पुणे-आर्मी में भर्ती के लिए 28 फरवरी को होने वाले कॉमन एंट्रेस एग्जाम के लीक हुए पेपर मामले में मिलिट्री इंटेलिजेंस और पुणे पुलिस ने एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ कर 7 लोगों को अरेस्ट किया है। बता दें कि एग्जाम से एक दिन पहले पेपर लीक की जानकारी मिलने के बाद पूरी परीक्षा को रद्द करना पड़ा था। 28 फरवरी को पूरे भारत के 6 जोन के 40 सेंटर पर लिखित परीक्षा का आयोजन होना था। इसमें 30,000 उम्मीदवार शामिल होने थे। एक साल में चार बार इस तरह के भर्ती एग्जाम का आयोजन होता है।
4 से 5 लाख में बेचते थे एक पेपर
पुणे के कमिश्नर अमिताभ गुप्ता ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों में से 2 सेना का पूर्व कर्मचारी भी ह््ैं। गुप्ता के मुताबिक, शुरुआती जांच में सामने आया है कि आरोपियों ने 4 से 5 लाख के बीच यह पेपर बेचा था। इसकी जानकारी सबसे पहले मिलिट्री इंटेलिजेंस टीम को लगी और यह पेपर रद्द कर दिया गया।
मालेगांव और बारामती से हुई आरोपियों की गिरफ्तारी
इसके बाद दोनों एजेंसियों ने जॉइंट ऑपरेशन कर महाराष्ट्र के अलग-अलग शहरों में छापोमारी की और पांच लोगों को अब तक गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान किशोर महादेव गिरी (40), माधव शेषराव गीते (38), गोपाल युवराज कोली (31), उदय दत्तू अवी (23) के रूप में हुई है। इन चारों की निशानदेही पर पुलिस ने अख्तर खान (47), आजाद खान (37) और महेंद्र सोनावणे (37) को अरेस्ट किया है। इनमें से उदय और गोपाल दोनों आर्मी के बॉम्बे इंजीनियर ग्रुप में काम कर चुके थे और किशोर और माधव सेना में भर्ती के लिए कोचिंग चलाते थे।
पेपर बांटने के लिए एक होटल में कैंडीडेट को बुलाया था
पुलिस कमिश्नर गुप्ता ने बताया कि इस पूरे मामले की जांच में सामने आया है कि इस गिरोह से जुड़े कुछ अन्य लोग भी देश के अलग-अलग हिस्सों से ऑपरेट कर रहे ह््ैं। सभी आरोपियों के खिलाफ पुणे के वानवडी पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया है। जांच में सामने आया है कि माधव गीते ने 27 फरवरी की रात को लीक हुए प्रश्नपत्र देने के लिए विश्रांतवाड़ी के समृद्धि होटल में 14 उम्मीदवारों को इकट्ठा किया था।