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कौन बनेगा स्थायी समिति का सभापति ? रवि लांडगे या शत्रुघ्न काटे

पिंपरी- पिंपरी चिंचवड मनपा स्थायी समिति का नया सभापति कौन बनेगा? किसके हाथ में 7112 करोड रुपये की कीमती चाबी हाथ लगेगी? भोसरी के बिनविरोध नगरसेवक रवि लांडगे या फिर रहाटणी पिंपलेसौदागर के शत्रुघ्न काटे। इस ओर सबकी निगाहें लगी हुई है। इस समय भोसरी और चिंचवड आमने सामने है। भाजपा के दोनों विधायक महेश लांडगे और लक्ष्मण जगताप अपने समर्थक नगरसेवक को सभापति बनाने में ऐढी चोटी का जोर लगा रहे है। भाजपा हाईकमान कौन सा बीच का रास्ता निकालता है जिसमें दोनों की आपसी सहमति बन जाए यह भी देखना दिलचस्प होगा। फिलहाल रवि लांडगे हर एंगल से रेस में आगे नजर आ रहे है अगर बिल्ला रास्ता न काट दे तो। जो भी सभापति बनेगा उसे केवल 10 महिने मिलेगा फिर चुनावी आचार संहिता लागू हो जाएगी। भोसरी से ही नगरसेवक नितीन लांडगे भी सभापति पद के लिए जोर आजमाइश कर रहे है। लेकिन मुख्य मुकाबला रवि लांडगे-शत्रुघ्न काटे के बीच होना तय माना जा रहा है अगर आपसी सहमति नहीं बनी तो तीसरे नाम पर विचार हो जाए तो कोई आश्‍चर्य नहीं।

रवि लांडगे का पलडा भारी-अगर हम रवि लांडगे के बारे में बताए तो वो पालिका 2017 के चुनाव में भोसरी से बिनविरोध चुनकर आए है। भाजपयुमो के अध्यक्ष रह चुके है। स्व.अंकुश लांडगे का राजनीतिक वारिस माना जाता है। ये वही अंकुश लांडगे है जो उस समय के दौर में भाजपा का कोई झंडा बैनर उठाने को तैयार नहीं था तो वे भोसरी में भाजपा की नींव रखी। जब तक जिंदा रहे भाजपा का एक निष्ठावान कार्यकर्ता बनकर रहे। उनके समय के भाजपा निष्ठावान कार्यकर्ता आज रवि लांडगे को न्याय दिलाने के लिए प्रयासरत है। विधानसभा चुनाव के वक्त रवि लांडगे चुनाव लडना चाहते थे। लेकिन वर्तमान भाजपा विधायक महेश लांडगे ने आश्वासन देकर समझाकर शांत किया था। पिछले चार सालों में बिनविरोध नगरसेवक चुनकर आने के बाद भी रवि लांडगे को कोई पद नहीं मिला। दो महिने पहले नाराज होकर रवि लांडगे पुणे के पालकमंत्री अजित पवार से मुलाकात भी की थी। जिसकी खबरदारी लेते हुए भाजपा हाईकमान ने स्थायी समिति में भेजा है। लेकिन रवि लांडगे को सभापति पद चाहिए जो उनके साथ न्यायसंगत होगा। चर्चा यह भी है कि रवि लांडगे के नाम पर अंदरखाने से विधायक महेश लांडगे का विरोध हो सकता है क्योंकि अगर सभापति बने तो आर्थिक द़ृष्टि से मजबुत हो जाएंगे और आगामी विधानसभा चुनाव में प्रतिस्पर्धी बनकर उभर सकते है।

शत्रुघ्न के पीछे लक्ष्मण जगताप-अगर हम शुत्रघ्न काटे की बात करें तो वेे राकांपा छोडकर भाजपा में आए और 2017 का चुनाव जीता। बीच में विधायक लक्ष्मण जगताप के साथ कुछ अनबन चल रही थी लेकिन अब सबकुछ ऑल इज वेल है। पिछले चार सालों से महापौर,सत्तारुढ नेता पद के लिए प्रयासरत है। काटे घराना शहर में बडा और मजबुत माना जाता है। होटल व्यवसायी है। पिंपरी चिंचवड मनपा 2017 के चुनाव बाद पहला स्थायी समिति पद सीमा सावले,दूसरे वर्ष विनायक गायकवाड की पत्नी ममता गायकवाड,तीसरे वर्ष विलास मडेगिरी,चौधे वर्ष संतोष लोंढे सभापति बने। इसमें से ममता गायकवाड,सीमा सावले,विलास मडेगिरी विधायक लक्ष्मण जगताप समर्थक माने जाते है और संतोष लोंढे विधायक महेश लांडगे समर्थक है। महापौर पद की बात करें तो नितीन कालजे,राहुल जाधव,वर्तमान में माई ढोरे महापौर बने। इसमें से नितीन कालजे और राहुल जाधव विधायक महेश लांडगे के समर्थक है। जबकि माई ढोरे विधायक लक्ष्मण जगताप के समर्थक है।

सभापति चुनाव के बाद भाजपा के 5 सदस्यों का इस्तीफा-स्थायी समिति में कुल 16 सदस्य होते है। भाजपा के रवि लांडगे,नितीन लांडगे,सुरेश भोईर,शत्रुघ्न काटे का कार्यकाल 1 मार्च से शुरु होगा। शशीकांत कदम,अंबरनाथ कदम,संतोष कांबले,अभिषेक बारणे,सुवर्णा बुर्डे,भीमाबाई फुगे,भाजपा संलग्न निर्दलीय नगरसेविका निता पाडाले,राकांपा की पोर्णिमा सोनावणे,सुलक्षणा धर,राजु बनसोडे,प्रविण भालेकर और शिवसेना से मीनल यादव सदस्य है। स्थायी समिति सभापति का चुनाव होते ही भाजपा शशीकांत कदम,अंबरनाथ कांबले,अभिषेक बारणे,सुवर्णा बुर्डे,भीमाबाई फुगे का इस्तीफा लिया जाएगा और उन की जगह 5 नए सदस्यों को स्थायी समिति में भेजा जाएगा। ऐसी बातें भाजपा के आंगन से छनकर निकल रही है।

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