अहमदनगर-अहमदनगर के कर्जत तहसील में एक दिल को हिला देने वाली घटना घटी। एक डॉक्टर ने पत्नी,2 बेटों को जहर का इंजेक्शन देकर मार डाला फिर खुद फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। अपनी सारी प्रॉपर्टी एक दिव्यांग संस्था के नाम कर गया।यह घटना आज शनिवार सुबह 11 बजे घटी।
पुलिस के अनुसार लिखे सुसाइट लेटर में डॉक्टर ने जो परिवार की हत्या और आत्महत्या का कारण बताया वो भी चौंकाने वाला है। उसका एक बेटा दिव्यांग था। समाज के लिए तानाबाना व्यंग्य कसते थे। हीन भावना और गलत व्यवहार किया करते थे। इससे तंग आकर परिवार की जीवन लीला समाप्त किया।
शनिवार सुबह पुलिस को डॉ थोरात(41) पत्नी वर्षा(39) बड़े बेटे कृष्णा(16) और छोटे बेटे कैवल्य(7) का शव उनके घर से बरामद हुआ है। उनका राशिन गांव में एक अस्पताल भी है। पत्नी और बच्चे तीनों एक कमरे में थे और डॉक्टर दूसरे कमरे मे्ं। उनकी मौत का खुलासा तब हुआ जब कुछ मरीज डॉक्टर के पास दवा लेने पहुंचे थे। यहां से पुलिस को एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है। पत्र में यह भी लिखा है कि उनकी सारी संपत्ति दिव्यांग बच्चों के लिए काम करने वाली संस्था को दान कर रहे है। डॉ थोरात का बड़ा बेटा कृष्णा एक क्रिकेटर भी था। वह पुणे के खेल संस्थान से पढ़ाई कर रहा था और लॉकडाउन की वजह से अपने घर आ गया था।
गरीबों का मुफ्त में इलाज करते थे डॉ थोरात
डॉ थोरात मेडिकल प्रैक्टिस करने के साथ एक सामाजिक कार्यकर्ता भी थे। स्थानीय लोगों की माने तो वे कई बार फ्री में गरीब मरीजों का इलाज कर देते थे। इस तरह से उनकी मौत के बाद इलाके में अफवाहों का बाजार गर्म है। पुलिस और डॉग स्क्वायड की टीम मौके पर मौजूद है और मामले की जांच कर रही है।