पिंपरी-पिंपरी चिंचवड शहर के स्मार्ट सिटी साइबर पर हमला मतलब शहर की सुरक्षा को खतरा है। इस हमले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए और दोषियों को बेनकाब जल्द किया जाना चाहिए। इस साइबर हमले में ठेकेदार,सब ठेकेदारों का कनेक्शन होने से इंकार नहीं किया जा सकता। ऐसा सनसनीखेज आरोप शहर राष्ट्रवादी कांग्रेस के अध्यक्ष संजोग वाघेरे ने लगाया है। श्री वाघेरे ने सत्ताधारी भाजपा और पालिका प्रशासन का फेलियर बताया है।
करोडों रुपये खर्च से शहर को स्मार्ट सिटी बनाने का काम हो रहा है। पिछले चार सालों से काम जारी है। स्मार्ट सिटी शहर बना या नहीं यह तो खोज का विषय है। सैकडों करोड की लागत से तैयार स्मार्ट सिटी सर्वर का डेटा चोरी होना अपने आप में एक अजीब घटना है। इससे तो शहर की सुरक्षा पर खतरा मंडराने लगा है। स्मार्ट सिटी के नाम पर घटिया काम हो रहा है और बडे पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। टेक महिंद्रा के अधिकारियों ने पुलिस को बताया कि सर्वर डेटा एन्क्रिप्ट किया गया और बिटकॉइन के रुप में पैसे की मांग की गई। कंपनी ने 5 करोड के नुकसान होने का दावा की है।
शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए टेक महिंद्रा कंपनी को 400 करोड से ज्यादा का काम मिला है। साइबर हमला संदिग्ध लग रहा है। ठेकेदार कंपनी पुलिस में शिकायत की जबकि सत्ताधारी भाजपा ने कुछ नहीं हो सबकुछ ठीक ठाक है का राग अलाप रही है।
यह पता चला है कि टेक महिंद्रा ने इस काम के लिए कुछ और ठेकेदारों को काम पर रखा है। यह भी जाँचने की आवश्यकता है कि ये भागीदार कंपनियां किसकी ह््ैं। यह कनेक्शन इस कार्य और स्मार्ट सिटी प्रबंधन में अनियमितताओं को उजागर करेगा। इस बीच पालिका में सत्ताधारी भाजपा इससे निपटने की कोशिश कर रही है। जैसा कि यह मामला गंभीर है, इस काम में ठेकेदारों और सह-ठेकेदारों के कनेक्शन की जाँच करना आवश्यक है और पूरे मामले की एक उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए, ऐसी मांग एक प्रेस विज्ञप्ति में संजोग वाघेरे-पाटिल ने की है।