच रिपोर्ट सीलबंद कोर्ट को पेश
5) नाबालिग लडकी और नवजात शिशू और आरोपी के खून की सैंपल जांच रिपोर्ट सीलबंद कोर्ट को पेश
6) नाबालिग लडकी का सीआरपीसी 164 के तहत जवाब दर्ज करके रिपोर्ट कोर्ट को पेश
7) अपराध के समय आरोपी ने जो कपडे पहने थे उसका पंचनामा रिपोर्ट
8) भूमापन अधिकारी हवेली द्धारा घटनास्थल का नकाशा रिपोर्ट
9) इसके अलावा जांच अधिकारी रत्ना सावंत ने इस केस में गवाही के रुप में कुल 17 लोगों से पूछताछ की और गवाह बनाया।
आरोपी पर बाल लैंगिक,पॉस्को लगा– लंबी कानूनी लडाई के बाद 16 मार्च 2021 को पुणे जिला सत्र न्यायालय में इस केस की अंतिम सुनवाई हुई्। न्यायालय ने भारतीय दंड विधान 376(2),बाल लैंगिक अत्याचार कानून 4,5 के तहत उम्रकैद की सजा सुनाया। साथ ही 20 हजार रुपये जुर्माना ठोंका। जुर्माना की रकम न भरने पर 6 महिने अतिरिक्त कैद की सजा सुनाई गई्। भारतीय दंड विधान एक्ट 506 में दो वर्ष की कैद और 5 हजार रुपये दंड न भरने पर दो महिने की जेल की सजा दी गई है।
जांच अधिकारी व पुलिस उपनिरिक्षक रत्ना सावंत ने आरोपी को सजा दिलाने के लिए निम्न सबूत को एकत्रित करके कोर्ट के सामने पेश की। जिसके आधार पर आरोपी को उम्रकैद और नाबालिग को पूरा न्याय मिल सका।
जिला सत्र न्यायाधीश व अतिरिक्त सत्र न्यायधीश ए व्ही रोट्टे ने सजा सुनायी। सरकारी वकील हांडे ने मजबुती के साथ केस लडा।